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क्रिप्टोकरेंसी पेश करने की कोई योजना नहीं: सरकार

सरकार ने आज साफ कर दिया है कि वह क्रिप्टोकरेंसी जारी नहीं करने वाली है. वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी जारी नहीं करता है.

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Published : Mar 15, 2022, 7:41 PM IST

नई दिल्ली : वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा को सूचित किया कि सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पेश करने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि मौजूदा समय में, भारत में क्रिप्टोकरेंसी अनियंत्रित हैं अर्थात इसका विनियमन नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि रिजर्वबैंक क्रिप्टोकरेंसी जारी नहीं करता है. पारंपरिक कागजी मुद्रा एक कानूनी निविदा है और रिजर्व बैंक द्वारा भारतीय रिजर्वबैंक अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के अनुसार जारी की जाती है. पारंपरिक कागजी मुद्रा के एक डिजिटल संस्करण को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) कहा जाता है.

उन्होंने एक अन्य जवाब में कहा कि रिजर्व बैंक मौजूदा समय में, सीबीडीसी की शुरुआत के लिए एक चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति की दिशा में काम कर रहा है और उपयोग के मामलों की जांच कर रहा है जिसे कम या बिना किसी व्यवधान के लागू किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि समय के साथ नोटों की छपाई में गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 के दौरान 4,378 करोड़ रुपये के नोट छापे गए, जो 2020-21 में घटकर 4,012 करोड़ रुपये रह गए.

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उन्होंने कहा कि रिजर्वबैंक क्रिप्टोकरेंसी जारी नहीं करता है. पारंपरिक कागजी मुद्रा एक कानूनी निविदा है और रिजर्व बैंक द्वारा भारतीय रिजर्वबैंक अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के अनुसार जारी की जाती है. पारंपरिक कागजी मुद्रा के एक डिजिटल संस्करण को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) कहा जाता है.

उन्होंने एक अन्य जवाब में कहा कि रिजर्व बैंक मौजूदा समय में, सीबीडीसी की शुरुआत के लिए एक चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति की दिशा में काम कर रहा है और उपयोग के मामलों की जांच कर रहा है जिसे कम या बिना किसी व्यवधान के लागू किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि समय के साथ नोटों की छपाई में गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 के दौरान 4,378 करोड़ रुपये के नोट छापे गए, जो 2020-21 में घटकर 4,012 करोड़ रुपये रह गए.

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