नई दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पौत्र इंदरजीत सिंह सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. राजधानी स्थित भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस अवसर पर भाजपा महासचिव व पंजाब के प्रभारी दुष्यंत गौतम, पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह भी उपस्थित थे.
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद इंदरजीत सिंह ने कहा कि लंबे समय बाद आज उनके दादाजी ज्ञानी जैल सिंह की मनोकामना पूरी हुई है. उन्होंने कहा, 'जिस तरीके से कांग्रेस ने उनके साथ सलूक किया...उनका दिल दुखाया...उनकी वफादारी का क्या सिला दिया...आप सब जानते हैं.' उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी, वह उसे पूरा करने का भरपूर प्रयास करेंगे.
यही नहीं इंदरजीत सिंह ने अपने दादा ज्ञानी जैल सिंह की मौत पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब उनके दादा उन्हें भारतीय जनता पार्टी के लिए तैयार कर रहे थे उसी दौरान ज्ञानी जैल सिंह की मृत्यु एक सड़क दुर्घटना में हो गई लेकिन यह दुर्घटना थी या फिर दुर्घटना कराई गई थी यह जांच का विषय है.
उन्होंने कहा, जब मैंने राजनीति में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की तो मेरे दादाजी ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी से आशीर्वाद लेने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि जब भाजपा के वरिष्ठ नेता मदन लाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, तब मैंने पार्टी में शामिल हुए बिना ही भाजपा के लिए प्रचार किया था.
पुरी ने इस अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सत्ता को लेकर चल रही खींचतान का उल्लेख करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वहां की सरकार केंद्र सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू नहीं कर रही है. उन्होंने कहा, 'आवास योजना हो या आयुष्मान योजना, मुझे समझ नहीं आता कि राज्य सरकार इन्हें क्यों लागू नहीं कर रही है.'
इंदरजीत सिंह का भाजपा में स्वागत करते हुए पुरी ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं तो उन्हें बहुत खुशी हुई. ज्ञानी जैल सिंह देश के सातवें राष्ट्रपति थे. इस पद पर पहुंचने से पहले वह विधायक, मंत्री, सांसद, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी सेवाएं दे चुके थे. उनका जन्म पंजाब के फरीदकोट जिले में हुआ था. पुरी ने पंजाब और देश के बाकी हिस्सों में सिंह द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों की सराहना की.
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इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने पार्टी में सिंह का स्वागत करते हुए कहा कि वह पंजाब और देश भर में सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं. नरेंद्र मोदी सरकार के काम पर प्रकाश डालते हुए, गौतम ने कहा, मोदी सरकार ने 1984 के दंगा पीड़ितों को न्याय और करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को सुनिश्चित किया है.
बता दें कि कल उत्तराखंड कांग्रेस एमएलए ने भाजपा का दामन थामा था और आज कांग्रेस के एक बड़े नेता और पूर्व राष्ट्रपति के पोते ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. एक के बाद एक कर के अलग-अलग चुनावी राज्यों के नेताओं द्वारा एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी में आने की शुरुआत हो चुकी है. हालांकि ऐसा ही कुछ नजारा बिहार बंगाल और असम के चुनाव से भी पहले देखा गया था लेकिन इस बात को लेकर बीजेपी ने बाद में यह माना था कि बंगाल चुनाव में बड़ी संख्या में दूसरी पार्टियों के नेताओं को लाना कहीं ना कहीं पार्टी का गलत निर्णय था.
बावजूद इसके जैसे-जैसे इन पांच राज्यों के चुनाव नजदीक आ रहे हैं बीजेपी में शामिल होने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और हर चौथे दिन कोई न कोई दूसरी पार्टी के नेताओं को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई जा रही है. इससे पहले भी बीजेपी के नेताओं ने अंदर खाने दबी जुबान में इस बात का विरोध किया था और एक बार फिर यदि बीजेपी इसी तरह दूसरी पार्टी के नेताओं को या नए नेताओं को चुनाव से पहले प्रोत्साहित करती रही तो कहीं ना कहीं इसका असर उनके अपने नेताओं पर पड़ सकता है.
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. शिरोमणि अकाली दल का भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद इस बार वहां चतुष्कोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं. भाजपा इस बार अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी जबकि सत्ताधारी कांग्रेस को चुनौती देने के लिए शिरोमणि अकाली दल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है. आम आदमी पार्टी भी राज्य में मजबूती से अपनी जड़ें जमा रही है.