चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित सभागार में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता और उप विकास आयुक्त संदीप बख्शी की उपस्थिति में स्वच्छ भारत मिशन और जिला जल स्वच्छता समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस दौरान एलओबी और एनओएलबी के तहत शौचालय निर्माण से संबंधित प्राप्त प्रगति प्रतिवेदन की विस्तृत समीक्षा करते हुए लक्ष्य प्राप्त करने को लेकर कार्यपालक अभियंता और प्रखंड समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को आवश्यक निर्देश दिया गया.
वित्तीय अनियमितता मिलने पर होगा मुकदमा दर्ज
उपायुक्त ने निर्देशित करते हुए कहा कि जिन-जिन ग्राम जल और स्वच्छता समिति, ग्राम संगठन और स्वयं सहायता समूह को वेस लाइन 2012 एलओबी और एनओएलबी शौचालय निर्माण के लिए राशि दिया गया है. उक्त सभी संगठनों का बैंक स्टेटमेंट निकाला जाए, ताकि यह पता चल सकें कि रकम खाते में है या किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता की संभावना है. यदि किसी भी प्रकार से जांच के क्रम में वित्तीय अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्तियों और संगठनों पर मुकदमा दायर करने संबंधित संचिका अग्रसारित किया जाए.
11 दिसंबर तक प्रमाण पत्र जमाकर प्रतिवेदन उपलब्ध करवाएं
बैठक में निर्देश देते हुए उपायुक्त ने कहा कि एनओएलबी के तहत प्राप्त लक्ष्य के विरुद्ध शेष बचे शौचालय निर्माण को आगामी 20 दिसंबर तक पूरा करवाएं. एलओबी के तहत निर्मित शौचालयों में जिनका अभी तक उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया है. वैसे सभी प्रमाण पत्रों को आगामी 11 दिसंबर तक जमा करते हुए कार्यालय को भी प्रतिवेदन उपलब्ध करवाया जाए.
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51,991 शौचालय निर्माण का लक्ष्य निर्धारित
उपायुक्त ने बताया कि जिले में एनओएलबी के तहत कुल 51,991 शौचालय निर्माण का लक्ष्य निर्धारित है. जिसमें कुल 43,647 शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है. शेष का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इसी तरह एलओबी के तहत जिले को कुल 18851 शौचालय निर्माण का लक्ष्य प्राप्त था, जिसमें से 18,836 शौचालयों का निर्माण पूरा हो चुका है.
निर्माण कार्य में व्यवधान डालने वालों पर मुकदमा होगा दर्ज
उपायुक्त ने बताया कि बैठक के क्रम में यह ज्ञात हुआ कि कुछ-कुछ पंचायतों में वहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों की ओर से सरकारी कार्य में व्यवधान डाला जा रहा है. इसके आलोक में ऐसे लोगों पर भी कार्य में व्यवधान डालने के कारण मुकदमा दायर किया जाएगा. साथ ही शौचालय निर्माण में परस्पर सहयोग नहीं देने वाले क्षेत्र के मुखिया को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश भी दिया गया है.