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चाईबासा में रेलवे पदाधिकारियों ने किया रेलवे लाइन के किनारे बसी बस्तियों का सर्वे, लोगों में भय का माहौल

चाईबासा जिले में चक्रधरपुर रेल मंडल ने जमशेदपुर स्थित टिनप्लेट और एग्रीको तक रेलवे लाइन किनारे बसी बस्तियों का सर्वे किया है. सर्वे के बाद भाजमो के प्रतिनिधिमंडल ने रेल प्रबंधक को इस मामले में मांगपत्र सौंपा है.

Railway officials surveyed slums near the railway line in Chaibasa
चाईबासा में रेलवे पदाधिकारियों ने किया बस्तियों का सर्वे
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Published : Jun 27, 2020, 7:29 PM IST

चाईबासा: चक्रधरपुर रेल मंडल के द्वारा जमशेदपुर स्थित टिनप्लेट और एग्रीको तक रेलवे लाईन के किनारे बसी बस्तियों का सर्वे किया गया. जिसके बाद रेलवे लाइन के किनारे घर बनाकर रह रहे लोगों में भय का माहौल बन गया है. रेलवे के पदाधिकारियों के सर्वे किए जाने के बाद भारतीय जन मोर्चा जमशेदपुर महानगर के प्रतिनिधिमंडल ने चक्रधरपुर रेल मंडल के वरीय मंडल रेल प्रबंधक को पत्र सौंपकर रेलवे द्वारा जमशेदपुर स्थित टिनप्लेट और एग्रीको तक रेलवे लाइन के किनारे बसी बस्तियों का सर्वे के उद्देश्य पर जवाब मांगा है.

भारतीय जन मोर्चा ने जमशेदपुर महानगर के प्रतिनिधिमंडल चक्रधरपुर रेल मंडल के वरीय मंडल रेल प्रबंधक को मांग पत्र सौंपते हुए यह मांग की है कि रेलवे द्वारा जमशेदपुर स्थित टिनप्लेट और एग्रीको तक रेलवे लाइन के किनारे बसी बस्तियों का सर्वे किया जा रहा है. यह किस उद्देश्य से हो रहा है. इसकी जानकारी दी जाए. प्रतिनिधिमंडल ने अपने पत्र में कहा है कि टाटानगर रेलवे के अंतर्गत टाटानगर रेलवे स्टेशन से टिनप्लेट और एग्रिको तक रेलवे लाइन के किनारे पिछले 35 वर्षों से भी अधिक समय से कुछ बस्तियां बसी हुई हैं. इन बस्तियों में लोगों ने अपनी जीवन भर की मेहनत से कमाए हुए पैसे से अपना घर बना लिया है. इन घरों में सरकार और टाटा स्टील के द्वारा बिजली पानी सहित कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैंं.

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी के सपनों का गांव आरा केरम पूरी तरह से है आत्मनिर्भर, जानिए पूरी कहानी


प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि इधर कुछ दिनों से रेलवे के पदाधिकारियों द्वारा इन बस्तियों का सर्वे कराया जा रहा है. जिससे वहां भय का माहौल है. इस संदर्भ में टाटानगर रेलवे के क्षेत्रीय प्रबंधक से भी उनका एक प्रतिनिधिमंडल मिला. लेकिन पूर्ण जानकारी नहीं मिल सकी है, उन्हें कुछ सूचना की जानकारी चाहिए थी. प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया है कि किसी को उजाड़ने से पहले उन्हें बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए. जबकि इनका तो 30 वर्षों से अधिक समय से कब्जा होने के कारण जमीन का कानूनी अधिकार मिल जाना चाहिए. भारतीय जन मोर्चा जमशेदपुर महानगर के संयोजक राम नारायण शर्मा, उड़ान प्रभारी संजीव आचार्य, पूर्वी विधानसभा के संयोजक अजय सिन्हा, पुनीत कुमार श्रीवास्तव आदि ने मांगपत्र सौंपा है.

प्रतिनिधिमंडल ने जानकारी इन बिंदुओं पर मांगी है
उपयुक्त जमीन रेलवे की है या टाटा लीज की है? अगर यह जमीन रेलवे की है तो रेलवे को किसके द्वारा हस्तांतरित किया गया है और कब किया गया है. उपयुक्त रेल लाइन का निर्माण किस उद्देश्य किया गया था? विगत 30 वर्षों से अधिक समय से उक्त रेल लाइन का उपयोग क्यों नहीं किया गया? उपयुक्त रेल लाइन को लेकर रेलवे और टाटा स्टील के बीच क्या समझौता हुआ है? उपयुक्त रेल लाइन के विस्तार को लेकर जो एग्रीको से सीआरएम बारा तक होना है, इस संदर्भ में टाटा स्टील के साथ क्या समझौता हुआ है?

चाईबासा: चक्रधरपुर रेल मंडल के द्वारा जमशेदपुर स्थित टिनप्लेट और एग्रीको तक रेलवे लाईन के किनारे बसी बस्तियों का सर्वे किया गया. जिसके बाद रेलवे लाइन के किनारे घर बनाकर रह रहे लोगों में भय का माहौल बन गया है. रेलवे के पदाधिकारियों के सर्वे किए जाने के बाद भारतीय जन मोर्चा जमशेदपुर महानगर के प्रतिनिधिमंडल ने चक्रधरपुर रेल मंडल के वरीय मंडल रेल प्रबंधक को पत्र सौंपकर रेलवे द्वारा जमशेदपुर स्थित टिनप्लेट और एग्रीको तक रेलवे लाइन के किनारे बसी बस्तियों का सर्वे के उद्देश्य पर जवाब मांगा है.

भारतीय जन मोर्चा ने जमशेदपुर महानगर के प्रतिनिधिमंडल चक्रधरपुर रेल मंडल के वरीय मंडल रेल प्रबंधक को मांग पत्र सौंपते हुए यह मांग की है कि रेलवे द्वारा जमशेदपुर स्थित टिनप्लेट और एग्रीको तक रेलवे लाइन के किनारे बसी बस्तियों का सर्वे किया जा रहा है. यह किस उद्देश्य से हो रहा है. इसकी जानकारी दी जाए. प्रतिनिधिमंडल ने अपने पत्र में कहा है कि टाटानगर रेलवे के अंतर्गत टाटानगर रेलवे स्टेशन से टिनप्लेट और एग्रिको तक रेलवे लाइन के किनारे पिछले 35 वर्षों से भी अधिक समय से कुछ बस्तियां बसी हुई हैं. इन बस्तियों में लोगों ने अपनी जीवन भर की मेहनत से कमाए हुए पैसे से अपना घर बना लिया है. इन घरों में सरकार और टाटा स्टील के द्वारा बिजली पानी सहित कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैंं.

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प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि इधर कुछ दिनों से रेलवे के पदाधिकारियों द्वारा इन बस्तियों का सर्वे कराया जा रहा है. जिससे वहां भय का माहौल है. इस संदर्भ में टाटानगर रेलवे के क्षेत्रीय प्रबंधक से भी उनका एक प्रतिनिधिमंडल मिला. लेकिन पूर्ण जानकारी नहीं मिल सकी है, उन्हें कुछ सूचना की जानकारी चाहिए थी. प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया है कि किसी को उजाड़ने से पहले उन्हें बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए. जबकि इनका तो 30 वर्षों से अधिक समय से कब्जा होने के कारण जमीन का कानूनी अधिकार मिल जाना चाहिए. भारतीय जन मोर्चा जमशेदपुर महानगर के संयोजक राम नारायण शर्मा, उड़ान प्रभारी संजीव आचार्य, पूर्वी विधानसभा के संयोजक अजय सिन्हा, पुनीत कुमार श्रीवास्तव आदि ने मांगपत्र सौंपा है.

प्रतिनिधिमंडल ने जानकारी इन बिंदुओं पर मांगी है
उपयुक्त जमीन रेलवे की है या टाटा लीज की है? अगर यह जमीन रेलवे की है तो रेलवे को किसके द्वारा हस्तांतरित किया गया है और कब किया गया है. उपयुक्त रेल लाइन का निर्माण किस उद्देश्य किया गया था? विगत 30 वर्षों से अधिक समय से उक्त रेल लाइन का उपयोग क्यों नहीं किया गया? उपयुक्त रेल लाइन को लेकर रेलवे और टाटा स्टील के बीच क्या समझौता हुआ है? उपयुक्त रेल लाइन के विस्तार को लेकर जो एग्रीको से सीआरएम बारा तक होना है, इस संदर्भ में टाटा स्टील के साथ क्या समझौता हुआ है?

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