चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के ऐतिहासिक पोड़ाहाट क्षेत्र में ऐसे कई दर्शनीय स्थल हैं जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. इस क्षेत्र का पनसुआं डैम भी एक ऐसा ही दर्शनीय खूबसूरत स्थल है जो सैलानियों को अपनी ओर खींच लेता है. हरी-भरी पहाड़ियों से घिरा पनसुआं डैम प्रकृति की गोद में बसा हुआ नजर आता है.
डेम के बीचों-बीच स्थित राजा-रानी नाम से दो पेड़ इसकी ऐतिहासिक महत्ता को बढ़ाते हैं. नववर्ष की खुशियां मनाने लोग यहां काफी संख्या में जुटते हैं. इस वर्ष भी दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह से यहां लोगों का पिकनिक मनाने के लिए आना शुरू हो गया है. पनसुआं डेम के पार स्थित गांवों के लोग यहां आर-पार होने के लिये लकड़ी की छोटी नाव का उपयोग करते हैं.
पिकनिक मनाने यहां आने वाले कई लोग इसी लकड़ी की छोटी नाव से बोटिंग का भी आनंद उठाते हैं. अब मत्स्य विभाग के सहयोग से यहां दो बड़ी नाव भी दी गयीं हैं और इस नाव से भी लोग बोटिंग का आनंद लेते हैं, लेकिन यहां आने वाले पर्यटकों को यहां साफ-सफाई के अलावा कई अन्य सुविधाओं की कमी नजर आ रही है.
पनसुआं डैम से सटी हुए छोटी पहाड़ी में सिंहभूम क्षेत्र की ईस्ट देवी मानी जाने वाली मां पाऊड़ी देवी का मंदिर है. पर्यटक यहां पूजा-अर्चना भी करते हैं और मां पाऊड़ी के समक्ष मत्था टेककर लोग अपने परिवार की सुख-समृद्धि एवं शांति की कामना करते हैं.
प्राकृतिक सौंदर्य के साथ आस्था का केंद्र के रूप में क्षेत्र में प्रसिद्ध इस रमणीय पर्यटन स्थल में आने वाले पर्यटक यहां साफ-सफाई और अन्य सुविधाएं बढ़ाने की मांग करने लगे हैं.
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस पनसुआं डैम में पर्यटन की सुविधाएं बढ़ायी जाए तो इसे राज्य के पर्यटन के नक्शे पर एक मशहूर पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्धि मिलेगी. साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी.