भोपाल। मध्य प्रदेश राजधानी भोपाल के भदभदा रोड स्थित 23वीं बटालियन के मैदान पर हर दिन सुबह 6 बजे से पुलिसकर्मियों की परेड के साथ बच्चों की फिजिकल ट्रेनिंग कराई जाती है (Agneepath Recruitment Exam). नौजवान यहां आपको अभ्यास करते दिखाई देंगे, उनमें से कुछ पुलिस परिवार के तो कई सारे सिविलियन के बच्चे हैं. साढ़े 3 महीने पहले इस ट्रेनिंग की शुरुआत की गई. इस ट्रेनिंग का नतीजा है कि अब तक बीएसफ में 7, सीआईएसएफ में 9, अग्निवीर परीक्षा में 12, एसएसजी में 6 और एमपी पुलिस के फिजिकल टेस्ट में 29 नौजवान सिलेक्ट हो चुके हैं. इन्हें यह कठिन प्रशिक्षण 23वीं बटालियान के कमांडेंट मोहम्मद युसुफ कुरैशी की निगरानी में कोच बल्ली यादव द्वारा दिया जा रहा है.
यूपीपीएससी व एमपीपीएससी की भी तैयारी: कमांडेंट कुरेशी बताते हैं कि ''हमारी यूनिट में पुलिस वेलफेयर के तहत पुलिसकर्मियों के बच्चों को ट्रेनिंग देने का मॉडल पहले से था, लेकिन उसमें हमने सिविलियन के बच्चों को भी शामिल कर लिया. उन्होंने बताया कि केवल फिजिकल टेस्ट ही नहीं हम साथ में यूपीपीएससी और एमपीपीएससी की भी तैयारी करवा रहे हैं. इसके लिए कई बड़े कोचिंग इंस्टिट्यूट से हमने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्पेशल नोट्स अपने कैंपस की लाइब्रेरी में रखवाए हैं. लाइब्रेरी में एक साथ 15 से 20 बच्चों के बैठने और पढ़ने की व्यवस्था की गई है''.
दो पाली में कराई जाती है ट्रेनिंग: बच्चों को फिजिकल टेस्ट की तैयारी करवाने वाले बल्ली यादव का कहना है कि ट्रेनिंग अलग-अलग टाइम में दी जाती है. 6 बजे से कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है. वहीं शाम के समय मेंटल स्ट्रेस से मुक्ति देने का अभ्यास कराया जाता है. इस ट्रेनिंग की खास बात यह है कि इसे पूरी तरह पुलिस व सेना में भर्ती के हिसाब से ही तैयार किया गया है, खास बात यह है कि कमांडेंट कुरेशी खुद इसकी निगरानी करते हैं.