चाईबासा: कुपोषण पर सामुदायिक स्तर के प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन के विशेष कार्यक्रम 'जोहार पोषण' के अंतर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. पश्चिमी सिंहभूम जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लाडिस बाढ़ा ने बताया कि जिला अंतर्गत सदर चाईबासा परियोजना के 20 आंगनबाड़ी केंद्रों के 54 आंगनबाड़ी सेविकाओं को कुपोषण पर समुदाय स्तर के प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया गया है. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम जिले के सभी जगहों पर चरणबद्ध तरीके से चलाया जा रहा है.
2021 से जोहार पोषण कार्यक्रम का क्रियान्वयन
बसंती ग्लाडिस ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों में जनवरी 2021 से जोहार पोषण कार्यक्रम का क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाएगा, कार्यक्रम के माध्यम से 85 से 90% चिकित्सीय जटिलता रहित बच्चों का उपचार समुदाय स्तर पर किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि 10 से 15% चिकित्सीय जटिलता सहित बच्चों का उपचार कुपोषण उपचार केंद्र के माध्यम से किया जाएगा.
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प्रशिक्षण कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन जिला समाज कल्याण कार्यालय के तत्वाधान में स्टेट सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर सेम(SAM), रिम्स, रांची और यूनिसेफ झारखंड, रांची के तकनीकी सहयोग से किया गया है, जिसमें प्रशिक्षक के तौर पर स्टेट सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर सेम(SAM), रिम्स, रांची से डॉ एसआर डोंगी, डॉ महेश्वर प्रसाद और रीमा मालाकार, कुपोषण उपचार केंद्र चाईबासा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जगन्नाथ हेंब्रम, यूनिसेफ के तकनीकी सलाहकार सुजीत सिन्हा और रामनाथ राय उपस्थित रहे.