ETV Bharat / bharat

सावधान! वेबसाइट से फिंगर प्रिंट डाउनलोड कर साइबर क्रिमिनल कर रहे लोगों के बैंक खाते साफ

author img

By

Published : Jun 2, 2023, 2:16 PM IST

Updated : Jun 2, 2023, 4:28 PM IST

आजकल जरा सी सावधानी करने पर साइबर क्रिमिनर्ल्स आपके खाते में सेंद लगा सकते हैं. ऐसे कई मामले प्रदेश के कई जिलों से सामने आए हैं. इनसे बचने के लिए जानिए आपको क्या करना चाहिए.

cyber crime
cyber crime
यूपी में साइबर अपराध

केस एक: मैनपुरी के थाना बेवर क्षेत्र के निवासी सुशील कुमार ने 19 हजार रुपये की साइबर ​ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था. जिस पर मैनपुरी पुलिस और साइबर ​​क्राइम सेल ने साइबर क्रिमिनल गैंग के छह ठग गिरफ्तार किए हैं. ​साइबर क्रिमिनल से 64030 रुपये, मोबाइल, लैपटॉप, बायोमेट्रिक मशीन, मुहर, कार और अन्य सामान बरामद हुआ है.

केस दो: आगरा के सदर बाजार निवासी रमेश कुमार ने साइबर सेल में 25 हजार रुपए की साइबर ठगी की शिकायत की थी. साइबर क्रिमिनल ने हरियाणा में उसके बैंक खाता से रकम पार की थी. ऐसे ही 4-5 मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें जमीन खरीदने और बेचने वालों के बैंक खाता से रुपये साफ हुए हैं.

आगरा: ये दो मामले महज उदाहरण हैं. यदि आपने भी हाल में प्रॉपर्टी खरीदी या बेची है या मकान की रजिस्ट्री कराई है तो सावधान हो जाएं. साइबर क्रिमिनल आपके भी बैंक खाते में सेंध लगा सकते हैं. क्योंकि, रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट पर जमीन खरीदने वाले, बेचने वाले और गवाह की जानकारी और डिजिटल डाटा सार्वजनिक है. जी हां. रजिस्ट्री वेबसाइट से डाटा चोरी करके लोगों के साथ साइबर ठगी हुई है. आगरा में पहले ही ऐसे ही कई मामले सामने आ चुके हैं. मैनपुरी पुलिस ने गुरुवार को एक ऐसे अंतरराज्यीय साइबर क्रिमिनल गैंग का पर्दाफाश किया है. यह साइबर क्रिमिनल गैंग रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट से लोगों के फिंगर प्रिंट डाउनलोड करके उनके आधार कार्ड का क्लोन बनाकर बैंक खाता साफ कर रहा था. पुलिस की पूछताछ में साइबर क्रिमिनर्ल्स ने कई चौंकाने वाले कबूलनामा किए.

साइबर अपराधियों से बचने के कुछ अचूक उपाय
साइबर अपराधियों से बचने के कुछ अचूक उपाय

यूं चुराते हैं सरकारी वेबसाइट से डाटा

आगरा साइबर क्राइम सेल के मुताबिक, साइबर ​क्रिमिनल पहले तहसीले से जमीन का बैनामा करने वाले लोगों का डाटा जमा करते हैं. उस डाटा का रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट से तहसील वार मिलान करते हैं, जिससे साइबर क्रिमिनल को जमीन के क्रेता, विक्रेता और गवाहों के फिंगर प्रिंट मिल जाते हैं. जिन्हें डाउनोड कर लेते हैं. इसके बाद कम्प्युटर सिस्टम या लैपटॉप की मदद से बटर पेपर एवं अन्य उपकरण की मदद से ठगी के लिए लोगों के फिंगर प्रिंट का क्लोन तैयार करते हैं. फिर, अपनी सेटिंग के जन सेवा केंद्र पर ऑनलाइन लोगों की केवाईसी कराकर उनके फिंगर प्रिंट के क्लोन को एक्टिवेट कर देते हैं. या जन सेवा केंद्र से यूजर आईडी और पासवर्ड लेकर मोबाइल या लैपटॉप से लॉगइन कर फिंगर प्रिंट स्केनर डिवाइस से फर्जी तैयार क्लोन फिंगर प्रिंट से लोगों के बैंक खाता से रुपये निकालते हैं.

साइबर क्रिमिनल कर रहे फिंगर प्रिंट का मिसयूज

अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) डॉ. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि आज हर व्यक्ति का यूनिक आईडी आधार कार्ड है, जो सभी के बैंक खाते से भी लिंक है. आजकल ऐसे साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. इसमें रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट पर जाकर लोगों के फिंगर प्रिंट डाउनलोट कर लेते हैं. क्योंकि, जमीन खरीदने और बेचने पर सभी को ऑनलाइन ही फिंगर प्रिंट लिए जाते हैं. साइबर क्रिमिनल रजिस्ट्री की वेबसाइट से लोगों के फिंगर प्रिंट डाउनलोड करते हैं. उस फिंगर प्रिंट का मिसयूज करते हैं.

यूं बचें साइबर ठगों से

अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) डॉ. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि साइबर ​ठगी का शिकार होने से बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है. लोगों को सलाह है कि वे अपने मोबाइल पर एम आधार एप डाउनलोड करें. इसके जरिए आप अपने फिंगर प्रिंट को लॉक करके रख सकते हैं. ऐसे में जब भी आपको आधार का यूज करना है या आधार बेस्ड ट्रांजेक्शन करना है तो एम आधार एप पर जाकर अपने फिंगर प्रिंट एक्टिवेट कर सकते हैं. इसलिए, नौ मिनट का समय मिलता है. जिसमें आप अपना बायोमेट्रिक यूज करेंगे. इसके बाद ऑटोमेटिकली लॉक हो जाएगा. इससे साइबर ठगी से बचा जा सकता है.

तुरंत करें 1930 पर काॅल

आगरा पुलिस कमिश्नरेट की साइबर क्राइम सेल के प्रभारी निरीक्षक सुल्तान सिंह ने बताया कि साइबर ​क्रिमिनल हर दिन नए-नए तरीके अपनाकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. जरा की सावधानी से लोग साइबर ठगी और साइबर क्राइम का शिकार होने से बच सकते हैं. सादबर क्राइम या साइबर ठगी का शिकार होने पर पीड़ित www.cybercrime.gov.in पर जाकर अपनी शिकायत रजिस्टर करा सकते हैं. पीड़ित को साइबर ठगी होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करनी चाहिए. इसके साथ ही अपने संबंधित पुलिस थाना और साइबर सेल में भी शिकायत करें.

यह भी पढ़ें: मुख्तार अंसारी के करीबी संदीप सिंह के शस्त्र लाइसेंस का मामला, लखनऊ में बाबू STF की रडार पर

यूपी में साइबर अपराध

केस एक: मैनपुरी के थाना बेवर क्षेत्र के निवासी सुशील कुमार ने 19 हजार रुपये की साइबर ​ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था. जिस पर मैनपुरी पुलिस और साइबर ​​क्राइम सेल ने साइबर क्रिमिनल गैंग के छह ठग गिरफ्तार किए हैं. ​साइबर क्रिमिनल से 64030 रुपये, मोबाइल, लैपटॉप, बायोमेट्रिक मशीन, मुहर, कार और अन्य सामान बरामद हुआ है.

केस दो: आगरा के सदर बाजार निवासी रमेश कुमार ने साइबर सेल में 25 हजार रुपए की साइबर ठगी की शिकायत की थी. साइबर क्रिमिनल ने हरियाणा में उसके बैंक खाता से रकम पार की थी. ऐसे ही 4-5 मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें जमीन खरीदने और बेचने वालों के बैंक खाता से रुपये साफ हुए हैं.

आगरा: ये दो मामले महज उदाहरण हैं. यदि आपने भी हाल में प्रॉपर्टी खरीदी या बेची है या मकान की रजिस्ट्री कराई है तो सावधान हो जाएं. साइबर क्रिमिनल आपके भी बैंक खाते में सेंध लगा सकते हैं. क्योंकि, रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट पर जमीन खरीदने वाले, बेचने वाले और गवाह की जानकारी और डिजिटल डाटा सार्वजनिक है. जी हां. रजिस्ट्री वेबसाइट से डाटा चोरी करके लोगों के साथ साइबर ठगी हुई है. आगरा में पहले ही ऐसे ही कई मामले सामने आ चुके हैं. मैनपुरी पुलिस ने गुरुवार को एक ऐसे अंतरराज्यीय साइबर क्रिमिनल गैंग का पर्दाफाश किया है. यह साइबर क्रिमिनल गैंग रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट से लोगों के फिंगर प्रिंट डाउनलोड करके उनके आधार कार्ड का क्लोन बनाकर बैंक खाता साफ कर रहा था. पुलिस की पूछताछ में साइबर क्रिमिनर्ल्स ने कई चौंकाने वाले कबूलनामा किए.

साइबर अपराधियों से बचने के कुछ अचूक उपाय
साइबर अपराधियों से बचने के कुछ अचूक उपाय

यूं चुराते हैं सरकारी वेबसाइट से डाटा

आगरा साइबर क्राइम सेल के मुताबिक, साइबर ​क्रिमिनल पहले तहसीले से जमीन का बैनामा करने वाले लोगों का डाटा जमा करते हैं. उस डाटा का रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट से तहसील वार मिलान करते हैं, जिससे साइबर क्रिमिनल को जमीन के क्रेता, विक्रेता और गवाहों के फिंगर प्रिंट मिल जाते हैं. जिन्हें डाउनोड कर लेते हैं. इसके बाद कम्प्युटर सिस्टम या लैपटॉप की मदद से बटर पेपर एवं अन्य उपकरण की मदद से ठगी के लिए लोगों के फिंगर प्रिंट का क्लोन तैयार करते हैं. फिर, अपनी सेटिंग के जन सेवा केंद्र पर ऑनलाइन लोगों की केवाईसी कराकर उनके फिंगर प्रिंट के क्लोन को एक्टिवेट कर देते हैं. या जन सेवा केंद्र से यूजर आईडी और पासवर्ड लेकर मोबाइल या लैपटॉप से लॉगइन कर फिंगर प्रिंट स्केनर डिवाइस से फर्जी तैयार क्लोन फिंगर प्रिंट से लोगों के बैंक खाता से रुपये निकालते हैं.

साइबर क्रिमिनल कर रहे फिंगर प्रिंट का मिसयूज

अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) डॉ. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि आज हर व्यक्ति का यूनिक आईडी आधार कार्ड है, जो सभी के बैंक खाते से भी लिंक है. आजकल ऐसे साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. इसमें रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट पर जाकर लोगों के फिंगर प्रिंट डाउनलोट कर लेते हैं. क्योंकि, जमीन खरीदने और बेचने पर सभी को ऑनलाइन ही फिंगर प्रिंट लिए जाते हैं. साइबर क्रिमिनल रजिस्ट्री की वेबसाइट से लोगों के फिंगर प्रिंट डाउनलोड करते हैं. उस फिंगर प्रिंट का मिसयूज करते हैं.

यूं बचें साइबर ठगों से

अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) डॉ. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि साइबर ​ठगी का शिकार होने से बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है. लोगों को सलाह है कि वे अपने मोबाइल पर एम आधार एप डाउनलोड करें. इसके जरिए आप अपने फिंगर प्रिंट को लॉक करके रख सकते हैं. ऐसे में जब भी आपको आधार का यूज करना है या आधार बेस्ड ट्रांजेक्शन करना है तो एम आधार एप पर जाकर अपने फिंगर प्रिंट एक्टिवेट कर सकते हैं. इसलिए, नौ मिनट का समय मिलता है. जिसमें आप अपना बायोमेट्रिक यूज करेंगे. इसके बाद ऑटोमेटिकली लॉक हो जाएगा. इससे साइबर ठगी से बचा जा सकता है.

तुरंत करें 1930 पर काॅल

आगरा पुलिस कमिश्नरेट की साइबर क्राइम सेल के प्रभारी निरीक्षक सुल्तान सिंह ने बताया कि साइबर ​क्रिमिनल हर दिन नए-नए तरीके अपनाकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. जरा की सावधानी से लोग साइबर ठगी और साइबर क्राइम का शिकार होने से बच सकते हैं. सादबर क्राइम या साइबर ठगी का शिकार होने पर पीड़ित www.cybercrime.gov.in पर जाकर अपनी शिकायत रजिस्टर करा सकते हैं. पीड़ित को साइबर ठगी होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करनी चाहिए. इसके साथ ही अपने संबंधित पुलिस थाना और साइबर सेल में भी शिकायत करें.

यह भी पढ़ें: मुख्तार अंसारी के करीबी संदीप सिंह के शस्त्र लाइसेंस का मामला, लखनऊ में बाबू STF की रडार पर

Last Updated : Jun 2, 2023, 4:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.