चेन्नई: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त जैसा कदम स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहले कभी नहीं उठाया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि इसके जरिये उत्तर प्रदेश और गुजरात के नौकरशाहों को केंद्र शासित प्रदेश पर शासन करने के लिए छोड़ दिया गया. नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की आत्मकथा उंगालिल उरुवन (आपके बीच से ही एक) के विमोचन के मौके पर अपने संबोधन में तत्कालीन राज्य के केंद्रशासित प्रदेश के रूप में विभाजन किये जाने पर अफसोस जताया.
अब्दुल्ला के इस बयान के बाद गांधी की यह टिप्पणी सामने आई. गांधी ने कहा कि उमर ने आज कमाल की बात कही. हमें यह समझना होगा कि आजादी के बाद पहली बार भारतीय संघ के किसी राज्य की शक्तियां छीन ली गईं. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि लोगों के अधिकार उनसे छीने गए हों. आज जम्मू-कश्मीर के लोग खुद पर शासन नहीं करते हैं. उत्तर प्रदेश और गुजरात के नौकरशाह जम्मू-कश्मीर में शासन करते हैं. इस मौके पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मौजूद थे.
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाए जाने का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि पंजाब में सैकड़ों किलोमीटर जमीन एकतरफा छीन ली गई और बिना किसी सवाल, चर्चा के बीएसएफ को दी गई और वे तमिलनाडु के लिए भी ऐसा ही करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायपालिका, निर्वाचन आयोग और मीडिया पर एक-एक करके व्यवस्थित तरीके से हमला किया जा रहा है. लेकिन भाजपा को किसी भ्रम में नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम उनसे लड़ने जा रहे हैं, हम उन्हें हराने जा रहे हैं.
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गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन पर तमिलनाडु के लोगों पर कुछ अन्य विचार थोपने की कोशिश करने का आरोप लगाया. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर दुख जताते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों, उनके पिता और खुद उन्हें ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों से गुजरना पड़ा जिसकी हम शायद ही कभी कल्पना कर सकते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को समर्थन देने के लिए स्टालिन और उनकी पार्टी को धन्यवाद दिया. इससे पूर्व लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने स्टालिन की किताब का विमोचन किया. किताब की पहली प्रति द्रमुक नेता और राज्य के जल संसाधन मंत्री दुरुईमुरुगन को दी गयी.