चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम के झींकपानी स्थित एसीसी सीमेंट फैक्ट्री में काम करने के दौरान सीमेंट के मलबे में दबने से मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई. घटना प्रथम पाली की बताई जा रही है, जब मजदूर सीमेंट फैक्ट्री में काम कर रहे थे उसी दौरान कोल हॉपर में स्लैग डालने के क्रम में स्लैग मजदूर के ऊपर ही गिर गया. इससे घटनास्थल पर ही मजदूर की मौत हो गई. सोमवार की सुबह झींकपानी एसीसी सीमेंट फैक्ट्री में प्रथम पाली में मजदूर प्रतिदिन की तरह काम पर लगे हुए थे. उसी दौरान स्लैग हटाने के क्रम में लोडर से सीमेंट बनाने के लिए उपयोग में लाने वाली स्लैग मजदूर के ऊपर गिर गई. उसमें दबने के कारण मजदूर की मौत हो गई.
मजदूर की मौत के बाद मजदूरों ने एसीसी सीमेंट प्रबंधन पर कई आरोप लगाते हुए इसे एक साजिश बताया है. मृतक के परिजनों की मांग है कि उन्हें मुआवजे के तौर पर 20 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को नियमित नौकरी दी जाए. इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए मजदूर कामगार यूनियन भी आगे आया है. मजदूर कामगार यूनियन के अध्यक्ष जॉन मीरन मुंडा ने प्रबंधन से यह मांग की है कि वह मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये नकद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें. जॉन मिरन मुंडा ने बताया कि इससे पहले भी कई मजदूरों की मौत कंपनी की लापरवाही के कारण हो चुकी है, जिसका उचित मुआवजा भी मृतक के परिजनों को अब तक नहीं मिला है. एसीसी सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन ठेका मजदूरों की मौत फैक्ट्री परिसर में होने पर मात्र 3-3 लाख रुपये देकर मामले को रफा दफा कर देती है और उनके आश्रितों को स्थाई नौकरी भी नहीं देती है.
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चाईबासा के सदर अस्पताल में मृतक के शव के अंतिम परीक्षण के बाद मृतक के घरवालों ने शव ले जाने से इंकार कर दिया, उनका कहना था कि पहले उन्हें मुआवजा की राशि दी जाए, उसके बाद ही मजदूर के शव को उठाएंगे. पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को तत्काल सहयोग के रूप में 15 हजार रुपये सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अमर पांडे के हाथों दिलाए गए. इसके साथ ही मृतक के परिजनों को यह विश्वास दिलाया कि जल्द ही उन लोगों को उचित मुआवजा और नौकरी भी दी जाएगी, तब जाकर मृतक के परिजन माने और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.