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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: चक्रधरपुर के रण में 'राम और लक्ष्मण' के बीच जंग

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Published : Nov 13, 2019, 9:26 AM IST

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा चक्रधरपुर विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी हैं. इधर, आजसू की ओर से प्रत्याशी उतारने से स्थानीय लोगों में संशय की स्थिति पैदा हो गई है कि भाजपा-आजसू का गठबंधन बरकरार है या टूट गया.

चक्रधरपुर के रण में 'राम और लक्ष्मण' के बीच जंग

चाईबासा: विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने नफा नुकसान को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों की घोषणा कर रहे हैं. इसको लेकर आजसू ने भी अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. आजसू ने राम लाल मुंडा को चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, भाजपा ने लक्ष्मण गिलुवा को प्रत्याशी बनाया है. जिसे लेकर क्षेत्र में भाजपा और आजसू के गठबंधन को लेकर काफी चर्चा है. इसके साथ ही आजसू के राम और भाजपा के लक्ष्मण चुनावी रणभूमि में आमने सामने आ गए हैं.

लक्ष्मण गिलुवा, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी


भाजपा-आजसू पार्टी के गठबंधन पर संशय
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा चक्रधरपुर विधानसभा से पार्ट के प्रत्याशी हैं. इधर, आजसू की ओर से प्रत्याशी उतारने से स्थानीय लोगों में संशय की स्थिति पैदा हो गई है कि भाजपा-आजसू का गठबंधन बरकरार है या टूट गया.

ये भी पढ़ें- आजसू और बीजेपी के बीच विवाद जारी, देवशरण भगत ने कहा- झारखंड में मजबूर नहीं मजबूत गठबंधन की बनेगी सरकार

आजसू ने नहीं निभाया गठबंधन धर्म
आजसू की ओर से अपना प्रत्याशी उतारे जाने को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि आजसू हमारा चुनावी गठबंधन है. यह गठबंधन सालों से चला आ रहा है. 2014 के विधानसभा चुनाव और उपचुनाव हम लोगों ने गठबंधन के तहत लड़ा और गठबंधन धर्म को निभाया. हालांकि आजसू की तरफ से गोमिया विधानसभा चुनाव में जो गठबंधन धर्म निभाना चाहिए था, वह उन्होंने नहीं निभाया. जिस वजह से रिजल्ट तीसरे के पाले में चला गया. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से लगातार प्रयास किया जाता रहा कि झारखंड में आजसू के साथ गठबंधन बना रहे.

गठबंधन के मसौदे पर राजी होकर प्रत्याशी उतारना समझ से परे
लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व लगातार आजसू के सुदेश महतो से संपर्क और बातचीत करता रहा. वो गठबंधन के मसौदे पर राजी भी हो गए. हालांकि अचानक इस तरह प्रत्याशियों को उतारना उनकी भी समझ से परे है. गठबंधन को जीवित रखना या तोड़ देना दोनों केंद्रीय नेतृत्व का अधिकार है. केंद्र से जैसे आदेश मिलेंगे उस मुताबिक काम करेंगे.

केंद्र के आदेश का इंतजार
उन्होंने कहा कि गठबंधन के साथ अगर चुनाव लड़ना है तो भी और गठबंधन तोड़कर चुनाव लड़ना है तो उसके लिए भी झारखंड भाजपा तैयार है. हम लोग सिर्फ केंद्र के आदेश का इंतजार कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- टिकट बंटवारे के साथ ही कांग्रेस में घमासान शुरू, कांके कैंडिडेट के खिलाफ सुरेश बैठा ने खोला मोर्चा

आजसू दोस्ताना संघर्ष करना चाहती है
उन्होंने कहा कि चंदनकियारी से जेवीएम की टिकट से अमर कुमार बाउरी ने आजसू प्रत्याशी को ऐतिहासिक मतों से हराया था. ऐसे में अमर कुमार बाउरी का दावा बनता है. जिसके तहत भाजपा ने उस सीट से उन्हें टिकट देकर चुनाव लड़ाने की योजना बनाई है. ऐसी स्थिति में आजसू भी अपना प्रत्याशी देना चाह रहा है. इसका मतलब है कि वह दोस्ताना संघर्ष करना चाहता है. उन्होंने कहा कि सुखदेव भगत को हमने पार्टी में शामिल कराया और उन्होंने आजसू प्रत्याशी को हराया है. ऐसे में स्वाभाविक रूप से उन्हें टिकट देकर सम्मानित करना बनता है. ऐसे में आजसू को चंदनकियारी और लोहरदगा की सीट छोड़ देनी चाहिए.

चाईबासा: विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने नफा नुकसान को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों की घोषणा कर रहे हैं. इसको लेकर आजसू ने भी अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. आजसू ने राम लाल मुंडा को चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, भाजपा ने लक्ष्मण गिलुवा को प्रत्याशी बनाया है. जिसे लेकर क्षेत्र में भाजपा और आजसू के गठबंधन को लेकर काफी चर्चा है. इसके साथ ही आजसू के राम और भाजपा के लक्ष्मण चुनावी रणभूमि में आमने सामने आ गए हैं.

लक्ष्मण गिलुवा, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी


भाजपा-आजसू पार्टी के गठबंधन पर संशय
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा चक्रधरपुर विधानसभा से पार्ट के प्रत्याशी हैं. इधर, आजसू की ओर से प्रत्याशी उतारने से स्थानीय लोगों में संशय की स्थिति पैदा हो गई है कि भाजपा-आजसू का गठबंधन बरकरार है या टूट गया.

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आजसू ने नहीं निभाया गठबंधन धर्म
आजसू की ओर से अपना प्रत्याशी उतारे जाने को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि आजसू हमारा चुनावी गठबंधन है. यह गठबंधन सालों से चला आ रहा है. 2014 के विधानसभा चुनाव और उपचुनाव हम लोगों ने गठबंधन के तहत लड़ा और गठबंधन धर्म को निभाया. हालांकि आजसू की तरफ से गोमिया विधानसभा चुनाव में जो गठबंधन धर्म निभाना चाहिए था, वह उन्होंने नहीं निभाया. जिस वजह से रिजल्ट तीसरे के पाले में चला गया. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से लगातार प्रयास किया जाता रहा कि झारखंड में आजसू के साथ गठबंधन बना रहे.

गठबंधन के मसौदे पर राजी होकर प्रत्याशी उतारना समझ से परे
लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व लगातार आजसू के सुदेश महतो से संपर्क और बातचीत करता रहा. वो गठबंधन के मसौदे पर राजी भी हो गए. हालांकि अचानक इस तरह प्रत्याशियों को उतारना उनकी भी समझ से परे है. गठबंधन को जीवित रखना या तोड़ देना दोनों केंद्रीय नेतृत्व का अधिकार है. केंद्र से जैसे आदेश मिलेंगे उस मुताबिक काम करेंगे.

केंद्र के आदेश का इंतजार
उन्होंने कहा कि गठबंधन के साथ अगर चुनाव लड़ना है तो भी और गठबंधन तोड़कर चुनाव लड़ना है तो उसके लिए भी झारखंड भाजपा तैयार है. हम लोग सिर्फ केंद्र के आदेश का इंतजार कर रहे हैं.

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आजसू दोस्ताना संघर्ष करना चाहती है
उन्होंने कहा कि चंदनकियारी से जेवीएम की टिकट से अमर कुमार बाउरी ने आजसू प्रत्याशी को ऐतिहासिक मतों से हराया था. ऐसे में अमर कुमार बाउरी का दावा बनता है. जिसके तहत भाजपा ने उस सीट से उन्हें टिकट देकर चुनाव लड़ाने की योजना बनाई है. ऐसी स्थिति में आजसू भी अपना प्रत्याशी देना चाह रहा है. इसका मतलब है कि वह दोस्ताना संघर्ष करना चाहता है. उन्होंने कहा कि सुखदेव भगत को हमने पार्टी में शामिल कराया और उन्होंने आजसू प्रत्याशी को हराया है. ऐसे में स्वाभाविक रूप से उन्हें टिकट देकर सम्मानित करना बनता है. ऐसे में आजसू को चंदनकियारी और लोहरदगा की सीट छोड़ देनी चाहिए.

Intro:चाईबासा। विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने नफा नुकसान को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों की घोषणा कर रहे हैं। इसी क्रम में आजसू पार्टी ने भी अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। आजसू पार्टी ने राम लाल मुंडा को चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी के रूप में उतारा है। वही भाजपा ने लक्ष्मण गिलुवा को प्रत्याशी बनाया है। जिसे लेकर क्षेत्र में भाजपा एवं आजसू पार्टी के गठबंधन को लेकर काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके साथ ही आजसू पार्टी के राम और भाजपा के लक्ष्मण चुनावी रणभूमि में आमने सामने आ गए हैं।


Body:भाजपा-आजसू पार्टी की गठबंधन पर संशय-
सबसे बड़ी बात है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा चक्रधरपुर विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी हैं और इधर आजसू पार्टी द्वारा अपना प्रत्याशी उतारे जाने से स्थानीय लोगों में संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है कि भाजपा आजसू पार्टी की गठबंधन बरकरार है या टूट गई।

आजसू ने नही निभाया गठबंधन धर्म-
आजसू पार्टी द्वारा अपना प्रत्याशी उतारे जाने को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि आजसू हमारा चुनावी गठबंधन है यह गठबंधन वर्षों से चली आ रही है। 2014 के विधानसभा चुनाव उपचुनाव में हम लोगों ने गठबंधन के साथ लड़ा और गठबंधन धर्म को निभाया। परंतु आजसू की तरफ से गोमिया विधानसभा चुनाव में जो गठबंधन धर्म निभाना चाहिए था, वह उन्होंने नहीं निभाया। जिस कारण रिजल्ट तीसरे के पाले में चली गई। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से लगातार प्रयास किया जाता रहा कि झारखंड में आजसू के साथ गठबंधन हो रहे।

गठबंधन के मसौदे पर राजी होकर प्रत्याशी उतारना समझ से परे-
लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व लगातार आजसू के सुदेश महतो से संपर्क एवं वार्ता करते रहे और अंत में गठबंधन के मसौदे पर राजी भी हो गए थे। परंतु अचानक इस तरह प्रत्याशियों को उतारना उनके भी समझ से परे है। गठबंधन को जीवित रखना या तोड़ देना दोनों केंद्रीय नेतृत्व का अधिकार है। केंद्र से जैसे आदेश मिलेंगे उस अनुसार हम लोग काम करेंगे।

भाजपा प्रदेश को केंद्र के आदेश का इंतजार-
उन्होंने कहा कि गठबंधन के साथ अगर चुनाव लड़ना है तो भी और गठबंधन तोड़कर चुनाव लड़ना है तो उसके लिए भी भाजपा झारखंड प्रदेश तैयार है। हम लोग सिर्फ केंद्र के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

आजसू दोस्ताना संघर्ष करना चाहती है-
उन्होंने कहा कि चंदनक्यारी से जेवीएम के टिकट से अमर कुमार बाउरी नया आजसू प्रत्याशी को ऐतिहासिक मतों से हराया था ऐसे में अमर कुमार बाउरी का दावा बनता है। जिसके तहत भाजपा ने उस सीट से उन्हें टिकट देकर चुनाव लड़ाने की योजना बनाई है। ऐसी स्थिति में आजसू भी अपना प्रत्याशी देना चाह रहे हैं इसका मतलब है कि वह दोस्ताना संघर्ष करना चाहते हैं।

आजसू को चंदनक्यारी और राजमहल की सीट छोड़नी चाहिए-
उन्होंने कहा कि सुखदेव भगत को हमने पार्टी में शामिल किया और उन्होंने आजसू प्रत्याशी को हराया है ऐसे में स्वाभाविक रूप से उन्हें टिकट देकर सम्मानित करना बनता है ऐसे में आजसू को चंदनक्यारी और राजमहल की सीट छोड़ देनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इन सब बातों को लेकर उनके मन में खटास आई होगी जिस कारण ऐसा हुआ हमें भी अपने केंद्रीय नेतृत्व का आदेश का इंतजार है जैसे उनका आदेश होगा वैसा हम लोग करने को तैयार हैं।




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