राजगढ़ : मध्य प्रदेश के राजगढ़ में भाजपा कार्यकर्ताओं और कलेक्टर व डिप्टी कलेक्टर के बीच झड़प मामले में सियासत तेज हो गई है. भाजपा कार्यकर्ताओं को मारने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर निधि निवेदिता पर निशाना साधा. वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कलेक्टर की सराहना की है.
राजगढ़ में बवाल, सियासत और सवाल
भाजपा ने इन दोनों अधिकारियों द्वारा सीएए के समर्थकों को पीटे जाने पर कहा कि आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जाएगा. इसके अलावा, भाजपा ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं, कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे भाजपा की गुंडा गर्दी बताया और महिला अधिकारियों की तारीफ की.
पूरा घटनाक्रम
- दरअसल, राजगढ़ की कलेक्टर निधि निवेदिता एवं उनके अधीनस्थ काम कर रहीं डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने ब्यावरा में संशोधित नागिरकता कानून (सीएए) के समर्थन में धारा 144 लगाने के बाद भी रैली निकालने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को रोक रहीं थीं.
- इस दौरान कार्यकर्ताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच झड़प हो गई. कलेक्टर निधि निवेदिता ने भारी तादाद में पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सामने कथित रूप से रविवार को चांटे मारे.
- इस घटना के बाद महिला अधिकारी को धक्का देने और उनके बाल खींचने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
- इससे नाराज प्रदर्शनकारियों ने इन दोनों अधिकारियों से भी बदसलूकी की और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा की चोटी खींची और उन पर हमला किया. इस सारी घटना के कुछ वीडियो भी वायरल हो गये हैं.
दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मप्र के राजगढ़ में भाजपा की गुंडा गर्दी सामने आ गयी. महिला ज़िला कलेक्टर और महिला एसडीएम अधिकारीयों को पीटा गया बाल खींचे गये. महिला अधिकारीयों की बहादुरी पर हमें गर्व है.'
शिवराज सिंह चौहान की प्रतिक्रिया
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, 'आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जायेगा. आज राजगढ़ में डिप्टी कलेक्टर साहिबा ने जिस बेशर्मी से सीएए के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को लताड़ा, घसीटा और चांटे मारे, उसकी निंदा मैं शब्दों में नहीं कर सकता. क्या उन्हें प्रदर्शनकारियों को पीटने का आदेश मिला था?'
उन्होंने कहा, 'प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा कांग्रेस सरकार की चाटुकारिता के नये आयाम गढ़े जा रहे हैं. सरकार के तुगलकी फरमानों पर अमल में कौन रेस में पहले आता है, इसकी होड़ लगी है. कुछ अधिकारी भूल गए हैं कि वे किसी पार्टी के हुक्म बजाने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा के लिये पद पर हैं.'
चौहान ने लिखा, 'कलेक्टर मैडम, आप यह बताइये कि कानून की कौन सी किताब आपने पढ़ी है जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को पीटने और घसीटने का अधिकार आपको मिला है? सरकार कान खोलकर सुने ले, मैं किसी भी कीमत पर मेरे प्रदेशवासियों के साथ इस प्रकार की हिटलरशाही बर्दाश्त नहीं करूंगा.'
उन्होंने कहा, 'शासन-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी गलती से भी यह न भूलें कि सरकारें पर्मानेंट नहीं होती हैं, वो बदलती हैं. बुराई का अंत और अच्छाई की विजय निश्चित है, इसलिए नागरिकों की सेवा की ज़िम्मेदारी, जो आपको मिली है, उसे निभाने में अपनी ऊर्जा, जज़्बा, जुनून और मेहनत लगाएं.'
चौहान ने आगे कहा, 'राजगढ़ में मेरे निर्दोष नागरिक और कार्यकर्ता भारत की संसद द्वारा बनाये गए कानून के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे, क्या यह अपराध है? कलेक्टर साहिबा, कांग्रेस सरकार पर तो जनता का विश्वास कभी था ही नहीं, क्या आप चाहती हैं कि लोग शासन-प्रशासन पर भी भरोसा करना छोड़ दें?'
उन्होंने कहा, 'क्या कलेक्टरी का इतना ज्यादा नशा छा गया कि आप गली के गुंडे-बदमाशों की तरह नागरिकों को पीटने लगीं? असभ्यता और अनैतिकता की सारी हदें पार की जा चुकी हैं. लोकतंत्र का उपहास है राजगढ़ की घटना! कांग्रेस सरकार प्रदेश के नागरिकों को दबाने और कुचलने में अब अधिकारियों का सहारा ले रही है!'
उन्होंने कहा, 'मध्यप्रदेश में ऐसे अधिकारी, जो चाटुकारिता के नशे में अपनी सीमाएँ लांघ रहे हैं, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिये. कांग्रेस सरकार के साथ-साथ अब शासन-प्रशासन की मानसिकता भी हिंसक हो गई है जिसका अहिंसक विरोध हम प्रदेशवासियों के साथ करेंगे! हिंसक मानसिकता का अहिंसक विरोध!'
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने आरोप लगाया कि राजगढ़ के ब्यावरा में सीएए समर्थन रैली में नागरिकों पर प्रशासन द्वारा लाठीचार्ज किया गया और इसकी निंदा भी की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ से दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.