चाईबासा: जिले में यास चक्रवात तूफान के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरे जिले में 201 राहत कैंप बनाए है. इसके साथ ही जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और जगह-जगह पर एनडीआरएफ की टीम को भी तैनात कर दिया गया है.
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पूरे जिले में बनाए गये 201 राहत कैंप
जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने बताया कि सभी पंचायतों और दोनों नगर परिषद क्षेत्रों में मिलाकर कुल 201 राहत कैंप बनाए गए. लोगों से अपील की गई है कि वह सभी सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं जिनके घर कच्चे हैं या जो लोग सुरक्षित स्थान में नहीं रह पा रहे हैं. वह तत्काल सुरक्षित स्थान पर चले जाएं क्योंकि आने वाला तूफान विकराल रूप ले सकता है. इस को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग है और जगह-जगह पर एनडीआरएफ की टीम को भी मुस्तैद कर दिया गया है.
उपायुक्त ने जिलेवासियों से की अपील
उपायुक्त ने जिले के लोगों से तूफान के खतरे को देखते हुए अपील की है कि यदि आप कच्चे मकान में रह रहे हैं तो तेज बारिश के दौरान अपने नजदीकी पंचायत भवन या विद्यालय में शरण लें. किसी भी समस्या के निराकरण या जानकारी के लिए जिलास्तरीय कंट्रोल रूम नंबर 7766006221 पर संपर्क करें.
उपायुक्त ने अपील करते हुए कहा कि आने वाला चक्रवात तूफान काफी भयावह बताया जा रहा है. जिसको लेकर लोगों की जान माल की रक्षा के लिए जिला प्रशासन सर्तक है. उपायुक्त ने कहा कि थोड़ी देर बाद स्थिति और भयावह हो जाएगी. उसके बाद लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल हो जाएगा. इसलिए लोग पहले ही प्रशासन के बनाए गए राहत कैंप में चले जाएं. जहां पर उन लोगों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था जिला प्रशासन ने कराई है.
एनडीआरएफ टीम को किया गया तैनात
पश्चिमी सिंहभूम जिला में चक्रवाती तूफान के दौरान विशेष रूप से जिले के पूर्वी भाग में स्थित प्रखंडों तांतनगर, मंझगांव, मंझारी, कुमारडुंगी, जगन्नाथपुर, नोआमुंडी में किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने और जान-माल को सुरक्षित करने के उद्देश्य से कुमारडुंगी में स्थित एनडीआरएफ टीम को बचाव कार्य संचालित करने हेतु पहले से निर्देशित किया गया है.
पश्चिम सिंहभूम के ओडिशा तट से सटे मझगांव और कुमारडुंगी प्रखंड को रेड जोन घोषित किया गया है. इसके मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की नौंवी बटालियन संभावित चक्रवाती यास से निपटने के दोनों प्रखंडों में तैनात कर दी गई है.