चाईबासा: झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव की ओर से मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति के विषय में समीक्षा की गई. उपायुक्त अरवा राजकमल ने जानकारी दी कि पश्चिमी सिंहभूम जिला में काफी अच्छी संख्या में शौचालय का निर्माण विगत 6 महीने में हुआ है और लगभग 35000 की संख्या में शौचालय का निर्माण किया गया है.
उपायुक्त ने कहा कि एसएचजी ग्रुप और ग्राम जल स्वच्छता समिति की ओर से बनाए गए शौचालय का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं हो पाया है. इस संबंध में विभागीय सचिव की ओर से निर्देश दिया गया है कि 15 अक्टूबर तक कुल प्राप्त राशि के 80% राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र राज्य को भेज दिया जाए, जिससे कि अगली इंस्टॉलमेंट राशि राज्य सरकार की ओर से संचारित की जा सके. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी मुखिया, ग्राम जल स्वच्छता समिति के जलसहिया अथवा एसएचजी ग्रुप आदि को जहां भी अधिक राशि संचारित की गई. उनकी ओर से शौचालय नहीं बनाए गए हैं और उपयोगिता प्रमाण पत्र का भी अभाव है. वैसे लोगों को राशि वापस लौटाने का निर्देश दिया गया था.
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उपायुक्त ने कहा कि विशेष रुप से जहां अधिक संख्या में गबन का मामला संज्ञान में आया है, वैसे लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. पुनः विभागीय सचिव की ओर से निर्देश दिया गया है कि भविष्य में इस तरह एसएचजी और ग्राम जल स्वच्छता समिति की ओर से राशि के गबन की बात आती है. इस कारण उनके ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है, तो वैसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए छूटे हुए गरीब जरूरतमंद लोगों के घरों में शौचालय बनाने का कार्य करें. वीडियो कांफ्रेंस में शामिल जिला के दोनों कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया है, जिसका शत-प्रतिशत अनुपालन करना सुनिश्चित करेंगे.