सावन मेला पर कोरोना का ग्रहण, हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था ठप
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संथाल की अर्थव्यवस्था सावन मेले पर आधारित है. इस साल सावन मेला नहीं लगने पर शिवभक्तों के अलावा पंडे-पुजारी और दुकानदार भी मायूस हैं. पुजारियों के अनुसार उनका पुश्तैनी काम पूजा-पाठ ही है. इस एक महीने की कमाई से उनके सालभर का इंतजाम हो जाता है. यजमान नहीं आए तो घर चलाना मुश्किल हो जाएगा.