चाईबासा: सारंडा क्षेत्र में बंद पड़ी खदान में तेंदुआ के पदचिन्ह मिले हैं, जिसे लेकर सारंडा वन प्रमंडल सतर्क हो गया है.
कोरोना के संकट काल में सारंडा की हसीन वादियां एक बार फिर से गुलजार हो गईं हैं एवं सारंडा के वन्य प्राणी क्षेत्र में एक बार फिर देखने को मिल रहे हैं.
लॉकडाउन लीज की अवधि समाप्त हो जाने के बाद में सारंडा क्षेत्र अंतर्गत कई खदानें बंद हो चुकी हैं, जिससे सारंडा के वन्य प्राणी अब सड़कों खदान क्षेत्र आदि जगहों पर निकल रहे हैं या दिखने लगे हैं.
विगत दिनों सारंडा क्षेत्र की बंद पड़ी एक खदान में तेंदुए के पदचिन्ह मिले थे, जिसे देखकर ग्रामीणों ने बाघ के पदचिन्ह होने की अनुमान लगाया था.
इसकी सूचना वन विभाग के कर्मचारियों को दी गई, जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने खदान क्षेत्र में पहुंचकर पदचिन्ह के फोटो एवं नाप लिए.
वन्य प्राणी के नाप लेकर विशेषज्ञ के पास भेजा गया है, जहां वन्य प्राणी के पदचिन्ह की पहचान तेंदुए के रूप में की गई है.
सारंडा के डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि किरीबुरू सारंडा के समीप जंगल में स्थित मंदिर के आसपास क्षेत्रों में पूर्व के दिनों में बाघ का आवागमन होता रहा है और देखे गए हैं.
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सारंडा के फारेस्ट गार्ड एवं वनमित्र दिन-रात पेट्रोलिंग कर रहे हैं, क्योंकि बरसात के दिनों में कीचड़ एवं दलदल में जंगली जानवरों के पद चिन्ह आसानी से देखे एवं पहचाने जा सकते हैं.
इसी पेट्रोलिंग के दौरान बंद पड़ी खदान में पद चिन्ह देखे गए हैं, जिसे देख कर उसका नाप लेकर विशेषज्ञों के पास भेजा गया हैं. इसके बाद विशेषज्ञों ने पद चिन्ह देख एवं नाप कर बताया है कि ये पद तेंदुए के हैं.
जंगली जानवरों की चुप कर रहने की प्रवृत्ति होती है. सामान्यतः वे सड़क पर रहना पसंद नहीं करते हैं. फिलहाल लॉकडाउन का समय है और इस लॉकडाउन में प्रकृति अपने रंग बिखेर रही है.