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चाईबासा में जल्द शुरू होगा आरटी-पीसीआर लैब, एक दिन में हो सकेंगे 1500 सैंपल टेस्ट - चाईबासा में कोरोना टेस्ट रिपोर्ट में विलंब

मुख्यमंत्री के आदेशानुसार पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा में जल्द आरटी-पीसीआर लैब बनाया जाएगा. इसे लेकर आरटी-पीसीआर लैब के लिए राज्य से आई टीम ने सदर अस्पताल परिसर का मुआयना किया. इस लैब के बन जाने से एक दिन में 1500 सैंपल टेस्ट हो सकेंगे.

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चाईबासा में जल्द शुरू होगा आरटी-पीसीआर लैब
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Published : Sep 28, 2020, 7:48 PM IST

चाईबासा: कोविड-19 के संक्रमित मरीजों की जांच और रिपोर्ट मिलने में देरी के कारण किसी की मौत ना हो, इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के आदेशानुसार पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा में जल्द आरटी-पीसीआर लैब बनाया जाएगा. इसे लेकर आरटी-पीसीआर लैब के लिए राज्य से आई टीम ने सदर अस्पताल परिसर का मुआयना किया. कोविड-19 सैंपल की टेस्टिंग चाईबासा में बनने वाली आरटी-पीसीआर लैब में ही हो सकेगी. इस लैब के बन जाने से एक दिन में 1500 सैंपल टेस्ट हो सकेंगे. कोविड-19 की स्थिति ठीक होने के बाद भी यह लैब वायरोलॉजी संबंधी लैब के रूप में कार्य करेगी.

जानकारी देते उपायुक्त

उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेशानुसार शीघ्र ही जिले में कोविड-19 सैंपल टेस्टिंग के लिए आरटी-पीसीआर लैब अस्तित्व में आएगी, इसके तहत स्वास्थ्य विभाग के सचिव के निर्देश पर राज्य से आई एक टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण किया गया. उन्होंने बताया कि राज्य से जगह का मुआयना करने के लिए आने वाली टीम का उद्देश्य था कि एक बेहतर सुविधाओं से युक्त आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट लैब चाईबासा में बनने वाली है.


सीमित क्षमता होने के कारण परिणाम आने में विलंब
उपायुक्त ने कहा कि चाईबासा में जो भी कोविड-19 टेस्ट के लिए सैंपल एकत्रित होते हैं, फिलहाल उनकी आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की जाती है, जिसमें आरएनए सैंपल निकालकर वायरस की मौजूदगी के लिए चेक किया जाता है, इस तकनीक को फिलहाल कोविड-19 वायरस टेस्टिंग के लिए सर्वाधिक विश्वसनीय और भरोसेमंद टेस्ट माना जाता है. उपायुक्त ने कहा कि अभी तक कोविड-19 टेस्ट सैंपल को जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में भिजवाना पड़ता था, इस कारण कभी-कभी परिणाम आने में कुछ विलंब होता है, क्योंकि वहां कई अन्य जिलों का रिपोर्ट भी जाता है, सीमित क्षमता होने के कारण परिणाम आने में कुछ विलंब होता था. उपायुक्त ने कहा कि इसको दूर करने के लिए झारखंड सरकार के निर्देशानुसार कोविड संबंधी आरटी-पीसीआर टेस्ट लैब चाईबासा में ही बनने वाली है, कोविड-19 की स्थिति ठीक होने के बाद भी यह लैब वायरोलॉजी संबंधी लैब के रूप में कार्य करेगी, आने वाले दिनों में अन्य वायरल संबंधी जो भी टेस्ट होते हैं उसके लिए यह लैब काफी फायदेमंद होगी.

इसे भी पढे़ं:- नौकरी से बर्खास्त हाई स्कूल के शिक्षकों ने की विधायक से मुलाकात, कहा-कानूनी लड़ाई से सरकार करेगी समस्या का समाधान

उपायुक्त ने कहा कि आने वाले दिनों के लिए जिले के लिए यह एक परिसंपत्ति के रूप में उपस्थित रहेगी, लैब निर्माण के लिए भवन का निरीक्षण भी किया गया है और बहुत जल्द ही लैब स्थापित करने की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी. उपायुक्त ने कहा कि इस लैब में प्रतिदिन 1500 की संख्या में सैंपल टेस्ट करा सकते हैं, सदर अस्पताल परिसर में स्थल निरीक्षण के लिए आई राज्य स्तरीय टीम के साथ उपायुक्त अरवा राजकमल, जिले के सिविल सर्जन एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी और कर्मी मौजूद रहे.

चाईबासा: कोविड-19 के संक्रमित मरीजों की जांच और रिपोर्ट मिलने में देरी के कारण किसी की मौत ना हो, इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के आदेशानुसार पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा में जल्द आरटी-पीसीआर लैब बनाया जाएगा. इसे लेकर आरटी-पीसीआर लैब के लिए राज्य से आई टीम ने सदर अस्पताल परिसर का मुआयना किया. कोविड-19 सैंपल की टेस्टिंग चाईबासा में बनने वाली आरटी-पीसीआर लैब में ही हो सकेगी. इस लैब के बन जाने से एक दिन में 1500 सैंपल टेस्ट हो सकेंगे. कोविड-19 की स्थिति ठीक होने के बाद भी यह लैब वायरोलॉजी संबंधी लैब के रूप में कार्य करेगी.

जानकारी देते उपायुक्त

उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेशानुसार शीघ्र ही जिले में कोविड-19 सैंपल टेस्टिंग के लिए आरटी-पीसीआर लैब अस्तित्व में आएगी, इसके तहत स्वास्थ्य विभाग के सचिव के निर्देश पर राज्य से आई एक टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण किया गया. उन्होंने बताया कि राज्य से जगह का मुआयना करने के लिए आने वाली टीम का उद्देश्य था कि एक बेहतर सुविधाओं से युक्त आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट लैब चाईबासा में बनने वाली है.


सीमित क्षमता होने के कारण परिणाम आने में विलंब
उपायुक्त ने कहा कि चाईबासा में जो भी कोविड-19 टेस्ट के लिए सैंपल एकत्रित होते हैं, फिलहाल उनकी आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की जाती है, जिसमें आरएनए सैंपल निकालकर वायरस की मौजूदगी के लिए चेक किया जाता है, इस तकनीक को फिलहाल कोविड-19 वायरस टेस्टिंग के लिए सर्वाधिक विश्वसनीय और भरोसेमंद टेस्ट माना जाता है. उपायुक्त ने कहा कि अभी तक कोविड-19 टेस्ट सैंपल को जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में भिजवाना पड़ता था, इस कारण कभी-कभी परिणाम आने में कुछ विलंब होता है, क्योंकि वहां कई अन्य जिलों का रिपोर्ट भी जाता है, सीमित क्षमता होने के कारण परिणाम आने में कुछ विलंब होता था. उपायुक्त ने कहा कि इसको दूर करने के लिए झारखंड सरकार के निर्देशानुसार कोविड संबंधी आरटी-पीसीआर टेस्ट लैब चाईबासा में ही बनने वाली है, कोविड-19 की स्थिति ठीक होने के बाद भी यह लैब वायरोलॉजी संबंधी लैब के रूप में कार्य करेगी, आने वाले दिनों में अन्य वायरल संबंधी जो भी टेस्ट होते हैं उसके लिए यह लैब काफी फायदेमंद होगी.

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उपायुक्त ने कहा कि आने वाले दिनों के लिए जिले के लिए यह एक परिसंपत्ति के रूप में उपस्थित रहेगी, लैब निर्माण के लिए भवन का निरीक्षण भी किया गया है और बहुत जल्द ही लैब स्थापित करने की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी. उपायुक्त ने कहा कि इस लैब में प्रतिदिन 1500 की संख्या में सैंपल टेस्ट करा सकते हैं, सदर अस्पताल परिसर में स्थल निरीक्षण के लिए आई राज्य स्तरीय टीम के साथ उपायुक्त अरवा राजकमल, जिले के सिविल सर्जन एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी और कर्मी मौजूद रहे.

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