हैदराबाद : कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन की आहट के बाद शेयर मार्केट में गिरावट दर्ज की गई. मगर साल 2021 के नजरिये से देखें तो कोरोना की दूसरी लहर के बाद बाजार में आई तेजी ने निवेशकों का ध्यान शेयर बाजार की तरफ खींचा है. चालू वित्त वर्ष के अक्टूबर तक बढ़कर डीमैट अकाउंट धारकों की संख्या 7.38 करोड़ हो गई. वर्ष 2018-19 में डीमैट अकाउंट (demat account) होल्डर्स की संख्या 3.59 करोड़ थी. पिछले 31 महीने में 3.79 करोड़ नए डीमैट अकाउंट खोले गए. इस तरह हर महीने औसतन 12 लाख से अधिक डीमैट अकाउंट खोले गए.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा को एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि अभी देश में कुल 7.38 करोड़ डीमैट अकाउंट होल्डर हैं. इनके अलावा म्यूचुअल फंड के इन्वेस्टर्स (Mutual Fund Investors) की संख्या करीब 2.75 करोड़ है. सेबी के पास रजिस्टर्ड निवेश सलाहकारों की संख्या 1,324 है.
पिछले वित्त वर्ष (2020-21) में कुल डीमैट अकाउंट की संख्या 5.51 करोड़ थी. इस हिसाब से चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीने के दौरान रिकॉर्ड 1.87 करोड़ डीमैट अकाउंट (demat account) खोले गए. यह हर महीने 26.71 लाख नए अकाउंट खोले जाने का औसत है.
बता दें कि पिछले दिनों शेयर बाजार में कई IPO आए और निवेशकों ने इन्हें हाथोंहाथ लिया. अब निवेशक शेयर बाजार में एलआईसी (LIC) के आईपीओ का इंतजार कर रहे हैं. एलआईसी ने अपने बीमाधारकों को शेयर ऑफर करने वाला है. इस कारण एलआईसी ने निवेशकों को पैन कार्ड अपडेट कराने और डीमैट अकाउंट (demat account) खुलवाने की सलाह दी थी, ताकि वह समय से शेयर के लिए आवेदन कर सकें. एक्सपर्ट के मुताबिक, इस कारण पिछले दिनों डीमैट अकाउंट खुलवाने की तादाद बढ़ी है.
देश में किसी भी व्यक्ति को शेयर बाजार में सीधे निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खुलवाना जरूरी है. बिना डीमैट अकाउंट (demat account) के शेयर बाजार में किसी भी कंपनी का शेयर स्टॉक एक्सचेंज में खरीदा-बेचा नहीं जा सकता है.
एक्सपर्ट के मुताबिक, कोरोना काल के बाद इनवेस्टर्स ने शेयर बाजार का रुख किया है. मार्केट में उपलब्ध बांड्स में लाभ नहीं होने और बैंकों में इनरेस्ट रेट कम होने के बाद निवेशक शेयर में इनवेस्ट कर रहे हैं. ओमीक्रोन के कारण अगर माहौल नहीं बिगड़ा तो निवेशकों के मूड से शेयर बाजार को फायदा मिलेगा.
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