ETV Bharat / bharat

अरुण जेटली नहीं रहे, लंबे समय से बीमार थे - arun jaitley died

भारतीय राजनीति में अरुण जेटली वो नाम है, जिसे हर कोई गर्व से याद करेगा. पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का AIIMS में 66 साल की उम्र में निधन हो गया. जेटली लंबे समय से बीमार चल रहे थे.

अरुण जेटली
author img

By

Published : Aug 24, 2019, 12:48 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 2:36 AM IST

नई दिल्ली: भाजपा को बुलंदियों तक पहुंचाने वालों में एक नाम अरुण जेटली का भी है. वाजपेयी सरकार के मंत्रिमंडल से लेकर मोदी मंत्रिमंडल में जगह बनाने वाले जेटली कोई ऐसे वैसे खिलाड़ी नहीं थे. दोनों सरकारों में वह बिना चुनाव जीते ही केंद्रीय मंत्री बने थे. इसके पीछे वजह थी, उनकी योग्यता. कोई भी विभाग क्यों ना हो, जेटली उसे सहजता से निभाना जानते थे. यही वजह थी कि मोदी ने भी उन्हें वित्त मंत्रालय के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग दिया था.

अरुण जेटली नहीं रहे, देखें कैसा रहा उनका जीवन

28 दिसंबर 1952 को महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के घर अरुण का जन्म हुआ था. पिता पेशे से वकील थे. स्कूली शिक्षा दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से पूर्ण करने के बाद 1973 में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से कॉमर्स में स्नातक किया. फिर पिता की तरह ही कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वकालत का रुख किया.

arun jaitley etv bharat
एम्स द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति.

पढ़ें: ऐसी थी अरुण जेटली की जीवन यात्रा...एक नज़र

कॉलेज के दिनों से ही वे राजनीति में रुचि बढ़ी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ जुड़े. 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान वे छात्र संघ के अध्यक्ष भी चुने गए.

arun
अरुण जेटली का जीवन. (डिजाइन फोटो)

सुषमा स्वाराज की तरह ही इन्होंने भी एमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया. जेपी आंदोलन से उभरे जेटली को दो बार जेल भी जाना पड़ा. इसके बाद वे 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष चुने गए. बाद में बीजेपी के युवा मोर्चा का भी नेतृत्व किया.

पढ़ें: वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली के कार्यकाल की हाइलाइट्स

कॉलेज की राजनीति के साथ जेटली ने आगाज तो कर ही दिया था. फिर क्या था वे10 जून 1980 को बीजेपी में शामिल हुए. ठीक 20 साल बाद वाजपेयी सरकार में पहली बार जेटली केंद्रीय कानून मंत्री बने. इसके साथ ही उन्हें 2001 में एक और प्रभार भी दिया गया. लंबे इंतेजार के बाद मोदी सरकार में एक बार फिर जेटली वित्त मंत्री बने.

नई दिल्ली: भाजपा को बुलंदियों तक पहुंचाने वालों में एक नाम अरुण जेटली का भी है. वाजपेयी सरकार के मंत्रिमंडल से लेकर मोदी मंत्रिमंडल में जगह बनाने वाले जेटली कोई ऐसे वैसे खिलाड़ी नहीं थे. दोनों सरकारों में वह बिना चुनाव जीते ही केंद्रीय मंत्री बने थे. इसके पीछे वजह थी, उनकी योग्यता. कोई भी विभाग क्यों ना हो, जेटली उसे सहजता से निभाना जानते थे. यही वजह थी कि मोदी ने भी उन्हें वित्त मंत्रालय के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग दिया था.

अरुण जेटली नहीं रहे, देखें कैसा रहा उनका जीवन

28 दिसंबर 1952 को महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के घर अरुण का जन्म हुआ था. पिता पेशे से वकील थे. स्कूली शिक्षा दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से पूर्ण करने के बाद 1973 में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से कॉमर्स में स्नातक किया. फिर पिता की तरह ही कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वकालत का रुख किया.

arun jaitley etv bharat
एम्स द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति.

पढ़ें: ऐसी थी अरुण जेटली की जीवन यात्रा...एक नज़र

कॉलेज के दिनों से ही वे राजनीति में रुचि बढ़ी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ जुड़े. 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान वे छात्र संघ के अध्यक्ष भी चुने गए.

arun
अरुण जेटली का जीवन. (डिजाइन फोटो)

सुषमा स्वाराज की तरह ही इन्होंने भी एमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया. जेपी आंदोलन से उभरे जेटली को दो बार जेल भी जाना पड़ा. इसके बाद वे 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष चुने गए. बाद में बीजेपी के युवा मोर्चा का भी नेतृत्व किया.

पढ़ें: वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली के कार्यकाल की हाइलाइट्स

कॉलेज की राजनीति के साथ जेटली ने आगाज तो कर ही दिया था. फिर क्या था वे10 जून 1980 को बीजेपी में शामिल हुए. ठीक 20 साल बाद वाजपेयी सरकार में पहली बार जेटली केंद्रीय कानून मंत्री बने. इसके साथ ही उन्हें 2001 में एक और प्रभार भी दिया गया. लंबे इंतेजार के बाद मोदी सरकार में एक बार फिर जेटली वित्त मंत्री बने.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Sep 28, 2019, 2:36 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.