चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम में आईईडी विस्फोट में ग्रामीण की मौत हो गई है (Villager killed in IED blast in West Singhbhum). जिले के अति उग्रवाद प्रभावित गोइलकेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत मारादिरी के समीप मालिका कोचा जंगल में पुलिस को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से नक्सलियों के द्वारा लगाए गए लैंडमाइंस की चपेट में आने से यह घटना हुई है. घटना बुधवार की देर शाम की है. गुरुवार की सुबह पुलिस को इसकी जानकारी मिली और पुलिस की टीम घटनास्थल पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मृतक की पहचान ग्राम छोटा कुईया के निवासी सिंगराय पुर्ति उम्र लगभग 23 वर्ष के रूप में कई गई है.
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पुलिस को नक्सलियों के शीर्ष नेताओं के कोल्हान के जंगलों में आने की सूचना मिली है जिसे लेकर पुलिस जवानों के द्वारा अभियान लगातार चलाया जा रहा है. इधर लगातार पुलिस को मिल रही सफलताओं से नक्सली हताहत हैं जिसे लेकर अपनी सुरक्षा और पुलिस को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जंगलों के विभिन्न स्थानों पर नक्सलियों के द्वारा केन बम बिछाए गए हैं. बुधवार की देर शाम गोइलकेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत गीतिलिपि जंगल में लकड़ी चुनने गए एक ग्रामीण की लैंड माइंस (Landmine blast in Chaibasa) की चपेट में आने से मौत हो गई. वहीं घटना की जानकारी पुलिस को देर रात को मिली. जिसके बाद पुलिस जवानों के द्वारा गुरुवार की अहले सुबह घटनास्थल पर एसओपी का पालन करते हुए पहुंचे एवं ग्रामीण के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पश्चिमी सिंहभूम एसपी आशुतोष शेखर ने घटना की पुष्टि की है.
पहले भी नक्सलियों के लगाए गए बम से ग्रामीण की हो चुकी है मौत: पूर्व के दिनों में भी नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईडी बम से ग्रामीण की मौत हो चुकी है. पिछले महीने 20 तारीख को ग्राम रेंगड़ाहातु थाना टोन्टो के टाटीबेड़ा टोला के समीप जंगल में भाकपा (माओवादी) नक्सलियों के द्वारा एक IED विस्फोट की घटना को अंजाम दिया गया था. जिसमें टोन्टो थानान्तर्गत ग्राम रेंगड़ाहातु के निवासी चेतन कोड़ा की मृत्यु हो गई थी.
भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, प्रमोद मिश्रा, अनल उर्फ पतिराम मांझी, असीम मंडल उर्फ मनोज, अजय महतो उर्फ बुद्धराम, मोछू एवं अपने दस्ता सदस्यों के साथ कोल्हान क्षेत्र में भ्रमणशील है. पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा कोल्हान क्षेत्र में लगातार संचालित नक्सल विरोधी अभियान के कारण सुरक्षा बलों को क्षति पहुंचाने के लिए नक्सलियों के द्वारा IED का प्रयोग किया जा रहा है.