Vidoe: कोडरमा के झरनाकुण्ड धाम में उमड़े शिव भक्त - Jharkhand news
🎬 Watch Now: Feature Video

सावन का पहला सोमवार, इसका काफी महत्व है. देशभर में विभिन्न शिवालयों में भगवान शिव की पूजा को लेकर भक्तों का तांता लगा है. इसी तरह कोडरमा के झरनाकुण्ड धाम में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. झरनाकुण्ड धाम के बारे में मान्यता है कि आज से 100 साल पहले एक चरवाहा इस इलाके में जानवरों को चराता था. एक दिन जानवर चराने के दौरान तेज बारिश होने लगी और वह चरवाहा बारिश के कारण झरनाकुण्ड धाम के पास से गुजरने वाले नदी के तेज बहाव में बहने लगा. इसी दौरान चरवाहा एक पत्थर पकड़ कर बाबा भोले से विनती करने लगा. बाबा भोले की विनती के कारण बारिश रुक गयी और चरवाहा नदी के तेज बहाव में बहने से बच गया और बाद में वह जिस पत्थर को पकड़ कर बाबा भोले से विनती कर रहा था वहां शिवलिंग स्थापित हो गयी. उसके बाद से इस स्थान की मान्यता बढ़ गयी और तब से यह शिवभक्तों का आना-जाना शुरू हो गया. सावन की अंतिम सोमवारी को यहां से कांवर पद यात्रा निकलती हैं. जहां बिहार-झारखंड और बंगाल से हजारों की संख्या में शिवभक्त जुटते हैं. शिवभक्त यहां से जल उठाकर जंगल के रास्ते होते हुए 14 किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर ध्वजाधारी पहाड़ पहुंचते हैं और 777 सीढ़ियां चढ़कर बाबा भोले को जलाभिषेक करते हैं.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:25 PM IST