जबलपुर। महाराष्ट्र के नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए गए ईसाई धर्मगुरु बिशप प्रेमचंद्र उर्फ पीसी सिंह को ईओडब्ल्यू ने जिला न्यायालय जबलपुर में पेश किया. यहां से उन्हें EOW की 4 दिन की रिमांड में भेज दिया गया है. ईओडब्ल्यू ने जस्टिस मनीष कुमार सिंह की कोर्ट में बिशप पीसी सिंह से पूछताछ के लिए चार दिन की रिमांड मांगी थी.
बिशप ने कबूला परिजनों के नाम से 128 बैंक खाते हैं: ईओडब्ल्यू की पूछताछ में बिशप पीसी सिंह ने कबूल किया है कि उसकी 10 एफडी व 174 बैंक खाते होने की बात कही है. जिसमें पीसी सिंह ने बताया कि 128 बैंक खाते व उसके व परिजनों के नाम है. इसके अलावा 46 बैंक खाते शैक्षणिक संस्थाओं के हैं. बिशप पीसी सिंह ने ईओडब्ल्यू टीम को 10 एफडी में 2 करोड़ 2 लाख 94 हजार 190 रुपए होने की जानकारी भी दी है. बिशप पीसी सिंह के खिलाफ देशभर में 99 एफआईआर दर्ज हैं.
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खुद को डॉन समझता था बिशप: बिशप पीसी सिंह उर्फ प्रेमचंद सिंह अपने आप को किसी डॉन से कम नहीं समझता था. वह 8 से 10 गनमैन के सुरक्षा घेरे के बीच रहता था. यहां तक कि उसके जबलपुर के नेपियर टाउन स्थित बंगले में भी गनधारी तैनात रहते थे. ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह के खिलाफ देशभर के अलग-अलग राज्यों में 99 मामले दर्ज है। इनमें सबसे ज्यादा 42 मामले उत्तरप्रदेश में दर्ज हुए है। इसके अलावा राजस्थान में 24 प्रकरण, महाराष्ट्र में 11, पंजाब में 6, एमपी में 4, छत्तीसगढ़ में 3, दिल्ली में 3 व झारखंड में 3 प्रकरण दर्ज हैं.
बिशप के मूवमेंट पर रखी जा रही थी नजर: EOW एसपी देवेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह के हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही थी. जैसे ही पीसी सिंह की लोकेशन मामलू हुई तो पता चला कि वह नई दिल्ली-बेंगलुरू से होते हुए नागपुर आ रहा है. इस खबर के बाद ईओडब्ल्यू व अन्य एजेंसियों ने एयरपोर्ट पर घेराबंदी कर ली. जैसे ही पीसी सिंह नागपुर एयरपोर्ट पर उतरा तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
बिहार का मूल निवासी है बिशप पीसी सिंह: पीसी सिंह उर्फ प्रेमचंद सिंह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है. पीसी सिंह ने 1986 में डायोकेसन कार्यकर्ता के रुप में अपना काम शुरु किया.
- 1988 में क्राइस्ट चर्च केथेड्रल जबलपुर में डीकन के रुप में नियुक्त हुआ. इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
- 1990 में सेंट ऑग्स्टीन चर्च बिलासपुर में एक प्रेस्बिटर के रुप में पदस्थ हो गया.
- 1995 से 1999 तक चेस्ट चर्च ऑफ क्राइस्ट सीएनआई जबलपुर का प्रेस्बिटर प्रभारी बन गया.
- 25 अप्रैल 2004 को सीएनआई ने पीसी सिंह को जबलपुर का बिशप बना दिया.
ईओडब्ल्यू को दबिश में मिले थे करोड़ों रुपए: जबलपुर ईओडब्ल्यू की टीम को ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी. जिसके बाद जबलपुर नेपियर टाउन स्थित उसके आवास पर 8 सितम्बर को छापेमारी की गई थी. छापेमारी में ईओडब्ल्यू को 1 करोड़ 65 लाख रुपए नगद, 48 बैंक खाते, 18352 यूएस डॉलर, 118 पांउड, 9 लग्जरी गाडिय़ां, 17 संपत्तियों के दस्तावेज व सात करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स न चुकाने का भी खुलासा हुआ था.