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कृत्रिम बुद्धिमता आधारित प्लेटफॉर्म से एक्स-रे के जरिए कोविड मरीजों की होगी जल्द पहचान - Artificial Intelligence

कोविड-19 मरीजों का जल्द पता लगाने के लिए एक स्टार्टअप ने कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence) आधारित प्लेटफॉर्म को विकसित किया हैइसके तहत छाती के एक्स-रे के कम रिजोल्यूशन की तस्वीर से भी डॉक्टर बीमारी का पता लगा सकते हैं.

एक्स-रे
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Published : Jun 2, 2021, 5:42 PM IST

नई दिल्ली : कोविड-19 मरीजों का जल्द पता लगाने के लिए एक स्टार्टअप ने कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence) आधारित प्लेटफॉर्म को विकसित किया है. इसके तहत छाती के एक्स-रे के कम रिजोल्यूशन की तस्वीर से भी डॉक्टर बीमारी का पता लगा सकते हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने बुधवार को यह जानकारी दी.

इस प्रक्रिया का नाम 'एक्स-रे सेतु' (X-ray Setu) रखा गया है और कम रिजोल्यूशन वाली फोटो को मोबाइल के जरिये भेजा जा सकता है. इसके जरिए तेज गति से जांच करने और ग्रामीण इलाकों में संक्रमण का जल्द पता लगाने में मदद मिलेगी.

डीएसटी ने कहा है, 'आर्टपार्क (एआई एंड रोबोटिक टेक्नोलॉजी पार्क) गैर लाभकारी संस्था है, जिसे भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु ने स्थापित किया है. बेंगलुरु स्थित हेल्थ-टेक स्टार्ट-अप निरामय और भारतीय विज्ञान संस्थान ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर एक्स-रे सेतु का विकास किया है. इसे कोविड-19 संक्रमित मरीजों की पहचान करने और व्हाट्सऐप के जरिये उनकी छाती के एक्स-रे को कम रिजोल्यूशन पर डॉक्टर तक भेजने की सुविधा के लिये तैयार किया गया है.'

इसमें प्रभावित इलाकों का विश्लेषण और उसे रंगों के जरिये मानचित्र (heat map) द्वारा समीक्षा भी की जायेगी. यह समीक्षा डॉक्टरों के लिये उपलब्ध रहेगी, ताकि वे आसानी से हालात के बारे में जान सकें. इसके जरिये भारत के दूर-दराज इलाकों से 1200 से अधिक रिपोर्ट मिली हैं.

स्वास्थ्य की जांच करने के लिये किसी भी डॉक्टर को एक वेबसाइट पर जाकर 'ट्राई दी फ्री एक्स-रे सेतु बीटा' बटन को क्लिक करना है. उसके बाद यह प्लेटफार्म उन्हें सीधे दूसरे पृष्ठ पर ले जायेगा, जहां उक्त डॉक्टर वेब या स्मार्टफोन एप्लीकेशन (Smartphone Application) के जरिये व्हाट्सऐप आधारित चैट-बॉट से जुड़ जायेंगे.

इसके अलावा डॉक्टर एक्स-रे सेतु सेवा शुरू करने के लिये एक नंबर पर व्हाट्सऐप संदेश भेज सकते हैं. उन्हें बस मरीज की एक्स-रे इमेज को क्लिक करना है और चंद मिनटों में ही संबंधित तस्वीरें और निदान की पूरी व्याख्या वाले दो पृष्ठ निकल आयेंगे.

डीएसटी ने कहा है, ''कोविड-19 का किसी विशेष स्थान पर ज्यादा प्रभाव डालने की संभावना को ध्यान में रखते हुये, रिपोर्ट में डॉक्टरों की सुविधा के लिये हीट-मैप का भी उल्लेख रहेगा.'

पढ़ें - CMIE के आंकड़ों में खुलासा, बेरोजगारी में सबसे आगे निकले ये राज्‍य

बयान के मुताबिक, ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान ने 1,25,000 से अधिक एक्स-रे तस्वीरों को इस प्रक्रिया से जांचा है. इसी तरह 'एक्स-रे सेतु' से एक हजार से अधिक भारतीय कोविड मरीजों की जानकारी हासिल की गई है. इस प्रक्रिया के शानदार नतीजे निकले हैं. आंकड़ों की संवेदनशीलता 98.86 प्रतिशत और सटीकता 74.74 प्रतिशत है.

कोविड-19 प्लेटफार्म के अलावा इस प्लेटफार्म से टीबी, निमोनिया समेत फेफड़े संबंधी 14 अन्य बीमारियों का भी पता लगाया जा सकता है. इसका इस्तेमाल एनालॉग और डिजिटल एक्स-रे, दोनों रूपों में किया जा सकता है. पिछले 10 महीनों के दौरान ग्रामीण इलाकों में कार्यरत 300 से अधिक डॉक्टरों ने इसका सफल प्रयोग किया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कोविड-19 मरीजों का जल्द पता लगाने के लिए एक स्टार्टअप ने कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence) आधारित प्लेटफॉर्म को विकसित किया है. इसके तहत छाती के एक्स-रे के कम रिजोल्यूशन की तस्वीर से भी डॉक्टर बीमारी का पता लगा सकते हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने बुधवार को यह जानकारी दी.

इस प्रक्रिया का नाम 'एक्स-रे सेतु' (X-ray Setu) रखा गया है और कम रिजोल्यूशन वाली फोटो को मोबाइल के जरिये भेजा जा सकता है. इसके जरिए तेज गति से जांच करने और ग्रामीण इलाकों में संक्रमण का जल्द पता लगाने में मदद मिलेगी.

डीएसटी ने कहा है, 'आर्टपार्क (एआई एंड रोबोटिक टेक्नोलॉजी पार्क) गैर लाभकारी संस्था है, जिसे भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु ने स्थापित किया है. बेंगलुरु स्थित हेल्थ-टेक स्टार्ट-अप निरामय और भारतीय विज्ञान संस्थान ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर एक्स-रे सेतु का विकास किया है. इसे कोविड-19 संक्रमित मरीजों की पहचान करने और व्हाट्सऐप के जरिये उनकी छाती के एक्स-रे को कम रिजोल्यूशन पर डॉक्टर तक भेजने की सुविधा के लिये तैयार किया गया है.'

इसमें प्रभावित इलाकों का विश्लेषण और उसे रंगों के जरिये मानचित्र (heat map) द्वारा समीक्षा भी की जायेगी. यह समीक्षा डॉक्टरों के लिये उपलब्ध रहेगी, ताकि वे आसानी से हालात के बारे में जान सकें. इसके जरिये भारत के दूर-दराज इलाकों से 1200 से अधिक रिपोर्ट मिली हैं.

स्वास्थ्य की जांच करने के लिये किसी भी डॉक्टर को एक वेबसाइट पर जाकर 'ट्राई दी फ्री एक्स-रे सेतु बीटा' बटन को क्लिक करना है. उसके बाद यह प्लेटफार्म उन्हें सीधे दूसरे पृष्ठ पर ले जायेगा, जहां उक्त डॉक्टर वेब या स्मार्टफोन एप्लीकेशन (Smartphone Application) के जरिये व्हाट्सऐप आधारित चैट-बॉट से जुड़ जायेंगे.

इसके अलावा डॉक्टर एक्स-रे सेतु सेवा शुरू करने के लिये एक नंबर पर व्हाट्सऐप संदेश भेज सकते हैं. उन्हें बस मरीज की एक्स-रे इमेज को क्लिक करना है और चंद मिनटों में ही संबंधित तस्वीरें और निदान की पूरी व्याख्या वाले दो पृष्ठ निकल आयेंगे.

डीएसटी ने कहा है, ''कोविड-19 का किसी विशेष स्थान पर ज्यादा प्रभाव डालने की संभावना को ध्यान में रखते हुये, रिपोर्ट में डॉक्टरों की सुविधा के लिये हीट-मैप का भी उल्लेख रहेगा.'

पढ़ें - CMIE के आंकड़ों में खुलासा, बेरोजगारी में सबसे आगे निकले ये राज्‍य

बयान के मुताबिक, ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान ने 1,25,000 से अधिक एक्स-रे तस्वीरों को इस प्रक्रिया से जांचा है. इसी तरह 'एक्स-रे सेतु' से एक हजार से अधिक भारतीय कोविड मरीजों की जानकारी हासिल की गई है. इस प्रक्रिया के शानदार नतीजे निकले हैं. आंकड़ों की संवेदनशीलता 98.86 प्रतिशत और सटीकता 74.74 प्रतिशत है.

कोविड-19 प्लेटफार्म के अलावा इस प्लेटफार्म से टीबी, निमोनिया समेत फेफड़े संबंधी 14 अन्य बीमारियों का भी पता लगाया जा सकता है. इसका इस्तेमाल एनालॉग और डिजिटल एक्स-रे, दोनों रूपों में किया जा सकता है. पिछले 10 महीनों के दौरान ग्रामीण इलाकों में कार्यरत 300 से अधिक डॉक्टरों ने इसका सफल प्रयोग किया है.

(पीटीआई-भाषा)

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