चाईबासा: गुरुवार को जिले के विभिन्न कॉलेज के छात्र-छात्रा कोल्हान छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों की संख्या में सड़क पर उतर आये और झारखंड सरकार की 60:40 की नियोजन नीति के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने सीएम, मंत्री और विधायकों की शव यात्रा भी निकाली और दाह संस्कार भी किया.
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छात्र नेता सुबोध कुमार का मानना है कि झारखंड सरकार बौखला गई है. उन्होंने कहा कि सभी छात्र इस नई नियोजन नीति का विरोध करते हैं. झारखंड में किसी प्रकार की स्थानीय नीति लागू नहीं है. इसलिए नियोजन नीति 60-40 का फॉर्मूला गलत है. हम इसका विरोध करते हैं और हम इसे वापस लेने की मांग सरकार से करते हैं. अगर नियोजन नीति लागू ही करनी है तो 90:10 के अनुपात में किया जाए. झारखंड में जातीय जनगणना नहीं हुई है. ऐसे में आप वर्ग के आधार पर नियोजन नीति की घोषणा कैसे कर सकते हैं. राज्य के कुछ अधिकारी सरकार को गुमराह करने में लगे हैं. इसलिए मुख्यमंत्री तत्काल इसे वापस लें. नहीं तो हमें मजबूरन बड़े आंदोलन के लिए सड़क पर निकलना होगा.
'छात्र-छात्राएं पढ़ लिख कर बेरोजगार हो गये हैं': वहीं छात्र नेता मंजीत हांसदा ने कहा कि झारखंड राज्य गठन के 22 साल हो चुके हैं. इसका सबसे बड़ा खामियाजा छात्र भुगत रहे हैं. छात्र-छात्राएं पढ़ लिख कर बेरोजगार हो गये हैं. पीजीटी रोस्टर पूरी तरह गलत है. इस विरोध प्रदर्शन के जरीए हम झारखंड सरकार को चेतावनी दे रहे हैं. इसे तत्काल वापस लें नहीं तो आने वाले 2024 चुनाव में युवा झारखंड सरकार को जवाब देने के लिए तैयार हैं.