खंडवा: जब छात्र स्कूल में पढ़ाई की जगह टॉयलेट साफ करेंगे और उन्हें शिक्षण के बदले शौचालय की सफाई जैसे कामों के लिए तैयार किया जाएगा, तब हर किसी का सोचना लाजिमी है कि आखिर देश का कैसा भविष्य तैयार किया जा रहा है.
शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाने की योजनाएं धूल फांकती नजर आ रही हैं क्योंकि जिन्हें देश की तकदीर संवारने की जिम्मेदारी दी गई है, वो बस अपनी ही तकदीर संवार रहे हैं और जब कलेक्टर साहिबा को भी बच्चों का शौचालय साफ करना जायज लग रहा है तो भला कोई सवाल करे भी तो कैसे?
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खंडवा से आठ किमी दूर सिहाड़ा गांव के सरकारी स्कूल में बच्चे पढ़ने तो जाते हैं, लेकिन वहां उनसे टॉयलेट साफ कराया जाता है. जिसका वीडियो वायरल होने पर कलेक्टर तन्वी सुंदरियाल ने भी इसे जायज करार दे दिया. उन्होंने भी इस ज्ञान पर अपना ज्ञान बांचते हुए कहा कि बच्चे टॉयलेट क्या पूरा स्कूल भी साफ करते हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
वायरल वीडियो में छात्र स्कूल का शौचालय साफ करते दिख रहे हैं. बच्चे झाड़ू-पोछा लगाते हुए शौचालय तक साफ कर रहे हैं, जबकि स्कूल की प्रधानाध्यापक ने इस साफ इनकार कर दिया है. पर जब ग्रामीणों की नजर इस वीडियो पर पड़ी तो उनका पारा चढ़ गया. परिजनों का कहना है कि वे अपने बच्चों को पढ़ने भेजते हैं, शौचालय साफ करवाने नहीं भेजते हैं.
सिहाड़ा गांव के सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापक गुलाब सोनी बच्चों से स्कूल का शौचालय साफ करवाती हैं. उनकी इस हरकत का गांव के ही एक युवक ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया, जबकि ऐसे कई स्कूलों की साफ-सफाई के लिए स्वीपर नहीं होने से बच्चों से ही सफाई करवाया जाता है. हालांकि, प्रधानाध्यापक सफाई देते हुए कहती हैं कि लंच ब्रेक में बच्चे शौचालय गए होंगे और वहां कीचड़ था इसलिए उन्होंने पानी डाल दिया होगा.
वहीं बच्चे शिक्षक के डर के चलते ये मानने को तैयार नहीं कि वे शौचालय की सफाई करते हैं, जबकि ग्रामीणों की मानें तो बारी-बारी सभी बच्चों से सफाई करवाई जाती है. बच्चों में खौफ का आलम ये है कि वे मानने को तैयार ही नहीं हैं कि उनसे शौचालय साफ कराया जाता है.
खास बात ये है कि इस पूरे मामले में कलेक्टर तन्वी सुंदरियाल का मानना है कि बच्चे स्कूल का टॉयलेट तो क्या पूरे परिसर की भी सफाई करते हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है. इस मामले को सकारात्मक रूप में देखना चाहिए. अपनी बात सिद्ध करने के लिए कलेक्टर ने कहा कि जापान में भी बच्चे स्कूल के हर क्षेत्र की सफाई करते हैं.