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मध्य प्रदेश : विधानसभा स्पीकर ने मंजूर किए छह विधायकों के इस्तीफे

मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं. पढे़ं पूरी खबर...

नर्मदा प्रसाद प्रजापति
नर्मदा प्रसाद प्रजापति
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Published : Mar 14, 2020, 8:56 PM IST

Updated : Mar 14, 2020, 11:32 PM IST

नई दिल्ली/भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं.

इन विधायकों में इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत और प्रभु राम चौधरी शामिल हैं.

उधर मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने गृहमंत्री शाह से कहा है कि वह केंद्रीय गृहमंत्री होने के नाते अपनी शक्तियों का प्रयोग करें, जिससे कांग्रेस के 22 विधायक (जो बंदी बनाए गए हैं) वह वापस मध्य प्रदेश सुरक्षित पहुंच सकें.

मीडिया को जारी शाह को लिखे अपने चार पृष्ठ के पत्र में कमलनाथ ने कहा, आप कृपया केन्द्रीय गृह मंत्री होने के नाते अपनी शक्तियों का प्रयोग करें जिससे कांग्रेस के 22 विधायक जो बंदी बनाए गए हैं वे वापस मध्यप्रदेश सुरक्षित पहुंच सकें तथा 16 मार्च से प्रारंभ होने वाले विधानसभा सत्र में विधायक के रुप में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को बिना भय अथवा लालच के निर्वाह कर सकें.

कमलनाथ ने तीन मार्च 2020 के बाद के मध्यप्रदेश में हो रहे घटनाक्रम का विस्तार से उल्लेख करते हुए गृहमंत्री का इस पर ध्यान आकर्षित किया और विधायकों की रिहाई करवाने का अनुरोध किया.

उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा मुझे सूचित किया गया है कि जो विधायक विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सुनवाई में भाग लेंगे उनकी सुरक्षा का भार सीआरपीएफ को सौंपा जाना चाहिए. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री होने के नाते सभी नागिरकों जिसमें विधायकगण भी शामिल हैं कि सुरक्षा सुनिश्चत करने का उत्तर दायित्व मुझ पर है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यदि कर्नाटक पुलिस द्वारा इन 22 विधायकों को रिहा कर दिया जाता है तो मैं राज्य सरकार की ओर से उच्चतम सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करूंगा. ताकि वह न केवल बिना किसी डर के अपनी बात विधानसभा अध्यक्ष के समझ रख सकें बल्कि विधानसभा की आगामी दिनों में होने वाली विविध कार्यवाही में भी शामिल हो सकें.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही हैं. जहां बीजेपी को कॉन्फिडेंस है कि कांग्रेस अपना विश्वास मत पेश नहीं कर पाएगी, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी फ्लोर टेस्ट पास करने का दावा कर रही है.

इसी बीच कांग्रेस ने अपना आखिरी दांव खेला है. पार्टी ने विधायकों को वापस बुलाने के लिए व्हिप जारी कर दिया है.

नई दिल्ली/भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं.

इन विधायकों में इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत और प्रभु राम चौधरी शामिल हैं.

उधर मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने गृहमंत्री शाह से कहा है कि वह केंद्रीय गृहमंत्री होने के नाते अपनी शक्तियों का प्रयोग करें, जिससे कांग्रेस के 22 विधायक (जो बंदी बनाए गए हैं) वह वापस मध्य प्रदेश सुरक्षित पहुंच सकें.

मीडिया को जारी शाह को लिखे अपने चार पृष्ठ के पत्र में कमलनाथ ने कहा, आप कृपया केन्द्रीय गृह मंत्री होने के नाते अपनी शक्तियों का प्रयोग करें जिससे कांग्रेस के 22 विधायक जो बंदी बनाए गए हैं वे वापस मध्यप्रदेश सुरक्षित पहुंच सकें तथा 16 मार्च से प्रारंभ होने वाले विधानसभा सत्र में विधायक के रुप में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को बिना भय अथवा लालच के निर्वाह कर सकें.

कमलनाथ ने तीन मार्च 2020 के बाद के मध्यप्रदेश में हो रहे घटनाक्रम का विस्तार से उल्लेख करते हुए गृहमंत्री का इस पर ध्यान आकर्षित किया और विधायकों की रिहाई करवाने का अनुरोध किया.

उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा मुझे सूचित किया गया है कि जो विधायक विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सुनवाई में भाग लेंगे उनकी सुरक्षा का भार सीआरपीएफ को सौंपा जाना चाहिए. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री होने के नाते सभी नागिरकों जिसमें विधायकगण भी शामिल हैं कि सुरक्षा सुनिश्चत करने का उत्तर दायित्व मुझ पर है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यदि कर्नाटक पुलिस द्वारा इन 22 विधायकों को रिहा कर दिया जाता है तो मैं राज्य सरकार की ओर से उच्चतम सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करूंगा. ताकि वह न केवल बिना किसी डर के अपनी बात विधानसभा अध्यक्ष के समझ रख सकें बल्कि विधानसभा की आगामी दिनों में होने वाली विविध कार्यवाही में भी शामिल हो सकें.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही हैं. जहां बीजेपी को कॉन्फिडेंस है कि कांग्रेस अपना विश्वास मत पेश नहीं कर पाएगी, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी फ्लोर टेस्ट पास करने का दावा कर रही है.

इसी बीच कांग्रेस ने अपना आखिरी दांव खेला है. पार्टी ने विधायकों को वापस बुलाने के लिए व्हिप जारी कर दिया है.

Last Updated : Mar 14, 2020, 11:32 PM IST
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