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जानिए मैच फिक्सिंग से कब-कब कलंकित हुई क्रिकेट

क्रिकेट में मैच फिक्सिंग का किस्सा काफी पुराना है. हाल ही में संजीव चावला नाम के सटोरिये को लंदन से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है. चावला पर साल 2000 में मैच फिक्सिंग की साजिश रचने का आरोप लगा था. अब एक बार मैच फिक्सिंग की जांच शुरू हो रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस जांच में कुछ सनसनीखेज खुलासे भी हो सकते हैं. नए खुलासों से पहले आइए हम आपको बताते हैं कि क्रिकेट के इतिहास में फिक्सिंग के कितने प्रकरण सामने आए हैं और इनमें कौन-कौन से बड़े नाम शामिल रहे हैं.

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Published : Feb 17, 2020, 6:53 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 3:33 PM IST

क्रिकेट में मैच फिक्सिंग का किस्सा काफी पुराना है. हाल ही में संजीव चावला नाम के सटोरिये को लंदन से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है. चावला पर साल 2000 में मैच फिक्सिंग की साजिश रचने का आरोप लगा था. अब एक बार मैच फिक्सिंग की जांच शुरू हो रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस जांच में कुछ सनसनीखेज खुलासे भी हो सकते हैं. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच आरोपी संजीव चावला को 12 दिन की रिमांड पर लिया है. इस दौरान वह उसे उन क्रिकेट स्टेडियम में लेकर जाएगी, जहां पर उसने मैच फिक्स किए थे. यहां उससे यह जानकारी हासिल की जाएगी कि किस प्रकार से वह मैच फिक्स करता था. किस तरह से इशारे करता था. वह कौन सी जगह पर बैठता था. खिलाड़ी कहां बैठे होते थे. इस काम में कौन उसकी मदद करता था.

नए खुलासों से पहले आइए हम आपको बताते हैं कि क्रिकेट के इतिहास में फिक्सिंग के कितने प्रकरण सामने आए हैं और इनमें कौन-कौन से बड़े नाम शामिल रहे हैं.

क्रिकेट के इतिहास में कब-कब हुई बड़ी मैच फिक्सिंग

1994 : सामने आया सलीम का सच

ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ी शेन वार्न, टिम मे और मार्क वॉ ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के कप्तान सलीम मलिक ने उन्हें कराची में खराब गेंदबाजी करने को कहा, ताकि पाकिस्तान टेस्ट मैच जीत जाए. 24 मई 2000 को पाक के एक न्यायिक आयोग ने मलिक को मैच फिक्सिंग का दोषी पाया और उन पर आजीवन प्रतिबंध की सिफारिश की.

1994 : शेन वार्न व मार्क वॉ की हकीकत खुली

ऑस्ट्रेलिया के दो बड़े व नामचीन खिलाड़ियों का नाम मैच फिक्सिंग में सामने आया था. इसमें ऑस्ट्रेलिया के महानतम स्पिनर शेन वार्न और बल्लेबाज मार्क वॉ को पिच की जानकारी देने के लिए दोषी पाए जाने पर आठ हजार डॉलर प्रति व्यक्ति का जुर्माना भरना पड़ था. इस मामले को लगभग चार साल दबाने के बाद ऑस्टे्लियाई क्रिकेट बोर्ड ने शेन वार्न और मार्क वॉ को श्रीलंका में सिंगर कप के दौरान पिच की जानकारी देने के लिए पैसे लेने की बात कबूली.

2000 : सबसे बड़े खुलासे में सामने आए बड़े नाम

हैंसी क्रोनिए, मोहम्मद अजहरुद्दीन, अजय जडेजा, हेनरी विलियम्स, हर्शल गिब्स, अजय शर्मा, मनोज प्रभाकर

क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ा मैच फिक्सिंग कांड साल 2000 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली जा रही द्विपक्षीय श्रृंखला में देखने को मिला. इस दौरान भारतीय पुलिस द्वारा चौंकाने वाले खुलासे किए गए. पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों के पांच खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में शामिल थे. इनमें दोनों टीमों के कप्तान हैंसी क्रोनिए और मोहम्मद अजहरुद्दीन मुख्य आरोपी थे. दक्षिण अफ्रीका से कथित रूप से शामिल अन्य खिलाड़ियों में हेनरी विलियम्स, निकी बोजे और हर्शल गिब्स शामिल थे. खेल के दौरान हर्शल गिब्स ने अचानक मन बदल लिया और शानदार 74 रन बनाए थे. इस मैच फिक्सिंग में अजहर के साथ अजय जडेजा और मनोज प्रभाकर के नाम भी सामने आए थे. इस दौरान क्रोनजे ने मैच फिक्सिंग की बात कुबूली और गिब्स ने कहा कि क्रोनजे ने उन्हें 20 रन के अंदर आउट होने के लिए 15 हजार डॉलर की पेशकश की थी.

अजहर ने सीबीआई जांच के दौरान 1996 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, 1997 में श्रीलंका और 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैचों में अजय जडेजा और नयम मोंगिया की मदद से मैच फिक्सिंग की बात कबूली. इसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पूर्व क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन पर आजीवन क्रिकेट खेलने से रोक लगा दी गई. वहीं अजय शर्मा, अजय जडेजा और मनोज प्रभाकर को पांच के लिए निलंबित कर दिया गया था.

2008 : एक और खिलाड़ी ने कबूला सच

न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर लो विंसेंट पर मैच फिक्सिंग की बात कबूलने पर इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड द्वारा 11 साल का प्रतिबंध लगा दिया था. विंसेंट ने कहा कि उन्होंने मैच फिक्सिंग अपने कप्तान क्रिस केर्न्स के कहने पर की थी.

2008 : बताई थी मैच की रणनीति

वेस्टइंडीज के इस बल्लेबाज पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया गया था. सैमुअल्स पर अपनी टीम की रणनीति के बारे में जानकारी का खुलासा करने का आरोप था. सैमुअल्स को खेल के सभी प्रारूपों से दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था.

2010 : पाक के तीन खिलाड़ियों ने की फिक्सिंग

साल 2010 में पाकिस्तान के इंग्लैंड दौरे पर युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ और सलमान बट के नाम स्पॉट फिक्सिंग में सामने आया था. 2011 में कई सुनवाइयों के बाद आईसीसी ने तीनों खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया. बट को दस साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था, जिनमें बाद में पांच साल कम कर दिया गया. वहीं आसिफ को सात साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था, लेकिना बाद में दो साल कम कर दिया गया. पांच साल के लिए प्रतिबंधित आमिर ने 2015 में अपनी वापसी की.

2012 : IPL में स्पॉट फिक्सिंग

BCCI ने तेज गेंदबाज टीपी सुधींद्र पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया. वहीं चार अन्य घरेलू खिलाड़ियों में शलभ श्रीवास्तव पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया था और मोहनीश मिश्रा, अमित यादव और अभिनव बाली पर एक-एक साल का प्रतिबंध लगाया गया था.

2013 : IPL स्पॉट फिक्सिंग

इस वर्ष आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की घटना के खुलासे में आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेटर्स श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंदीला का नाम मैच फिक्सिंग में सामने आया. तीनों की गिरफ्तारी के बाद राजस्थान रॉयल्स ने जांच तक उनके अनुबंध को रद कर दिया था. दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि श्रीसंत और चव्हाण ने स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने की बात कबूल की थी. पुलिस ने यह भी दावा किया कि चंदीला ने खिलाड़ियों को भी इसमें शामिल करने की कोशिश की थी.

क्रिकेट में मैच फिक्सिंग का किस्सा काफी पुराना है. हाल ही में संजीव चावला नाम के सटोरिये को लंदन से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है. चावला पर साल 2000 में मैच फिक्सिंग की साजिश रचने का आरोप लगा था. अब एक बार मैच फिक्सिंग की जांच शुरू हो रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस जांच में कुछ सनसनीखेज खुलासे भी हो सकते हैं. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच आरोपी संजीव चावला को 12 दिन की रिमांड पर लिया है. इस दौरान वह उसे उन क्रिकेट स्टेडियम में लेकर जाएगी, जहां पर उसने मैच फिक्स किए थे. यहां उससे यह जानकारी हासिल की जाएगी कि किस प्रकार से वह मैच फिक्स करता था. किस तरह से इशारे करता था. वह कौन सी जगह पर बैठता था. खिलाड़ी कहां बैठे होते थे. इस काम में कौन उसकी मदद करता था.

नए खुलासों से पहले आइए हम आपको बताते हैं कि क्रिकेट के इतिहास में फिक्सिंग के कितने प्रकरण सामने आए हैं और इनमें कौन-कौन से बड़े नाम शामिल रहे हैं.

क्रिकेट के इतिहास में कब-कब हुई बड़ी मैच फिक्सिंग

1994 : सामने आया सलीम का सच

ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ी शेन वार्न, टिम मे और मार्क वॉ ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के कप्तान सलीम मलिक ने उन्हें कराची में खराब गेंदबाजी करने को कहा, ताकि पाकिस्तान टेस्ट मैच जीत जाए. 24 मई 2000 को पाक के एक न्यायिक आयोग ने मलिक को मैच फिक्सिंग का दोषी पाया और उन पर आजीवन प्रतिबंध की सिफारिश की.

1994 : शेन वार्न व मार्क वॉ की हकीकत खुली

ऑस्ट्रेलिया के दो बड़े व नामचीन खिलाड़ियों का नाम मैच फिक्सिंग में सामने आया था. इसमें ऑस्ट्रेलिया के महानतम स्पिनर शेन वार्न और बल्लेबाज मार्क वॉ को पिच की जानकारी देने के लिए दोषी पाए जाने पर आठ हजार डॉलर प्रति व्यक्ति का जुर्माना भरना पड़ था. इस मामले को लगभग चार साल दबाने के बाद ऑस्टे्लियाई क्रिकेट बोर्ड ने शेन वार्न और मार्क वॉ को श्रीलंका में सिंगर कप के दौरान पिच की जानकारी देने के लिए पैसे लेने की बात कबूली.

2000 : सबसे बड़े खुलासे में सामने आए बड़े नाम

हैंसी क्रोनिए, मोहम्मद अजहरुद्दीन, अजय जडेजा, हेनरी विलियम्स, हर्शल गिब्स, अजय शर्मा, मनोज प्रभाकर

क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ा मैच फिक्सिंग कांड साल 2000 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली जा रही द्विपक्षीय श्रृंखला में देखने को मिला. इस दौरान भारतीय पुलिस द्वारा चौंकाने वाले खुलासे किए गए. पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों के पांच खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में शामिल थे. इनमें दोनों टीमों के कप्तान हैंसी क्रोनिए और मोहम्मद अजहरुद्दीन मुख्य आरोपी थे. दक्षिण अफ्रीका से कथित रूप से शामिल अन्य खिलाड़ियों में हेनरी विलियम्स, निकी बोजे और हर्शल गिब्स शामिल थे. खेल के दौरान हर्शल गिब्स ने अचानक मन बदल लिया और शानदार 74 रन बनाए थे. इस मैच फिक्सिंग में अजहर के साथ अजय जडेजा और मनोज प्रभाकर के नाम भी सामने आए थे. इस दौरान क्रोनजे ने मैच फिक्सिंग की बात कुबूली और गिब्स ने कहा कि क्रोनजे ने उन्हें 20 रन के अंदर आउट होने के लिए 15 हजार डॉलर की पेशकश की थी.

अजहर ने सीबीआई जांच के दौरान 1996 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, 1997 में श्रीलंका और 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैचों में अजय जडेजा और नयम मोंगिया की मदद से मैच फिक्सिंग की बात कबूली. इसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पूर्व क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन पर आजीवन क्रिकेट खेलने से रोक लगा दी गई. वहीं अजय शर्मा, अजय जडेजा और मनोज प्रभाकर को पांच के लिए निलंबित कर दिया गया था.

2008 : एक और खिलाड़ी ने कबूला सच

न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर लो विंसेंट पर मैच फिक्सिंग की बात कबूलने पर इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड द्वारा 11 साल का प्रतिबंध लगा दिया था. विंसेंट ने कहा कि उन्होंने मैच फिक्सिंग अपने कप्तान क्रिस केर्न्स के कहने पर की थी.

2008 : बताई थी मैच की रणनीति

वेस्टइंडीज के इस बल्लेबाज पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया गया था. सैमुअल्स पर अपनी टीम की रणनीति के बारे में जानकारी का खुलासा करने का आरोप था. सैमुअल्स को खेल के सभी प्रारूपों से दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था.

2010 : पाक के तीन खिलाड़ियों ने की फिक्सिंग

साल 2010 में पाकिस्तान के इंग्लैंड दौरे पर युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ और सलमान बट के नाम स्पॉट फिक्सिंग में सामने आया था. 2011 में कई सुनवाइयों के बाद आईसीसी ने तीनों खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया. बट को दस साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था, जिनमें बाद में पांच साल कम कर दिया गया. वहीं आसिफ को सात साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था, लेकिना बाद में दो साल कम कर दिया गया. पांच साल के लिए प्रतिबंधित आमिर ने 2015 में अपनी वापसी की.

2012 : IPL में स्पॉट फिक्सिंग

BCCI ने तेज गेंदबाज टीपी सुधींद्र पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया. वहीं चार अन्य घरेलू खिलाड़ियों में शलभ श्रीवास्तव पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया था और मोहनीश मिश्रा, अमित यादव और अभिनव बाली पर एक-एक साल का प्रतिबंध लगाया गया था.

2013 : IPL स्पॉट फिक्सिंग

इस वर्ष आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की घटना के खुलासे में आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेटर्स श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंदीला का नाम मैच फिक्सिंग में सामने आया. तीनों की गिरफ्तारी के बाद राजस्थान रॉयल्स ने जांच तक उनके अनुबंध को रद कर दिया था. दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि श्रीसंत और चव्हाण ने स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने की बात कबूल की थी. पुलिस ने यह भी दावा किया कि चंदीला ने खिलाड़ियों को भी इसमें शामिल करने की कोशिश की थी.

Last Updated : Mar 1, 2020, 3:33 PM IST
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