नई दिल्ली: केंद्र सरकार सुस्त अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कई बड़े ऐलान कर रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हाउसिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कई ऐलान किए हैं. उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार काम कर रही है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और औद्योगिक उत्पादन में सुधार के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं. उन्होंने अर्थव्यवस्था के लिये राहत की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के लक्ष्य से अच्छी खासी नीचे है.
होम बायर्स, एक्सपोर्ट और टेक्स रिफार्म पर नजर
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारा फोकस होम बायर्स, एक्सपोर्ट और टैक्स रिफॉर्म पर है. निर्मला सीतारमण ने बताया कि 45 लाख रुपये तक के मकान को खरीदने पर टैक्स में छूट के फैसले का फायदा रियल एस्टेट सेक्टर को मिला है.
अफोर्डेबल, मिडिल इनकम हाउसिंग के लिए बड़ा ऐलान
अफोर्डेबल, मिडिल इनकम हाउसिंग के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ के फंड का ऐलान किया अफोर्डेबल हाउसिंग पर ईसीबी गाइडलाइंस आसान किया जाएगा. बता दें कि ईसीबी विंडो के तहत भारत की कंपनियां अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट्स के जरिये कुछ खास स्थितियों में विदेश से ऋण जुटाने की योग्य हैं.
फॉरेक्स लोन नियम को आसान बनाया गया
वित्त मंत्री ने कहा कि फॉरेक्स लोन नियम को आसान बनाया गया है. साथ ही उन्होंने आगे कहा कि छोटे डिफॉल्ट में अब आपराधिक मुकदमा नहीं चलेगा. 25 लाख रुपये तक के टैक्स डिफॉल्टर्स पर कार्रवाई के लिए सीनियर अधिकारियों की मंजूरी आवश्यक होगी.
सरकार का लक्ष्य
सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत से नीचे रखने का लक्ष्य दिया है. हालांकि खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में कुछ तेज होकर 3.21 प्रतिशत पर पहुंच गयी लेकिन यह अब निर्धारित दायरे में है.
जुलाई 2019 तक सुधार के स्पष्ट संकेत
सीतारमण ने कहा कि 2018-19 की चौथी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन से संबंधित सारी चिंताओं के बाद भी जुलाई 2019 तक हमें सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई देते हैं.
अच्छे परिणाम दिखने लगे हैं
उन्होंने कहा कि आंशिक ऋण गारंटी योजना समेत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में ऋण का प्रवाह सुधारने के कदमों की घोषणा के परिणाम दिखाई देने लगे हैं. उन्होंने कहा, 'कई एनबीएफसी को फायदा हुआ है.'
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उन्होंने कहा कि गोवा में जीएसटी परिषद की बैठक से एक दिन पहले वह अर्थव्यवस्था में ऋण प्रवाह की समीक्षा करने के लिये 19 सितंबर को सार्वजनिक बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगी.