बिश्केक: भारत और किर्गिस्तान ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों का खाका तैयार कर लिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात की जानकारी साझा की. उन्होंने दोनों देशों के कारोबारी समुदाय से विभिन्न क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को भुनाने का आह्वान भी किया.
भारत-किर्गीज व्यापार मंच को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और किर्गिस्तान ने दोहरा कराधान बचाव समझौते और द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप दे दिया है. प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक इससे द्विपक्षीय व्यापार के लिए उपयुक्त माहौल तैयार होगा.
बता दें, मोदी और किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव ने संयुक्त रूप से भारत-किर्गीज व्यापार मंच का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था तेजी से बदल रही है, हमें दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी के अवसर तलाशने चाहिए.
उन्होंने कहा, 'द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने वाले तीन उत्प्रेरक हैं. उपयुक्त माहौल, संपर्क और कारोबार-से-कारोबार के मध्य आदान-प्रदान.'
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गौरतलब है कि मोदी की किर्गिस्तान यात्रा से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और किर्गिस्तान के बीच के द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी थी. इस द्विपक्षीय संधि से भारत और किर्गिस्तान के बीच निवेश का प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है. इससे दोनों देशों में निवेश करने वाले निवेशकों को संरक्षण भी मिलेगा.
मोदी ने कहा कि किर्गिस्तान में भारतीय कारोबारियों के लिए कपड़ा, रेलवे, जल विद्युत, खनन और अन्य क्षेत्रों में संभावनाएं मौजूद हैं. उन्होंने किर्गिस्तान के व्यापारियों को भारत में द्विपक्षीय व्यापार की संभावनाएं तलाशने के लिए आमंत्रित किया है.
मोदी ने कहा कि दो देशों के बीच व्यापार को सुगम बनाने में संपर्क काफी अहम होता है. उन्होंने इस संबंध में चाबहार बंदरगाह का उल्लेख किया, जो भारत और अफगानिस्तान के मध्य नए मार्ग के रूप में उभरा है.
उन्होंने कहा, 'हमें भारत और मध्य एशिया के बीच संपर्क को बेहतर बनाने पर ध्यान देने की जरूरत है. किर्गिस्तान गणराज्य यूरेशिया संघ का हिस्सा है और हम यूरेशिया संघ के साथ व्यापार बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं.'
आपको बता दें, फिलहाल मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन के लिए किर्गिस्तान की राजधानी में हैं.