ETV Bharat / sukhibhava

जरूरी नहीं कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करे : स्वास्थ्य विभाग

कोरोना की तीसरी लहर के बच्चों पर असर को लेकर अफवाहों का बाजार गरम है। लेकिन  चिकित्सक और जानकार इस बात की पुष्टि नही कर रहे हैं। इन अफवाहों के चलते लोगों में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं काफी ज्यादा बढ़ रहीं है। अभिभावकों की चिंता कम करने उद्देश्य से ETV भारत सुखीभवा की टीम ने अपने विशेषज्ञों से बात की।

covid kids, kids covid, third wave
कोविद-19 और बच्चें
author img

By

Published : Jun 10, 2021, 3:38 PM IST

Updated : Jun 10, 2021, 4:21 PM IST

कोरोना की दूसरी लहर पर अभी तक पुरी तरह नियंत्रण लग भी नही पाया है, लेकिन संक्रमण की तीसरी लहर और उसके स्वरूप को लेकर अफवाहों का बाजार गरम होने लगा है। इनमें एक अफवाह यह भी है की कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर भारी रहेगी , हालांकि ज्यादातर चिकित्सक तथा जानकार इससे इत्तेफाक नही रख रहे है, और लोगों को सलाह दे रहें हैं कोरोना के नई लहर के बच्चों पर असर जैसी बातों से डरने की बजाय उन्हे संक्रमण से दूर रखने के लिए प्रयास करें। इस संबंध में ETV भारत सुखीभवा ने भी अपने विशेषज्ञों से जानकारी ली ।

क्या कहते हैं चिकित्सक

हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एआईआईएमएस (एम्स)के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक प्रेस वार्ता में साफ किया की कि वैश्विक या भारतीय स्तर पर बच्चों को लेकर ऐसा कोई डेटा नहीं है जिससे यह जानकारी मिलती हो कि तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा होगा। उन्होंने बताया की कोरोना वायरस की दूसरी लहर में भी जो बच्चे वायरस से संक्रमित हुए हैं वो या तो बेहद कम बीमार हुए या वो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे थे।

ईटीवी भारत सुखीभवा के विशेषज्ञ तथा एप्पल अस्पताल में जनरल फिजीशियन डॉ संजय के जैन भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं की तीसरी लहर के सिर्फ बच्चों पर गंभीर असर की आशंका काफी कम है। वह बताते हैं की कोरोना संक्रमण के शुरुआत दौर से ही इस बात से सभी वाकिफ हैं की यह संक्रमण हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी होने पर हमारे शरीर को प्रभावित करता है। और इस बारें में भी लगभग सभी लोग जानते हैं की बच्चों की इम्यूनिटी काफी मजबूत होती है। ऐसे बच्चे जो पहले से ही किसी गंभीर रोग या अवस्था का शिकार हो , इस संक्रमण को लेकर संवेदनशील हो सकते है। लेकिन सामान्य स्वास्थ्य वाले बच्चों पर इस संक्रमण का ज्यादा और गंभीर असर ज्यादातर देखने सुनने में नही आता है। आंकड़ों की भी बात करें तो हालांकि कोरोना की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में बच्चों में कोरोना संक्रमण के ज्यादा मामलें सामने तो आए लेकिन उनमें से अधिकांश मामलों में बच्चों पर संक्रमण का असर काफी कम था। यहीं नही बच्चों में इस संक्रमण के पार्श्व प्रभाव भी काफी कम नजर आते हैं।

पढ़ें:हमेशा बुखार नहीं होता हैं, बच्चों में गर्माहट की वजह।

बच्चों की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है

देहरादून की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ लतिका जोशी कहती है की परिस्थितियां चाहे जो भी हो, बहुत जरूरी है की बच्चों के सेहत को बनाए रखने के लिए उनके अभिभावक ज्यादा ध्यान दे । सिर्फ खान पान ही नही बल्कि उनकी दिनचर्या तथा व्यायाम संबंधी आदतों पर ध्यान दिया जाना भी बहुत जरूरी है।

डॉ जोशी बताती है की बच्चों को देखभाल में निम्न लिखित बातों को ध्यान में अवश्य रखना चाहिए।

  • बच्चों को अपने शरीर तथा आसपास की साफ-सफाई के लिए प्रेरित करें। विशेषतौर पर थोड़े- थोड़े समय के उपरांत सही तरह से हाथ धोने के लिए कहें।
  • उन्हे घर में बना ताजा सुपाच्य भोजन खाने के लिए प्रेरित करें जैसे हरी सब्जियां और सभी प्रकार की दाले आदि। बाजार में मिलने वाले भोजन विशेषकर फास्ट तथा जंक से परहेज करने की सलाह दें।
  • भोजन में फलों , डेयरी उत्पादों और सूखे मेवों की मात्रा बढ़ाएं। जहां तक संभव हो उन्हे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन तथा जिंक युक्त खुराक दे ।
  • ज्यादा मात्रा में पानी और नारियल पानी जैसे अन्य पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए , जिससे शरीर हाइड्रेट रहे।
  • उन्हे नियमित रूप से किसी भी प्रकार का व्यायाम या ऐसा खेल खेलने के लिए प्रेरित करें जिसमें उनकी शारीरिक कसरत हो। इसके साथ ही ब्रिदिंग व्यायाम तथा योग जैसे प्राणायाम के लिए भइ उन्हे प्रेरित करें।
  • आसपास सकारात्मक वातावरण बनाए रखें, जिससे उनमे डर, तनाव तथा एन्जाईटी उत्पन्न न हो।
  • मास्क और सेनेटाइजेशन की जरूरत समझाएं, और बिना मास्क घर से बाहर न जाने दे ।
  • बच्चों को समूह में खेलनें से रोकें ।
  • जन्मदिन पार्टी या समारोह में न लेकर जाएं।
  • बच्चे में संक्रमण के लक्षण नजर आने पर आइसोलेट करें और चिकित्सक से सलाह लें ।

पढ़ें:कोविड-19 की दूसरी लहर : बच्चों में ठीक होने के बाद हो रहीं हैं समस्याएं, कैसे करें उनसे बचाव ?

कोरोना की दूसरी लहर पर अभी तक पुरी तरह नियंत्रण लग भी नही पाया है, लेकिन संक्रमण की तीसरी लहर और उसके स्वरूप को लेकर अफवाहों का बाजार गरम होने लगा है। इनमें एक अफवाह यह भी है की कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर भारी रहेगी , हालांकि ज्यादातर चिकित्सक तथा जानकार इससे इत्तेफाक नही रख रहे है, और लोगों को सलाह दे रहें हैं कोरोना के नई लहर के बच्चों पर असर जैसी बातों से डरने की बजाय उन्हे संक्रमण से दूर रखने के लिए प्रयास करें। इस संबंध में ETV भारत सुखीभवा ने भी अपने विशेषज्ञों से जानकारी ली ।

क्या कहते हैं चिकित्सक

हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एआईआईएमएस (एम्स)के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक प्रेस वार्ता में साफ किया की कि वैश्विक या भारतीय स्तर पर बच्चों को लेकर ऐसा कोई डेटा नहीं है जिससे यह जानकारी मिलती हो कि तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा होगा। उन्होंने बताया की कोरोना वायरस की दूसरी लहर में भी जो बच्चे वायरस से संक्रमित हुए हैं वो या तो बेहद कम बीमार हुए या वो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे थे।

ईटीवी भारत सुखीभवा के विशेषज्ञ तथा एप्पल अस्पताल में जनरल फिजीशियन डॉ संजय के जैन भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं की तीसरी लहर के सिर्फ बच्चों पर गंभीर असर की आशंका काफी कम है। वह बताते हैं की कोरोना संक्रमण के शुरुआत दौर से ही इस बात से सभी वाकिफ हैं की यह संक्रमण हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी होने पर हमारे शरीर को प्रभावित करता है। और इस बारें में भी लगभग सभी लोग जानते हैं की बच्चों की इम्यूनिटी काफी मजबूत होती है। ऐसे बच्चे जो पहले से ही किसी गंभीर रोग या अवस्था का शिकार हो , इस संक्रमण को लेकर संवेदनशील हो सकते है। लेकिन सामान्य स्वास्थ्य वाले बच्चों पर इस संक्रमण का ज्यादा और गंभीर असर ज्यादातर देखने सुनने में नही आता है। आंकड़ों की भी बात करें तो हालांकि कोरोना की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में बच्चों में कोरोना संक्रमण के ज्यादा मामलें सामने तो आए लेकिन उनमें से अधिकांश मामलों में बच्चों पर संक्रमण का असर काफी कम था। यहीं नही बच्चों में इस संक्रमण के पार्श्व प्रभाव भी काफी कम नजर आते हैं।

पढ़ें:हमेशा बुखार नहीं होता हैं, बच्चों में गर्माहट की वजह।

बच्चों की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है

देहरादून की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ लतिका जोशी कहती है की परिस्थितियां चाहे जो भी हो, बहुत जरूरी है की बच्चों के सेहत को बनाए रखने के लिए उनके अभिभावक ज्यादा ध्यान दे । सिर्फ खान पान ही नही बल्कि उनकी दिनचर्या तथा व्यायाम संबंधी आदतों पर ध्यान दिया जाना भी बहुत जरूरी है।

डॉ जोशी बताती है की बच्चों को देखभाल में निम्न लिखित बातों को ध्यान में अवश्य रखना चाहिए।

  • बच्चों को अपने शरीर तथा आसपास की साफ-सफाई के लिए प्रेरित करें। विशेषतौर पर थोड़े- थोड़े समय के उपरांत सही तरह से हाथ धोने के लिए कहें।
  • उन्हे घर में बना ताजा सुपाच्य भोजन खाने के लिए प्रेरित करें जैसे हरी सब्जियां और सभी प्रकार की दाले आदि। बाजार में मिलने वाले भोजन विशेषकर फास्ट तथा जंक से परहेज करने की सलाह दें।
  • भोजन में फलों , डेयरी उत्पादों और सूखे मेवों की मात्रा बढ़ाएं। जहां तक संभव हो उन्हे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन तथा जिंक युक्त खुराक दे ।
  • ज्यादा मात्रा में पानी और नारियल पानी जैसे अन्य पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए , जिससे शरीर हाइड्रेट रहे।
  • उन्हे नियमित रूप से किसी भी प्रकार का व्यायाम या ऐसा खेल खेलने के लिए प्रेरित करें जिसमें उनकी शारीरिक कसरत हो। इसके साथ ही ब्रिदिंग व्यायाम तथा योग जैसे प्राणायाम के लिए भइ उन्हे प्रेरित करें।
  • आसपास सकारात्मक वातावरण बनाए रखें, जिससे उनमे डर, तनाव तथा एन्जाईटी उत्पन्न न हो।
  • मास्क और सेनेटाइजेशन की जरूरत समझाएं, और बिना मास्क घर से बाहर न जाने दे ।
  • बच्चों को समूह में खेलनें से रोकें ।
  • जन्मदिन पार्टी या समारोह में न लेकर जाएं।
  • बच्चे में संक्रमण के लक्षण नजर आने पर आइसोलेट करें और चिकित्सक से सलाह लें ।

पढ़ें:कोविड-19 की दूसरी लहर : बच्चों में ठीक होने के बाद हो रहीं हैं समस्याएं, कैसे करें उनसे बचाव ?

Last Updated : Jun 10, 2021, 4:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.