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कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में नशा बढ़ाता है 1 से भी ज्यादा बीमारियों का खतरा

कोरोना पॉजिटिव हुए लोगों के (post covid 19 condition) दिल कमजोर हुए हैं. कोरोना के कारण बहुत सारे लोगों को (Covid side effecct) सांस लेने की भी समस्या हो रही है. 20 से 30 साल की उम्र में भी युवाओं को हार्टअटैक (heart attack to youth) आ रहा है. इसको लेकर ईटीवी भारत की संवाददाता ने लोहिया अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डाॅ. भुवन चंद्र तिवारी (Dr Bhuvan Chandra Cardiologist Lohia Hospital) से बातचीत की. (Diabetes, breathing problems, Heart disease risk)

Diabetes, breathing problems, Heart disease Covid side effecct
हार्टअटैक कोरोना
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Published : Sep 3, 2022, 5:24 PM IST

Updated : Sep 5, 2022, 12:57 PM IST

लखनऊ: कोरोना पॉजिटिव (corona positive) हुए लोगों के दिल कमजोर हुए हैं. कोरोना के कारण बहुत सारे लोगों को सांस लेने की भी समस्या हो रही है. 20 से 30 साल की उम्र में भी युवाओं को हार्टअटैक (heart attack to youth) आ रहा है. लंदन के किंग्स कॉलेज (Kings College London) के शोधकर्ताओं ने 428,000 से अधिक कोविड रोगियों और इतने ही अज्ञात मेडिकल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कोविड रोगियों में (Covid side effecct) मधुमेह और हृदय रोग (Diabetes and Heart disease risk) उन लोगों की तुलना में ज्यादा होते हैं, जिन्हें कभी संक्रमण नहीं हुआ था. वैसे तो हार्टअटैक के कई कारण हैं, लेकिन एक वजह यह भी है कि कोरोना ने बॉडी के ऑर्गन पर काफी बुरा प्रभाव छोड़ा है. जिसकी वजह से बहुत सारे मरीज सांस संबंधी बीमारियों के चपेट में आ गए. इसको लेकर ईटीवी भारत की संवाददाता ने लोहिया अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डाॅ. भुवन चंद्र तिवारी (Dr Bhuvan Chandra Cardiologist Lohia Hospital) से बातचीत की. Dr Bhuvan Chandra Tiwari.

प्रश्न- कोविड की पहली और दूसरी लहर की चपेट में आने वाले लोगों को सीने के बाएं हिस्से में दर्द होने की समस्या आ रही है. जबलपुर मेडिकल कॉलेज के फाॅरेंसिक विभाग की रिसर्च (Jabalpur Medical College Forensic Department Research) के हवाले से कहा जा रहा है कि युवाओं का दिल कोरोना की चपेट में आकर कमजोर हो गया है. तो इसका क्या मतलब निकाला जाए. दिल कमजोर किस प्रकार से हो गया है?
उत्तर : लंग्स पर जो वायरस असर करता है मुख्य तौर पर वह धीरे-धीरे हार्ट, किडनी और ब्रेन पर असर करता है. काफी सारे लोगों को उस दौरान हार्टअटैक भी हुआ. इसके अलावा अब लोगों में इसका रिएक्शन देखने को मिल रहा है. दिल की धमनियों में भी सूजन आ जाती है, खासकर से वह लोग जिनको पहले कोरोना हो चुका है और वह ठीक हो गए हैं, उन्हें अधिक सचेत रहने की जरूरत है. जो स्मोकिंग करते हैं, एक्सरसाइज नहीं करते अपनी डाइट में जंक फूड का सेवन अधिक करते हैं ऐसे लोगों मे हार्टअटैक का खतरा बढ़ सकता है.

डाॅ. भुवन चंद्र तिवारी, वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट

प्रश्न- अगर दिल कमजोर हो गया है तो इसका कोई इलाज है या समय के साथ-साथ दिल पहले की तरह ही फंक्शन करने लग जाएगा?
उत्तर - अगर हार्ट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं तो पंपिंग पावर जो कि 60 से 70 प्रतिशत होती है वह किसी भी वायरल इंफेक्शन में कम हो जाती है. धीरे-धीरे करके उसमें सुधार भी आ जाता है.

प्रश्न - इसके दूरगामी परिणाम क्या हो सकते हैं, क्या कोविड की चपेट में आए लोगों को अब दिल की बीमारी ने घेर लिया है, क्या सीने में दर्द उसी की ओर इशारा करता है. क्या ऐसे लोगों को कभी भी दिल का दौरा पड़ सकता है या ये सिर्फ वहम है?
उत्तर - स्टडीज में पता चलता है कि कोरोना वायरस धमनियों की इन्फ्लेमेटरी डिजीज (inflammatory disease) है. 'एक तरह से जो हमारी धमनी है उसको धीरे-धीरे करके खराब करता है.' अगर हम कोरोना के बाद हेल्दी लाइफ स्टाइल रखें, अपना खान-पान अच्छा रखें, योगा करें, व्यायाम करें, रोजाना रनिंग करें और डायबिटीज से बचें मीठा कम खाएं. कोई व्यक्ति अपनी जीवनशैली में बदलाव नहीं करता है तो काफी खतरनाक साबित हो सकता है. यही कारण है कि कोरोना काल में हार्टअटैक के केस काफी बढ़ गए थे, हालांकि अभी भी हार्टअटैक के काफी केस आते हैं.


प्रश्न - जो लोग कोविड की पहली और दूसरी लहर में उसकी चपेट में आ चुके हैं और जिन्होंने उसके बाद वैक्सीन के भी तीन डोज (बूस्टर डोज सहित) ली हुई है उनके लिए आप क्या सलाह देगे. उन्हें अब आगे क्या टेस्ट करवाने चाहिए या किस प्रकार का स्वास्थ्य संबंधी ख्याल रखना चाहिए?
उत्तर - कोविड वैक्सीन (covid vaccine) की वजह से इंफेक्शन कम हुए हैं. अभी भी जिन लोगों को कोरोना हो रहा है उनको यह समझना है कि अगर वह किसी रिस्क फैक्टर से पीड़ित हैं तो उसको कंट्रोल करें. एक बार अगर आपको कोरोना हो गया है तो जहां तक हो सकें स्मोकिंग, तबाकू से अपने आप को दूर रखें. तब आपका हृदय स्वस्थ रह सकता है. इसके अलावा बीच-बीच में अपनी मेडिकल जांच भी कराते रहें.

देश में कोविड की चौथी लहर आ सकती है Omicron new sub variant Centaurus से, झारखंड में 63 फीसदी केस

लखनऊ: कोरोना पॉजिटिव (corona positive) हुए लोगों के दिल कमजोर हुए हैं. कोरोना के कारण बहुत सारे लोगों को सांस लेने की भी समस्या हो रही है. 20 से 30 साल की उम्र में भी युवाओं को हार्टअटैक (heart attack to youth) आ रहा है. लंदन के किंग्स कॉलेज (Kings College London) के शोधकर्ताओं ने 428,000 से अधिक कोविड रोगियों और इतने ही अज्ञात मेडिकल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कोविड रोगियों में (Covid side effecct) मधुमेह और हृदय रोग (Diabetes and Heart disease risk) उन लोगों की तुलना में ज्यादा होते हैं, जिन्हें कभी संक्रमण नहीं हुआ था. वैसे तो हार्टअटैक के कई कारण हैं, लेकिन एक वजह यह भी है कि कोरोना ने बॉडी के ऑर्गन पर काफी बुरा प्रभाव छोड़ा है. जिसकी वजह से बहुत सारे मरीज सांस संबंधी बीमारियों के चपेट में आ गए. इसको लेकर ईटीवी भारत की संवाददाता ने लोहिया अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डाॅ. भुवन चंद्र तिवारी (Dr Bhuvan Chandra Cardiologist Lohia Hospital) से बातचीत की. Dr Bhuvan Chandra Tiwari.

प्रश्न- कोविड की पहली और दूसरी लहर की चपेट में आने वाले लोगों को सीने के बाएं हिस्से में दर्द होने की समस्या आ रही है. जबलपुर मेडिकल कॉलेज के फाॅरेंसिक विभाग की रिसर्च (Jabalpur Medical College Forensic Department Research) के हवाले से कहा जा रहा है कि युवाओं का दिल कोरोना की चपेट में आकर कमजोर हो गया है. तो इसका क्या मतलब निकाला जाए. दिल कमजोर किस प्रकार से हो गया है?
उत्तर : लंग्स पर जो वायरस असर करता है मुख्य तौर पर वह धीरे-धीरे हार्ट, किडनी और ब्रेन पर असर करता है. काफी सारे लोगों को उस दौरान हार्टअटैक भी हुआ. इसके अलावा अब लोगों में इसका रिएक्शन देखने को मिल रहा है. दिल की धमनियों में भी सूजन आ जाती है, खासकर से वह लोग जिनको पहले कोरोना हो चुका है और वह ठीक हो गए हैं, उन्हें अधिक सचेत रहने की जरूरत है. जो स्मोकिंग करते हैं, एक्सरसाइज नहीं करते अपनी डाइट में जंक फूड का सेवन अधिक करते हैं ऐसे लोगों मे हार्टअटैक का खतरा बढ़ सकता है.

डाॅ. भुवन चंद्र तिवारी, वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट

प्रश्न- अगर दिल कमजोर हो गया है तो इसका कोई इलाज है या समय के साथ-साथ दिल पहले की तरह ही फंक्शन करने लग जाएगा?
उत्तर - अगर हार्ट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं तो पंपिंग पावर जो कि 60 से 70 प्रतिशत होती है वह किसी भी वायरल इंफेक्शन में कम हो जाती है. धीरे-धीरे करके उसमें सुधार भी आ जाता है.

प्रश्न - इसके दूरगामी परिणाम क्या हो सकते हैं, क्या कोविड की चपेट में आए लोगों को अब दिल की बीमारी ने घेर लिया है, क्या सीने में दर्द उसी की ओर इशारा करता है. क्या ऐसे लोगों को कभी भी दिल का दौरा पड़ सकता है या ये सिर्फ वहम है?
उत्तर - स्टडीज में पता चलता है कि कोरोना वायरस धमनियों की इन्फ्लेमेटरी डिजीज (inflammatory disease) है. 'एक तरह से जो हमारी धमनी है उसको धीरे-धीरे करके खराब करता है.' अगर हम कोरोना के बाद हेल्दी लाइफ स्टाइल रखें, अपना खान-पान अच्छा रखें, योगा करें, व्यायाम करें, रोजाना रनिंग करें और डायबिटीज से बचें मीठा कम खाएं. कोई व्यक्ति अपनी जीवनशैली में बदलाव नहीं करता है तो काफी खतरनाक साबित हो सकता है. यही कारण है कि कोरोना काल में हार्टअटैक के केस काफी बढ़ गए थे, हालांकि अभी भी हार्टअटैक के काफी केस आते हैं.


प्रश्न - जो लोग कोविड की पहली और दूसरी लहर में उसकी चपेट में आ चुके हैं और जिन्होंने उसके बाद वैक्सीन के भी तीन डोज (बूस्टर डोज सहित) ली हुई है उनके लिए आप क्या सलाह देगे. उन्हें अब आगे क्या टेस्ट करवाने चाहिए या किस प्रकार का स्वास्थ्य संबंधी ख्याल रखना चाहिए?
उत्तर - कोविड वैक्सीन (covid vaccine) की वजह से इंफेक्शन कम हुए हैं. अभी भी जिन लोगों को कोरोना हो रहा है उनको यह समझना है कि अगर वह किसी रिस्क फैक्टर से पीड़ित हैं तो उसको कंट्रोल करें. एक बार अगर आपको कोरोना हो गया है तो जहां तक हो सकें स्मोकिंग, तबाकू से अपने आप को दूर रखें. तब आपका हृदय स्वस्थ रह सकता है. इसके अलावा बीच-बीच में अपनी मेडिकल जांच भी कराते रहें.

देश में कोविड की चौथी लहर आ सकती है Omicron new sub variant Centaurus से, झारखंड में 63 फीसदी केस

Last Updated : Sep 5, 2022, 12:57 PM IST
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