मुंबई: बुली बाई ऐप मामले के चौथे आरोपी को मुंबई की एक अदालत ने 27 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. नीरज बिश्नोई और ओंकारेश्वर ठाकुर - को मामले में पूछताछ के लिए 'ट्रांजिट रिमांड' पर गुरुवार को मुंबई लाया गया था. इन दोनों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. बिश्नोई को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज बुली बाई ऐप से जुड़े एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था जबकि ठाकुर को 'सुली डील’ ऐप मामले में गिरफ्तार किया गया था.
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने बिश्नोई को असम से गिरफ्तार किया था और उसका दावा है कि वह बुली बाई ऐप का मुख्य निर्माता है. बिश्नोई और ठाकुर को बांद्रा मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया जहां उन्हें 27 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को बुली बाई ऐप मामले (Bulli Bai App Case) के मुख्य आरोपी और निर्माता इंजीनियरिंग के छात्र नीरज बिश्नोई (Neeraj Bishnoi) की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
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नीरज वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल में बी. टेक (कंप्यूटर साइंस) का द्वितीय वर्ष का छात्र है. पुलिस के अनुसार, बिश्नोई ने अक्टूबर में उन महिलाओं की एक सूची बनाई थी, जिन्हें वह अपने डिजिटल उपकरणों, एक लैपटॉप और सेल फोन पर ऑनलाइन बदनाम करना चाहता था. वह पूरे सोशल मीडिया पर महिला एक्टिविस्ट को ट्रेस कर रहा था और उनकी तस्वीरें डाउनलोड कर रहा था.
गिरफ्तार तीन छात्रों की जमानत याचिकाएं खारिज
वहीं, मुंबई की एक अदालत ने 'बुली बाई' ऐप से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार तीन छात्रों की जमानत याचिकाओं को गुरुवार को खारिज कर दिया. इस ऐप में मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें डालकर उन्हें निशाना बनाया गया था. तीन आरोपियों में विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक रावत शामिल हैं. मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने सिंह (18) और रावत (21) को पांच जनवरी को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया था जबकि झा को चार जनवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था.
उपनगरीय बांद्रा में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था. अदालत का विस्तृत आदेश अभी प्राप्त नहीं हो सका है. इससे पहले, पुलिस ने उनकी जमानत का विरोध करते हुए दावा किया था कि आरोपियों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के लिए सिख समुदाय से संबंधित नामों का इस्तेमाल समाज में शांति भंग करने और धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने के इरादे से किया है.
पुलिस ने अदालत से कहा कि तीनों आरोपी ट्विटर, इंस्टाग्राम और जीमेल पर कई सोशल मीडिया अकाउंट संचालित कर रहे थे. साइबर प्रकोष्ठ ने कहा है कि अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने वाले कई खातों को हटा दिया गया या निलंबित कर दिया गया और इस संबंध में अभी जानकारी जुटानी है. मुंबई पुलिस ने कई उन महिलाओं की शिकायतों के बाद प्राथमिकी दर्ज की, जिन्हें 'बुली बाई' ऐप में निशाना बनाया गया था. ऐप में कई मुस्लिम महिलाओं के विवरण सार्वजनिक किए गए थे.