चाईबासाः मझगांव प्रखंड अंतर्गत 12 पंचायतों के लगभग 88 गांव में मनरेगा के तहत क्षेत्र के हजारों मजदूरों काम करने के लगभग दो महीने बाद भी भुगतान नहीं हुआ है. मझगांव प्रखंड क्षेत्र में मजदूरों की भुगतान राशि लगभग 2 करोड़ से अधिक हो चुकी है. लेकिन दो महीने होने पर भी अब तक मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं मिल पा रहा है.
ये भी पढ़ेंः-किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन आज, रेलवे ने किए खास इंतजाम
मजदूरी नहीं मिलने पर मजदूर भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. सैकड़ों मनरेगा मजदूर आए दिन दूरदराज गांव से आकर प्रखंड मुख्यालय में स्थित बैंकों का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन उन्हें निराश होकर भूखे प्यासे खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. कई ऐसे मनरेगा मजदूर हैं. जिनके घर का चूल्हा मनरेगा योजना में कार्य करके चलता था. लेकिन कार्य के बाद भुगतान नहीं होने पर भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. कई मजदूरों ने बताया कि लगभग बीते 1 महीने से सिर्फ घर में राशन से मिलने वाले चावल का खाना ही बना कर खा रहे हैं. अगर वह चावल भी नहीं मिलता, तो भूख के कारण हमारी मौत भी हो जाती.
- वीरेंद्र किंडो- प्रखंड विकास पदाधिकारी मझगांव ने कहा कि मजदूरों की मजदूरी के भुगतान की समस्या को वरीय पदाधिकारियों को अवगत समय-समय पर करवाया जा रहा है. लेकिन यह मामला पूरे झारखंड में है, उम्मीद है जल्द ही मजदूरों को मजदूरी का भुगतान हो जाएगा.
- अनमोल रत्न टोपनो, बीपीओ मनरेगा मझगांव ने कहा कि मनरेगा योजना का भुगतान राज्य की ओर से नहीं हुआ है. जिसके कारण मजदूरों को उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है. वरीय पदाधिकारियों के अनुसार जल्द ही मजदूरी का भुगतान उनके निजी खातों में डाल दिया जाएगा.
- पूनम जेराई- प्रखंड प्रमुख मझगांव ने कहा कि मजदूरी भुगतान नहीं होने से हो समाज का सबसे बड़े मागे पर्व पर इसका सीधा असर पड़ेगा. वहीं भुगतान नहीं होने के कारण मनरेगा मजदूर पर्व में अपनी जरूरत पूरी करने से वंचित रह जाएंगे. वरीय पदाधिकारी और सांसद, विधायक को संज्ञान में लेते हुए जल्द से जल्द मजदूरों की मजदूरी का भुगतान करवाया जाना चाहिए.
- संगीता चातार- ग्राम सरगररिया ने कहा कि मैं और मेरे परिवार के सदस्य बीते 6 सप्ताह से तालाब में चौका करने का कार्य करते आ रहे हैं लेकिन अब तक मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से परिवार चलाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
- सुकांति कुई ग्राम चतरीसाई ने कहा कि पदाधिकारी हम लोगों से काम लेकर हमारे साथ धोखा कर रहे हैं, रोजाना कहा जाता है कि आज मिलेगा कल मिलेगा, लेकिन 2 माह से अब तक पैसा खाता में नहीं आया है. घर में चावल के अलावा कुछ भी नहीं है.
- शुक्रमणि पिंगुवा- चतरीसाई ने कहा कि हमने पूरे 6 सप्ताह तालाब में कार्य किया है, अब हमारा सबसे बड़ा पर्व आरंभ होने वाला है. भुगतान नहीं होने के कारण हमारा पूरा परिवार पर्व मनाने से वंचित रह जाएगा.
- चंद्रमोहन चातार, ग्राम नयागांव ने कहा कि पैसा भुगतान नहीं होने के कारण रोजाना बच्चों को झूठ बोलना पड़ता है. अगर जल्द से जल्द भुगतान नहीं किया जाता है तो पैदल मार्च कर के धरना प्रदर्शन करेंगे.