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अब तक फाइलों में घूम रहा 'अटल स्मारक', नहीं बंधी 'न्यास की गठरी' - ग्वालियर में अटल बिहारी मंदिर

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज जयंती (Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee birth anniversary) है, सीएम से लेकर पीएम और राष्ट्रपति सब उन्हें याद कर रहे हैं, पर उनकी यादों को सहेजने वाला स्मारक (construction of Atal Memorial pending till now) अब तक धूल फांक रहा है.

Atal Memorial
अटल स्मारक
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Published : Dec 25, 2021, 3:38 PM IST

ग्वालियर : भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति को स्थायी बनाए रखने की सारी कवायद अब तक सरकारी फाइलों में ही धूल फांक रही है. अटलजी के निधन के बाद बीजेपी उन्हें अस्थि कलश में लेकर घाट-घाट घूमती रही, उनकी स्मृतियों को संजोने का कोई मुकम्मल जतन न सरकार की तरफ से किया गया और न ही पार्टी के स्तर पर. हालांकि, वादे तो खूब लंबे-चौड़े किए गए, लेकिन जयंती (Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee birth anniversary) और पुण्यतिथि के दिन लंबे चौड़े पोस्ट और लंबी-लंबी घोषणाएं सिर्फ वादों में ही सिमटकर रह गई है.

क्या है अटल स्मारक और न्यास
क्या है अटल स्मारक और न्यास

बीजेपी के गुमनाम युग पुरुष हैं अटलजी

अटलजी के निधन के तीन साल बाद भी ग्वालियर में न तो उनकी प्रतिमा लगाई जा सकी और न ही रोड या स्कूल-कॉलेज का नामकरण अटल जी के नाम पर किया गया. उनके जीवित रहते हुए ट्रिपल आईटीएम इंस्टीट्यूट का नाम उनके नाम पर रखा गया और साडा के प्रवेश द्वार को अटल द्वार नाम दिया गया. उपचुनाव के दौरान मंच से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अटल जी के नाम पर स्मारक और न्यास के गठन का एलान किया था, पर वो अभी तक सरकारी टेबल पर ही पड़ा है.

सीएम की घोषणा के बाद भी अधर में 'अटल'

उपचुनाव के दौरान अटल स्मारक और न्यास गठित करने की सीएम की घोषणा के साल भर से ज्यादा वक्त बीत गया है, आज तक अटल स्मारक के नाम पर जमीन तक फाइनल नहीं हो पाई है. अटल न्यास के गठन की घोषणा सरकार ने की थी, अभी तक यह भी पाइपलाइन में है. इसके बाद दिसंबर 2020 में सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर अटल स्मारक के प्रोजेक्ट प्लान पर चर्चा की थी, इसके बाद फिर सीएम ने घोषणा की थी, जो आज तक जमीन पर उतरा ही नहीं, जिस पर कांग्रेस भी हमलावर है.

ग्वालियर में बना अटल जी का मंदिर
ग्वालियर में बना अटल जी का मंदिर

पढे़ं :- 25 दिसंबर : कभी न भूलने वाले शख्सियत थे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, एक नजर

अब तक न जमीन फाइनल हुई न न्यास बना

मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग की टीम ग्वालियर आकर अटल स्मारक के लिए प्रस्तावित स्थलों का भ्रमण भी कर चुकी है, जिसमें पहले नंबर पर सिरोल पहाड़ी और फिर रमौआ डैम के पास वाली जमीन को इसके लिए उपयुक्त बताया है.

हाल ही में प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इन दोनों स्थलों का निरीक्षण भी किया था. पर न जमीन फाइनल हुई. न ही न्यास बन सका. बीजेपी कह रही है कि अटलजी का स्मारक भव्य रूप में बनाना है, इसलिए जमीन फाइनल होने में समय लग रहा है. एक नजर में समझिये क्या है अटल स्मारक और न्यास.

ग्वालियर : भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति को स्थायी बनाए रखने की सारी कवायद अब तक सरकारी फाइलों में ही धूल फांक रही है. अटलजी के निधन के बाद बीजेपी उन्हें अस्थि कलश में लेकर घाट-घाट घूमती रही, उनकी स्मृतियों को संजोने का कोई मुकम्मल जतन न सरकार की तरफ से किया गया और न ही पार्टी के स्तर पर. हालांकि, वादे तो खूब लंबे-चौड़े किए गए, लेकिन जयंती (Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee birth anniversary) और पुण्यतिथि के दिन लंबे चौड़े पोस्ट और लंबी-लंबी घोषणाएं सिर्फ वादों में ही सिमटकर रह गई है.

क्या है अटल स्मारक और न्यास
क्या है अटल स्मारक और न्यास

बीजेपी के गुमनाम युग पुरुष हैं अटलजी

अटलजी के निधन के तीन साल बाद भी ग्वालियर में न तो उनकी प्रतिमा लगाई जा सकी और न ही रोड या स्कूल-कॉलेज का नामकरण अटल जी के नाम पर किया गया. उनके जीवित रहते हुए ट्रिपल आईटीएम इंस्टीट्यूट का नाम उनके नाम पर रखा गया और साडा के प्रवेश द्वार को अटल द्वार नाम दिया गया. उपचुनाव के दौरान मंच से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अटल जी के नाम पर स्मारक और न्यास के गठन का एलान किया था, पर वो अभी तक सरकारी टेबल पर ही पड़ा है.

सीएम की घोषणा के बाद भी अधर में 'अटल'

उपचुनाव के दौरान अटल स्मारक और न्यास गठित करने की सीएम की घोषणा के साल भर से ज्यादा वक्त बीत गया है, आज तक अटल स्मारक के नाम पर जमीन तक फाइनल नहीं हो पाई है. अटल न्यास के गठन की घोषणा सरकार ने की थी, अभी तक यह भी पाइपलाइन में है. इसके बाद दिसंबर 2020 में सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर अटल स्मारक के प्रोजेक्ट प्लान पर चर्चा की थी, इसके बाद फिर सीएम ने घोषणा की थी, जो आज तक जमीन पर उतरा ही नहीं, जिस पर कांग्रेस भी हमलावर है.

ग्वालियर में बना अटल जी का मंदिर
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अब तक न जमीन फाइनल हुई न न्यास बना

मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग की टीम ग्वालियर आकर अटल स्मारक के लिए प्रस्तावित स्थलों का भ्रमण भी कर चुकी है, जिसमें पहले नंबर पर सिरोल पहाड़ी और फिर रमौआ डैम के पास वाली जमीन को इसके लिए उपयुक्त बताया है.

हाल ही में प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इन दोनों स्थलों का निरीक्षण भी किया था. पर न जमीन फाइनल हुई. न ही न्यास बन सका. बीजेपी कह रही है कि अटलजी का स्मारक भव्य रूप में बनाना है, इसलिए जमीन फाइनल होने में समय लग रहा है. एक नजर में समझिये क्या है अटल स्मारक और न्यास.

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