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हवाई अड्डों के निजीकरण का विरोध : AAI कर्मचारियों ने निकाला विरोध मार्च

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण लगभग 17,000 कर्मचारियों के कार्यबल के साथ देश में लगभग 120 हवाई अड्डों का प्रबंधन करता है, लेकिन अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने प्रतिस्पर्धी बोली लगाने के बाद इनमें छह हवाई अड्डों के क्रियान्वयन का अधिकार हासिल कर लिया था. इसपर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने एक संयुक्त मंच के तत्वावधान में छह हवाई अड्डों के निजीकरण के खिलाफ नई दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध मार्च निकाला. जानें विस्तार से क्या है इन कर्मचारियों की मांग...

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Published : Nov 28, 2019, 9:59 PM IST

privatisation
AAI के कर्मचारियों ने हवाई अड्डों के निजीकरण पर किया विरोध

नई दिल्ली : एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के कर्मचारियों ने एक संयुक्त मंच के तत्वावधान में छह हवाई अड्डों के निजीकरण के खिलाफ जंतर मंतर पर विरोध मार्च निकाला.

विमानपत्तन प्राधिकरण कर्मचारी संघ (एएईयू) के महासचिव बलराज सिंह अहलावत ने विरोध मार्च के संदर्भ में कहा, 'सरकार द्वारा हवाई अड्डों के निजीकरण का यह निर्णय लाभकारी नहीं है. हम पिछले 70 वर्षों से हवाई अड्डों पर काम कर रहे हैं, हमारे पास अधिक अनुभव है और पेशेवर अंदाज भी. हमने सरकार से कई बार अपील की है कि वह हवाई अड्डों के निजीकरण को रोकने के अपने निर्णय को वापस ले, लेकिन सरकार हमारी चिंताओं को नहीं सुन रही है.'

हवाई अड्डों के निजीकरण पर AAI का विरोध.

बलराज सिंह अहलावत ने सरकार के कदम को एकतरफा करार दिया और कहा, 'अगर सरकार को लगता है कि हमारे में कुछ कमी है तो हमें सूचित किया जाना चाहिए और हम इसे सुधारेंगे.' उन्होंने कहा कि हवाई अड्डों का निजीकरण करना समाधान नहीं है.

दरअसल पिछले साल सरकार ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी में हवाई अड्डों के निजीकरण का फैसला किया.

इसे भी पढ़ें- निजीकरण की बोली विफल होने पर बंद हो सकती है एयर इंडिया: सरकार

गौरतबल है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण लगभग 17,000 कर्मचारियों के कार्यबल के साथ देश में लगभग 120 हवाई अड्डों का प्रबंधन करता है.

उल्लेखनीय है कि एएईयू फरवरी से सरकार के इस कदम का विरोध कर रहा है, जब अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने प्रतिस्पर्धी बोली लगाने के बाद इन छह हवाई अड्डों के क्रियान्वयन के अधिकार हासिल किए थे.

बता दें कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया कर्मचारी यूनियन (AAEU) में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफिसर्स एसोसिएशन और इंडियन एयरपोर्ट्स कामगर यूनियन भी शामिल हैं.

नई दिल्ली : एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के कर्मचारियों ने एक संयुक्त मंच के तत्वावधान में छह हवाई अड्डों के निजीकरण के खिलाफ जंतर मंतर पर विरोध मार्च निकाला.

विमानपत्तन प्राधिकरण कर्मचारी संघ (एएईयू) के महासचिव बलराज सिंह अहलावत ने विरोध मार्च के संदर्भ में कहा, 'सरकार द्वारा हवाई अड्डों के निजीकरण का यह निर्णय लाभकारी नहीं है. हम पिछले 70 वर्षों से हवाई अड्डों पर काम कर रहे हैं, हमारे पास अधिक अनुभव है और पेशेवर अंदाज भी. हमने सरकार से कई बार अपील की है कि वह हवाई अड्डों के निजीकरण को रोकने के अपने निर्णय को वापस ले, लेकिन सरकार हमारी चिंताओं को नहीं सुन रही है.'

हवाई अड्डों के निजीकरण पर AAI का विरोध.

बलराज सिंह अहलावत ने सरकार के कदम को एकतरफा करार दिया और कहा, 'अगर सरकार को लगता है कि हमारे में कुछ कमी है तो हमें सूचित किया जाना चाहिए और हम इसे सुधारेंगे.' उन्होंने कहा कि हवाई अड्डों का निजीकरण करना समाधान नहीं है.

दरअसल पिछले साल सरकार ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी में हवाई अड्डों के निजीकरण का फैसला किया.

इसे भी पढ़ें- निजीकरण की बोली विफल होने पर बंद हो सकती है एयर इंडिया: सरकार

गौरतबल है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण लगभग 17,000 कर्मचारियों के कार्यबल के साथ देश में लगभग 120 हवाई अड्डों का प्रबंधन करता है.

उल्लेखनीय है कि एएईयू फरवरी से सरकार के इस कदम का विरोध कर रहा है, जब अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने प्रतिस्पर्धी बोली लगाने के बाद इन छह हवाई अड्डों के क्रियान्वयन के अधिकार हासिल किए थे.

बता दें कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया कर्मचारी यूनियन (AAEU) में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफिसर्स एसोसिएशन और इंडियन एयरपोर्ट्स कामगर यूनियन भी शामिल हैं.

Intro:New Delhi: Airport Authority of India (AAI) under a joint forum on Thursday held a protest march at New Delhi's Jantar Mantar against the privatisation of six airports .

"This decision by government to privatise airports is not profit making, we are working in airports from last 70 years, we are more professional and experience. We have appealed many times to the government to roll back their decision to stop privatisation of airports but the government is not listening to our concerns," said Balraj Singh Ahlawat, General Secretary of Airports Authority of Employees Union (AAEU).


Body:Balraj Singh Ahlawat termed the government's move as unilateral and said that if the government thinks that we are lacking behind something then we must be informed and we will rectify it. Privatising the airports at once is not the solution, he added.

Last year the government decided to privatise airports in Lucknow, Ahmedabad, Jaipur, Mangaluru, Thiruvananthapuram and Guwahati for operations, management and development through the public private partnership (PPP) model.


Conclusion:The Airport Authority of India manages around 120 airports in the country with a workforce of around 17,000 employees.

AAEU has been protesting against the government move since February when the Adani Enterprises Ltd (AEL) won the rights to run these six airports after competitive bidding.

AAEU comprises the Airport Authority of India employees union, Airport Authority Officers Association and Indian Airports Kamgar Union.
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