चाईबासा: भाकपा माओवादी के नाम पर सेल की किरीबुरु और मेघाहातुबुरु खदान प्रबंधन से दो करोड़ (1-1 करोड़ दोनों खदान से) रुपये लेवी मांगने का मुख्य आरोपी पूर्व नक्सली हाबिल होरो को मनोहरपुर के एसडीपीओ दाऊद किडो़ और किरीबुरु के एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर के निरंतर कठिन परिश्रम से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. मनोहरपुर एसडीपीओ कार्यालय में एसडीपीओ दाउड़ किडो़ एवं एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि 20 जुलाई को करीब 7.30 बजे वरीय पदाधिकारी से गुप्त सूचना मिली कि आनंदपुर से मनोहरपुर की तरफ एक व्यक्ति मोटरसाइकिल से हथियार के साथ जा रहा है. इस सूचना के सत्यापन एवं आवश्यक कार्रवाई के लिये हम दोनों पदाधिकारियों के साथ अन्य पुलिस पदाधिकारी व जवान के साथ मनोहरपुर आरटीसी चौक पहुंचे तथा वाहन चेकिंग प्रारंभ की. रात करीब 9.25 बजे आनंदपुर की तरफ से एक मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्ति काफी तेजी से आ रहा था. जिसे रोकने का प्रयास करने पर वह मोटरसाइकिल रोक कर भागने लगा जिसे सशस्त्र बलों की मदद से पकड़ लिया गया. पूछताछ मे उसने अपना नाम हाबिल होरो बताया. उक्त व्यक्ति की विधिवत तलाशी ली गई. उसके पास से एक देसी कट्टा और 2 जिंदा कारतूस तथा प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई की लेवी पर्ची बरामद किया गया.
अभियुक्त से पूछताछ के बाद और उसके तिरला स्थित घर पर छापेमारी की गई तो वहां से भाकपा माओवादियों की एक लेवी पर्ची, दो वॉकी-टॉकी, चुनाव बहिष्कार संबंधित पर्ची बरामद किया गया. इन समानों का इस्तेमाल सेल की किरीबुरु एवं मेघाहातुबुरु प्रबंधन से लेवी मांगने हेतु किया गया था. पूर्व नक्सली हाबिल होरो पहले माओवादी संगठन के लिये काम करता था एंव उनके लिये वह राशन सामग्री, जरूरी सामान व लेवी वसूली का कार्य करता था. हाबिल होरो ने खूंटी जिला के जलकंडा निवासी नवीन नामक पीएलएफआई नक्सली के साथ मिलकर ओडिशा के बिमलागढ़ में वर्ष 2011 में बैंक डकैती की थी. इस घटना में बंडामुंडा पुलिस दोनों को पकड़ बनई जेल भेजी थी. इसके बाद भाकपा माओवादी के नाम पर वर्ष 2014 में मनोहरपुर के नंदपुर-पोसैता सड़क निर्माण कार्य के ठेकेदार से 5 लाख रूपये लेवी वसूली थी.
बता दें कि सेल की किरीबुरु एवं मेघाहातुबुरु लौह अयस्क खदान की लोडिंग साइडिंग कार्यालय में 10 जून की रात लगभग 8.30 बजे सादे लिबास में दो संदिग्ध व्यक्ति पहुंचे और वहां कार्यरत दो सेलकर्मियों को बुलाकर एक बंद लिफाफा पकड़ाते हुए कहा था कि यह अपने बाप को दे देना. बंद लिफाफा में मौजूद पत्र को जब पुलिस ने बाद में खोला था तो उसमें भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमेटी की लेवी मांगने से संबंधित रसीद थी. जिसपर सेल प्रबंधन से 1-1 करोड़ (कुल 2 करोड़) रूपये लेवी की मांग माओवादी नेता अनमोल एवं चमन के नाम से की गई थी. इस घटना के बाद सेल अधिकारियों व कर्मचारियों में भय का माहौल था. सेल की मेघाहातुबुरु खदान में कार्यरत जिस दो सेलकर्मियों को ये अपराधी लेवी वाली रसीद दिये थे.