चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला के सेल की मेघाहातुबुरु लौह अयस्क खदान और किरीबुरू खदान के लोडिंग साइडिंग कार्यालय में 10 जून को रात लगभग साढे़ आठ बजे सादे लिबास में दो संदिग्ध व्यक्ति जंगल की ओर से आए और वहां कार्यरत दो सेलकर्मियों को बंद लिफाफा (suspicious people gave closed envelope) पकड़ाया. साथ ही दोनों ने कहा कि यह अपने बाप को दे देना. जंगल की ओर से आए दो लोग आखिर कौन थे नक्सली या अपराधी ये, अब तक पता नहीं चल सका है. लेकिन इस घटना से इलाके में दहशत का माहौल है.
सेलकर्मियों को मिले बंद लिफाफे (envelope to SAIL workers) में मौजूद पत्र में क्या लिखा है, इसकी जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गयी है. लेकिन इस घटना के बाद सेल अधिकारियों व कर्मचारियों में भय का माहौल है. मामले की जांच किरीबुरु के एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर, थाना प्रभारी फिलमोन लकड़ा के अलावा खदान की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के जवान व सेल अधिकारी कर रहे हैं.
सेल की मेघाहातुबुरु खदान के सेलकर्मी सूत्रों ने बताया की घटना वाली रात सेल के दो कर्मी लोडिंग कार्यालय के समीप ड्यूटी पर थे. तभी घने जंगल क्षेत्र से दो अज्ञात सादे लिबास में आकर उनसे बात करने लगा. बातचीत के दौरान वह सेलकर्मियों से लोडिंग साईडिंग व खदान से जुड़ी अन्य जानकारी लेने लगे. दोनों अज्ञात लोगों के पास वॉकी-टॉकी और कमर में छोटा हथियार था. वॉकी-टॉकी देख सेलकर्मियों को पहले लगा की ये दोनों मालगाड़ी के स्टाफ व चालक या रेलकर्मी होंगे. बाद में जब वॉकी-टॉकी पर आवाज सुनाई दी की काम हुआ या नहीं, अगर नहीं हुआ है तो मार दो. इस आवाज को सुनकर सेलकर्मी डरकर यह समझ गए कि ये रेलकर्मी नहीं बल्कि अपराधी हैं. सेलकर्मियों को लिफाफा देने के बाद वो दोनों जंगल में वापस चले गए.