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कोरोना वायरस को फैलने से रोक सकता है समुद्री लाल शैवाल : रिलायंस शोधार्थी - preventing corona

कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी दुनिया लड़ रही है. इस महामारी पर दुनियाभर में शोध किया जा रहा है. भारत की रिलायंस रिसर्च सेंटर ने इसके प्रसार को रोकने के लिए उपाय खोज निकाला है. रिलायंस के शोधार्थियों ने बताया कि कोरोना संक्रमण को समुद्री लाल शैवाल से फैलने से रोका जा सकता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Apr 12, 2020, 7:56 PM IST

मुंबई : दुनियाभर में कोरोना वायरस पर शोध किया जा रहा है. भारत में भी इस वायरस पर लगातार अध्ययन किया जा रहा है. कोरोना वायरस पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शोध कर रहे वैज्ञानिक को सफलता मिली है. शोधार्थियों ने बताया कि इस वायरस के प्रसार को फैलने से समुद्री लाल शैवाल कुंजी रोक सकती है, क्योंकि इससे निकाले गए जैव रासायनिक यौगिकों का उपयोग सैनिटरी आइटम पर एक कोटिंग के लिए किया जा सकता है.

दुनियाभर में इस महामारी से हजारों लोगों की मौत हो गई है. 17 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं. नवी मुंबई के घनसोली में रिलायंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के वैज्ञानिक विनोद नागले, महादेव गायकवाड़, योगेश पवार और सांतनु दासगुप्ता ने यह शोध किया है.

शोधार्थियों ने कोविड-19 को लेकर एक पेपर 'मरीन रेड एल्गा पोर्फिरीडियम एसपी' प्रकाशित किया है. पेपर में कहा गया है कि कोविड-19 से सल्फ़ेटेड पॉलीसैक्राइड्स के प्रसार को रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने इस महीने की शुरुआत में कर्मचारियों को आंतरिक नोट में कोविड-19 पर रिलायंस लाइफ सांइसेज द्वारा शोध किए जाने की बात कही थी.

पढ़ें : देश पर संकट के समय भी राजनीतिक दलों ने नहीं खोला अपना खजाना

उन्होंने यह भी कहा था कि रिलायंस लाइफ साइंसेज भारत की कोविड-19 के परीक्षण क्षमताओं को बढ़ा रही है, ताकि वह स्वयं पुष्टिकरण परीक्षण विकसित कर सके. बता दें कि दुनियाभर के डॉक्टर इस महामारी का इलाज खोजने में लगे हुए हैं.

मुंबई : दुनियाभर में कोरोना वायरस पर शोध किया जा रहा है. भारत में भी इस वायरस पर लगातार अध्ययन किया जा रहा है. कोरोना वायरस पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शोध कर रहे वैज्ञानिक को सफलता मिली है. शोधार्थियों ने बताया कि इस वायरस के प्रसार को फैलने से समुद्री लाल शैवाल कुंजी रोक सकती है, क्योंकि इससे निकाले गए जैव रासायनिक यौगिकों का उपयोग सैनिटरी आइटम पर एक कोटिंग के लिए किया जा सकता है.

दुनियाभर में इस महामारी से हजारों लोगों की मौत हो गई है. 17 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं. नवी मुंबई के घनसोली में रिलायंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के वैज्ञानिक विनोद नागले, महादेव गायकवाड़, योगेश पवार और सांतनु दासगुप्ता ने यह शोध किया है.

शोधार्थियों ने कोविड-19 को लेकर एक पेपर 'मरीन रेड एल्गा पोर्फिरीडियम एसपी' प्रकाशित किया है. पेपर में कहा गया है कि कोविड-19 से सल्फ़ेटेड पॉलीसैक्राइड्स के प्रसार को रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने इस महीने की शुरुआत में कर्मचारियों को आंतरिक नोट में कोविड-19 पर रिलायंस लाइफ सांइसेज द्वारा शोध किए जाने की बात कही थी.

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उन्होंने यह भी कहा था कि रिलायंस लाइफ साइंसेज भारत की कोविड-19 के परीक्षण क्षमताओं को बढ़ा रही है, ताकि वह स्वयं पुष्टिकरण परीक्षण विकसित कर सके. बता दें कि दुनियाभर के डॉक्टर इस महामारी का इलाज खोजने में लगे हुए हैं.

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