अहमदाबाद: चंद्रयान-2 के लॉन्च में बस अब कुछ ही घंटे बाकी रह गए हैं. भारत के लिए ये मिशन काफी अहम माना जा रहा है. पूरे देश में उत्साह है. इसी कड़ी में गुजरातवासियों में दोगुनी खुशी दिख रही है. जानिए क्या है इसकी वजह...
दरअसल, चंद्रयान-2 रॉकेट में कुछ भाग (पुरजे) ऐसे इस्तेमाल किये गए हैं, जिन्हें सूरत की एक कंपनी हिमसन्स सैरेमिक ने बनाया है. इस संबंध में ईटीवी भारत ने हिमसन्स सैरेमिक कंपनी के मालिक निमेश बचकानीवाला से बातचीत की.
बातचीत के दौरान निमेश ने सैरेमिक से बने इन पुरजों की खासियत बताई. उन्होंने कहा कि ये पुर्जे इतने अहम हैं, कि इनके बिना रॉकेट ऊपर जा ही नहीं सकता.
उन्होंने सैरेमिक से बने इन पुरजों के उपयोगों के बारे में बताते हुए कहा कि स्पेस में तापमान कई अधिक हो जाता है, जिससे रॉकेट के कुछ पुरजों के जलने की संभावना होती है. ऐसी स्थिति में सैरेमिक से बने ये पुर्जे तापामान अवरोधक का काम करते हैं.
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गौरतलब है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) हिमसन्स सैरेमिक के साथ वर्ष 1994 से संर्पक में है. इस दौरान ISRO को अमेरिकन और यूरोपियन कंपनियों ने बैन कर दिया था. उनका मकसद था कि कोई भी विदेशी कंपनी भारत को ये सामान न दे सके.
बचकानीवाला ने बताया कि इसके बाद ISRO ने भारत में जांच की और फिर हमारे पास आए, जिसके बाद से हम ISRO के लिए ये कार्य कर रहे हैं.
इस बात की खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि ये गुजरात के लिए बेहद खुशी की बात है. साथ ही साथ उन्होंने ये भी बताया कि इन पुरजों की सुरक्षा के लिहाज से उन्होंने 21 से 22 वर्षों तक ये बात अपने परिवार से छुपाकर रखी थी.