घाटशिला: पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल स्थित मुसाबनी प्रखंड(Musabani block located in Ghatshila subdivision) के बेनाशोल पंचायत(Benashol Panchayat) की दुर्गा बस्ती में पिछले 1 महीने से एक मां ने अपने दिल के टुकड़े को घर के आंगन में अमरूद के पेड़ के सहारे बांधकर रखा है.
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पीड़ित मां ने बताया कि बेटे की दिमागी हालत ठीक नहीं है. वह गांव में कहीं भी उत्पात मचाना शुरू कर देता है. इसीलिए गांव वालों ने उनके परिवार को उसे बांधकर रखने की सलाह दी थी. महिला को उसके बेटे का बेहतर जगह इलाज कराने को कहा गया था, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते बड़ी मुश्किल से दो वह वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाती है. ऐसे में इलाज कराना बहुत बड़ी समस्या हो गई है. महिला का पति दूसरी शादी कर चुका है और कहीं और रहता है. जितनी भी जमा पूंजी थी, सारी बेटे के इलाज में खर्च हो चुकी है. पति के जाने के बाद महिला के पास अब ना ही राशन कार्ड है और ना उसे राशन मिलता.
आर्थिक तंगी बन रही इलाज में रोड़ा
घर में खाने के लाले पड़ गए हैं, क्योंकि महिला को बेटे की देखरेख करने के लिए घर में ही रहना पड़ता है. महिला मनरेगा मजदूर है और कुछ दिनों से काम पर भी नहीं जा रही है. स्थानीय मुखिया सुक्रुरमुनी हेम्ब्रम और समाजसेवी गौरांग माहली की मदद से युवक को एक सरकारी डॉक्टर के पास दिखाया, लेकिन उसका दिमागी संतुलन और भी ज्यादा खराब हो गया. बीमार युवक सारा दिन मां से खाने के लिए मांगता रहता है. इसलिए मां उसे जंजीरों से बांधकर रखती है. मां की फरियाद है कि उनके बेटे का रांची स्थित अस्पताल में इलाज कराया जाए, लोगों से मदद के लिए गुहार भी लगाई है.
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स्थानीय समाजसेवी क्या बोले
वहीं, स्थानीय समाजसेवी गौरंग माहली का कहना है हमने पहले भी इनकी कुछ मदद की थी, लेकिन अब पानी सिर से ऊपर उठ गया है. इनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उनका कहता है कि स्थानीय विधायक रामदास सोरेन फिलहाल किसी कार्य के चलते क्षेत्र से बाहर हैं, उनके आते ही इस मामले को उनके पास रखा जाएगा. बीमार युवक को हर संभव मदद दिलाने की कोशिश रहेगी.