देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की नेहरू कॉलोनी डालनवाला की रहने वाली पुष्पा मुंजियाल ने अपनी सारी संपत्ति राहुल गांधी के नाम कर दी है. इसको लेकर महिला ने देहरादून कोर्ट में वसीयतनामा भी पेश किया है. पुष्पा का कहना है कि वह राहुल गांधी के विचारों से अत्यंत प्रभावित हैं. उनके परिवार ने देश की आजादी से लेकर आज तक हमेशा आगे बढ़कर अपनी सर्वोच्च कुर्बानी दी है. इस बात की जानकारी देते हुए कांग्रेस पार्टी के महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी के नाम अपनी संपत्ति कर वसीयतनामा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को उनके यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर सौंपा गया है.
राहुल गांधी के नाम कर दी पूरी संपत्ति: देहरादून की नेहरू कॉलोनी की रहने वाली मेघराज की पुत्री पुष्पा ने अपनी सारी संपत्ति राहुल गांधी के नाम कर दी है. पुष्पा आंखों से नहीं देख पाती हैं. कांग्रेस पार्टी के महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कहा कि महिला ने अपनी सारी एफडी, सोना जो उन्होंने बैंक लॉकर में रखा हुआ था. उन्होंने बैंक का लॉकर नंबर और अकाउंट नंबर वसीयतनामे में लिखा है. उन्होंने यह भी कहा है कि इसके बाद भी जो संपत्ति होगी, वो राहुल गांधी के नाम होगी. यह वसीयतनामा महिला ने कोर्ट से रजिस्टर्ड कराकर प्रीतम सिंह को सौंपा है.
पुष्पा के पास है इतनी संपत्ति: जानकारी दी गई कि पुष्पा मुंजियाल के पास संपत्ति में 50 लाख की एफडी और 10 तोला सोना भी शामिल है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से प्रभावित पुष्पा ने उनको अपनी इस संपत्ति का वारिस बनाया है. राहुल गांधी भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस से ताल्लुक रखते हैं. उनके पर नाना जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे. दादी इंदिरा गांधी भी भारत की प्रधानमंत्री रहीं. पिता राजीव गांधी भी भारत के प्रधानमंत्री रहे थे. राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी अभी कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष हैं. बहन प्रियंका कांग्रेस महासचिव का पदभार संभाल रही हैं.
राहुल गांधी से प्रभावित हैं पुष्पा मुंजियाल: कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने बताया कि आज एक वृद्ध महिला पुष्पा उम्र 79 साल उनके पास आई थीं. पुष्पा आंखों से नहीं देख पाती हैं. इस महिला ने कहा कि गांधी परिवार ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के बलिदान का जिक्र करते हुए अपनी सारी संपत्ति राहुल गांधी के नाम करने की बात कही. इतना ही नहीं उन्होंने वसीयत राहुल गांधी के नाम भी कर दी है.
क्या बोलीं पुष्पा मुंजियाल? वहीं, पुष्पा का कहना है कि वह राहुल गांधी के विचारों से अत्यंत प्रभावित हैं. गांधी परिवार ने देश की आजादी से लेकर आज तक हमेशा आगे बढ़कर अपनी सर्वोच्च कुर्बानी दी है. उन्होंने कहा कि इस देश की एकता और अखंडता के लिए गांधी परिवार ने अपने प्राणों की आहुति दी है. पुष्पा ने न्यायालय में अपनी संपत्ति का पूर्ण विवरण देते हुए राहुल गांधी के नाम वसीयतनामा प्रस्तुत कर न्यायालय से अनुरोध किया है कि मेरे बाद मेरी पूरी संपत्ति का मालिकाना हक राहुल गांधी को सौंपा जाए.
अविवाहित हैं पुष्पा: देहरादून के नेहरू रोड स्थित प्रेम धाम वृद्धा आश्रम में रहने वाली पुष्पा अविवाहित हैं. माता-पिता के निधन के बाद पुष्पा प्रेम धाम वृद्धा आश्रम में रहने आ गईं. अविवाहित होने के चलते कोई भी उनका हालचाल नहीं लेता. ईटीवी भारत से बातचीत में पुष्पा ने बताया कि देहरादून में उनकी चार बहनें हैं, लेकिन उनका किसी तरह का कोई रिश्ता-नाता कायम नहीं है. पुष्पा आगे बताती हैं कि उनका एक भाई था, जिसकी कुछ बरस पहले ही कैंसर से मौत हो चुकी है.
दून अस्पताल को दान में दिए 25 लाख रुपए: खुड़बुड़ा स्थित गुरु नानक इंटर कॉलेज में शिक्षक रहीं पुष्पा वर्ष 1999 में सेवानिवृत्त हुईं. समाज सेवा उनका ध्येय रहा, इसी कारण उन्होंने शादी भी नहीं की. सेवानिवृत्ति के बाद वर्ष 2011 में उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई में से 25 लाख रुपए प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार दून अस्पताल को दान दे दी थी. यह रकम एक एफडी के रूप में अस्पताल को दी गई थी.
पुष्पा ने उस वक्त अस्पताल के सामने यह शर्त रखी थी कि वह मूल रकम खर्च नहीं करेगा. इससे मिलने वाले सालाना ब्याज से मरीजों की मदद की जाएगी. यह रकम डेढ़ लाख से एक लाख 80 हजार रुपये सालाना बैठती है. इस रकम से आज भी अस्पताल की कई छोटी-छोटी जरूरतें भी पूरी हो रही हैं.
समाज में अधिकांश लोग आत्मकेंद्रित होकर व्यक्तिगत संघर्षों में ही उलझकर रह जाते हैं. जबकि, पुष्पा खुद 'अंधकार' में रहकर दूसरों की जिंदगी का 'उजियारा' बन गई हैं. वह अब 79 वर्ष की हैं और दोनों आंखों से दिखना बंद हो गया है. पुष्पा चाहतीं तो इन पैसों से आरामदायक जीवन जी सकती थीं. लेकिन, अपनी जीवन भर की कमाई को दान में देकर वह खुद वृद्धाश्रम में रह रही हैं.