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Food Habits : इस प्रकार भोजन करने से शरीर को निरोगी-तंदुरुस्ती में मिलती है मदद

हाल ही में भोजन करने के सही तरीके पर एक शोध हुआ है. इस शोध में समय प्रतिबंधित भोजन करने की Food Habits से शरीर को कई फायदों की पुष्टि हुई है. World hypertension day . International day of families . Hypertension day .

world hypertension day  international day of families 17 may 2023 17 may hypertension day
समय प्रतिबंधित भोजन - कॉन्सेप्ट इमेज
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Published : Jan 26, 2023, 5:08 PM IST

Updated : May 17, 2023, 11:07 AM IST

हर चिकित्सा पद्धति में माना जाता है कि आहार में अनुशासन अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है. समय-प्रतिबंधित भोजन करना यानी निर्धारित अंतराल पर और निर्धारित समय पर भोजन करने से ना सिर्फ शरीर की सर्काडियन रिदम बेहतर होती है, जिससे कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ होते हैं बल्कि कैंसर जैसे गंभीर रोगों से बचाव में महत्वपूर्ण जीन की सक्रियता भी बेहतर होती है. युवा नर चूहों पर हुए परीक्षण आधारित एक शोध के नतीजों ने भी इसी तथ्य की पुष्टि की है. Body circadian rhythm . Food Habits .

इस शोध में सामने आया है कि समय-प्रतिबंधित भोजन करने से शरीर में एंटी-एजिंग तथा एंटीकैंसर प्रभाव बढ़ सकते हैं. साथ ही समय-प्रतिबंधित भोजन शरीर में कई ऊतकों में जीन की अभिव्यक्ति को प्रभावित करता है. यह शोध सेल मेटाबोलिज़्म में प्रकाशित हुआ है. मेडिकल टुडे न्यूज में दी गई जानकारी के अनुसार इस शोध के दौरान परीक्षण के उपरांत जांच में पाया गया की परीक्षण का विषय रहे चूहों में जिन्हें ' समय प्रतिबंधित भोजन ' ( TRE ) दिया गया था, उनमें आंत, हृदय, फेफड़े, यकृत और मस्तिष्क सहित पूरे शरीर में 22 विविध ऊतकों में जीन की गतिविधि प्रभावित हुई थी. अध्ययन में इस बात के प्रमाण भी मिले हैं कि समय-प्रतिबंधित भोजन ना सिर्फ दीर्घायु बना सकता है बल्कि शरीर में कैंसर से लड़ने की क्षमता भी बढ़ाता हैं. शोधकर्ताओं ने बताया है कि समय-प्रतिबंधित भोजन शैली का पालन करने से शरीर की आराम, सक्रियता तथा किसी भी शारीरिक गतिविधि के होने या उसे करने की क्षमता का प्राकृतिक दैनिक चक्र मजबूत होता है जिससे स्वास्थ्य में भी सुधार होता है. Time restricted eating .

समय-प्रतिबंधित भोजन के लाभ : Time Restricted Eating
गौरतलब हैं कि समय-प्रतिबंधित भोजन को “इंटरमिटेंट फास्टिंग” का एक रूप माना जाता है, जिसमें लोग एक निर्धारित अवधि के दौरान जो चाहें खा सकते हैं लेकिन बाकी समय वे उपवास रखते हैं यानी कुछ नहीं खाते हैं. इससे पूर्व भी संबंधित विषय पर जानवर मॉडल तथा मानव मॉडल पर कई शोध किए गए हैं, जिनमें से लगभग सभी में इसके फ़ायदों को माना गया है. 2022 में मानव मॉडल पर हुए अन्य एक शोध की समीक्षा रिपोर्ट में भी में कहा गया था कि मनुष्यों में समय-प्रतिबंधित भोजन से मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग में तो सुधार होता ही है साथ ही नींद और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकता है. शोध में कहा गया था कि समय-प्रतिबंधित भोजन से अच्छी नींद, अच्छा मेटाबोलिज़्म, वजन बढ़ने से बचाव या मोटापे जैसी समस्या से राहत मिलती है तथा शरीर में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है. साथ ही इससे हृदय व आंत संबंधी समस्याओं से बचाव सहित कई फायदे हो सकते हैं.

Time-restricted eating helps bodys circadian rhythm and protects against disease
समय प्रतिबंधित भोजन - कॉन्सेप्ट इमेज

कैसे हुआ शोध
चूहों पर हुआ यह शोध साल्ट इंस्टीट्यूट ऑफ ला-जोला, एल ए. में रीटा एंड रिचर्ड एटकिन्सन चेयर पर काबिज प्रोफेसर सच्चिदानंद पांडा तथा उनकी टीम द्वारा किया गया था जिसमें आहार विशेषज्ञ भी शामिल थे. इस शोध के निष्कर्षों में प्रोफेसर पांडा बताते हैं कि इस शोध के परिणाम इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे समय-प्रतिबंधित भोजन पर आधारित पोषण संबंधी प्रक्रिया, कैंसर जैसे रोग में लड़ने वाले जीन को सक्रिय कर सकती है.

शोध में माना गया है कि दिन में किसी भी समय कुछ भी खाने की बजाय समय-प्रतिबंधित भोजन शैली का पालन करने से ज्यादा स्वास्थ्य लाभ मिलते है, फिर भले ही ग्रहण किए जा रहे भोजन में ज्यादा कैलोरी युक्त या किसी भी प्रकार के आहार का सेवन किया जा रहा हो. वहीं शोध के नतीजों में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि समय-प्रतिबंधित भोजन शैली इंसुलिन प्रतिक्रिया को नियंत्रित रखती है, जिससे भूख कम लगती है तथा वजन भी कम हो सकता है. इस शोध के लिए चूहों के दो समूह बनाए गए थे जिनमें एक समूह के चूहों को जब वे चाहे खाने दिया गया था वहीं दूसरे समूह को हर 9 घंटे की अवधि के बाद भोजन दिया था. दोनों समूहों के चूहों ने इस शोध में बराबर मात्रा में वेस्टर्न आहार ग्रहण किया जिनमें कुल कैलोरी एक समान थी. सात हफ्तों के बाद, शोधकर्ताओं ने चूहों के पेट, आंत, यकृत, फेफड़े, हृदय, अधिवृक्क ग्रंथि, हाइपोथैलेमस तथा गुर्दे सहित 22 अंगों और मस्तिष्क से नमूने लिए.

Food Habits Time-restricted eating helps bodys circadian rhythm and protects against disease
समय प्रतिबंधित भोजन - कॉन्सेप्ट इमेज

जिसमें सामने आया कि दूसरे समूह की तुलना में समय-प्रतिबंधित भोजन शैली का पालन करने वाले समूह की समग्र जीन अभिव्यक्ति में सकारात्मक परिवर्तन आया था. वहीं इस समूह के चूहों के शरीर की सर्काडियन लय भी मजबूत हुई थी जिससे उनके आराम और गतिविधि का प्राकृतिक चक्र भी बेहतर हुआ था. इसके अलावा शोध में यह भी पाया गया की समय-प्रतिबंधित भोजन शैली के चलते सूजन का कारण बनने वाले जीन की गतिविधियां कम हुई थी तथा इससे पुराने और क्षतिग्रस्त सेल के पुनर्चक्रण या पुनर्निर्माण की प्रक्रिया भी तेज हुई थी. world hypertension day . international day of families . hypertension day

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हर चिकित्सा पद्धति में माना जाता है कि आहार में अनुशासन अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है. समय-प्रतिबंधित भोजन करना यानी निर्धारित अंतराल पर और निर्धारित समय पर भोजन करने से ना सिर्फ शरीर की सर्काडियन रिदम बेहतर होती है, जिससे कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ होते हैं बल्कि कैंसर जैसे गंभीर रोगों से बचाव में महत्वपूर्ण जीन की सक्रियता भी बेहतर होती है. युवा नर चूहों पर हुए परीक्षण आधारित एक शोध के नतीजों ने भी इसी तथ्य की पुष्टि की है. Body circadian rhythm . Food Habits .

इस शोध में सामने आया है कि समय-प्रतिबंधित भोजन करने से शरीर में एंटी-एजिंग तथा एंटीकैंसर प्रभाव बढ़ सकते हैं. साथ ही समय-प्रतिबंधित भोजन शरीर में कई ऊतकों में जीन की अभिव्यक्ति को प्रभावित करता है. यह शोध सेल मेटाबोलिज़्म में प्रकाशित हुआ है. मेडिकल टुडे न्यूज में दी गई जानकारी के अनुसार इस शोध के दौरान परीक्षण के उपरांत जांच में पाया गया की परीक्षण का विषय रहे चूहों में जिन्हें ' समय प्रतिबंधित भोजन ' ( TRE ) दिया गया था, उनमें आंत, हृदय, फेफड़े, यकृत और मस्तिष्क सहित पूरे शरीर में 22 विविध ऊतकों में जीन की गतिविधि प्रभावित हुई थी. अध्ययन में इस बात के प्रमाण भी मिले हैं कि समय-प्रतिबंधित भोजन ना सिर्फ दीर्घायु बना सकता है बल्कि शरीर में कैंसर से लड़ने की क्षमता भी बढ़ाता हैं. शोधकर्ताओं ने बताया है कि समय-प्रतिबंधित भोजन शैली का पालन करने से शरीर की आराम, सक्रियता तथा किसी भी शारीरिक गतिविधि के होने या उसे करने की क्षमता का प्राकृतिक दैनिक चक्र मजबूत होता है जिससे स्वास्थ्य में भी सुधार होता है. Time restricted eating .

समय-प्रतिबंधित भोजन के लाभ : Time Restricted Eating
गौरतलब हैं कि समय-प्रतिबंधित भोजन को “इंटरमिटेंट फास्टिंग” का एक रूप माना जाता है, जिसमें लोग एक निर्धारित अवधि के दौरान जो चाहें खा सकते हैं लेकिन बाकी समय वे उपवास रखते हैं यानी कुछ नहीं खाते हैं. इससे पूर्व भी संबंधित विषय पर जानवर मॉडल तथा मानव मॉडल पर कई शोध किए गए हैं, जिनमें से लगभग सभी में इसके फ़ायदों को माना गया है. 2022 में मानव मॉडल पर हुए अन्य एक शोध की समीक्षा रिपोर्ट में भी में कहा गया था कि मनुष्यों में समय-प्रतिबंधित भोजन से मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग में तो सुधार होता ही है साथ ही नींद और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकता है. शोध में कहा गया था कि समय-प्रतिबंधित भोजन से अच्छी नींद, अच्छा मेटाबोलिज़्म, वजन बढ़ने से बचाव या मोटापे जैसी समस्या से राहत मिलती है तथा शरीर में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है. साथ ही इससे हृदय व आंत संबंधी समस्याओं से बचाव सहित कई फायदे हो सकते हैं.

Time-restricted eating helps bodys circadian rhythm and protects against disease
समय प्रतिबंधित भोजन - कॉन्सेप्ट इमेज

कैसे हुआ शोध
चूहों पर हुआ यह शोध साल्ट इंस्टीट्यूट ऑफ ला-जोला, एल ए. में रीटा एंड रिचर्ड एटकिन्सन चेयर पर काबिज प्रोफेसर सच्चिदानंद पांडा तथा उनकी टीम द्वारा किया गया था जिसमें आहार विशेषज्ञ भी शामिल थे. इस शोध के निष्कर्षों में प्रोफेसर पांडा बताते हैं कि इस शोध के परिणाम इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे समय-प्रतिबंधित भोजन पर आधारित पोषण संबंधी प्रक्रिया, कैंसर जैसे रोग में लड़ने वाले जीन को सक्रिय कर सकती है.

शोध में माना गया है कि दिन में किसी भी समय कुछ भी खाने की बजाय समय-प्रतिबंधित भोजन शैली का पालन करने से ज्यादा स्वास्थ्य लाभ मिलते है, फिर भले ही ग्रहण किए जा रहे भोजन में ज्यादा कैलोरी युक्त या किसी भी प्रकार के आहार का सेवन किया जा रहा हो. वहीं शोध के नतीजों में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि समय-प्रतिबंधित भोजन शैली इंसुलिन प्रतिक्रिया को नियंत्रित रखती है, जिससे भूख कम लगती है तथा वजन भी कम हो सकता है. इस शोध के लिए चूहों के दो समूह बनाए गए थे जिनमें एक समूह के चूहों को जब वे चाहे खाने दिया गया था वहीं दूसरे समूह को हर 9 घंटे की अवधि के बाद भोजन दिया था. दोनों समूहों के चूहों ने इस शोध में बराबर मात्रा में वेस्टर्न आहार ग्रहण किया जिनमें कुल कैलोरी एक समान थी. सात हफ्तों के बाद, शोधकर्ताओं ने चूहों के पेट, आंत, यकृत, फेफड़े, हृदय, अधिवृक्क ग्रंथि, हाइपोथैलेमस तथा गुर्दे सहित 22 अंगों और मस्तिष्क से नमूने लिए.

Food Habits Time-restricted eating helps bodys circadian rhythm and protects against disease
समय प्रतिबंधित भोजन - कॉन्सेप्ट इमेज

जिसमें सामने आया कि दूसरे समूह की तुलना में समय-प्रतिबंधित भोजन शैली का पालन करने वाले समूह की समग्र जीन अभिव्यक्ति में सकारात्मक परिवर्तन आया था. वहीं इस समूह के चूहों के शरीर की सर्काडियन लय भी मजबूत हुई थी जिससे उनके आराम और गतिविधि का प्राकृतिक चक्र भी बेहतर हुआ था. इसके अलावा शोध में यह भी पाया गया की समय-प्रतिबंधित भोजन शैली के चलते सूजन का कारण बनने वाले जीन की गतिविधियां कम हुई थी तथा इससे पुराने और क्षतिग्रस्त सेल के पुनर्चक्रण या पुनर्निर्माण की प्रक्रिया भी तेज हुई थी. world hypertension day . international day of families . hypertension day

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Last Updated : May 17, 2023, 11:07 AM IST
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