चाईबासा: मनरेगा के तहत जिले में बड़े परिवर्तन के उद्देश्य की पूर्ति के लिए झारखंड राज्य के मनरेगा आयुक्त ने समाहरणालय स्थित सभागार में जिले के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने जिले के सभी पदाधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए.
प्रखंडवार समीक्षा की गई
बैठक में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि प्रायः देखने को मिलता है कि पूर्व से संचालित व्यवस्था में कुछ प्रतिशत परिवर्तन ही सभी जगह देखने को मिलता है, लेकिन क्या हम इस योजना के तहत आमूलचूल परिवर्तन कर पाए हैं. अपने जिले में हमारी क्या जरूरतें हैं और क्या हम इन चीजों की पूर्ति आम जनों के लिए कर पा रहे हैं. इससे संबंधित सभी बिंदुओं पर प्रखंड वार बैठक में चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि पुनः जिले का भ्रमण करेंगे और अब पूरी टीम एक नए तरीके से काम करेगी, ताकि आगामी दो-तीन सप्ताह में मनरेगा सहित ग्रामीण विकास विभाग के सभी कार्यक्रम में हम बेहतर प्रदर्शन कर पाएं.
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ये हैं प्रमुख कार्यक्रम
मनरेगा आयुक्त ने बताया कि गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य की पूर्ति के लिए संचालित मनरेगा योजना देश सहित पूरे राज्य का बहुत बड़ा कार्यक्रम है, जिसे अधिकांशतः व्यक्ति सिर्फ एक रोजगार का साधन मात्र समझते हैं. उन्होंने कहा कि उनका यह मानना है कि मनरेगा कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों को गरीबी मुक्त करने का एक बेहतर विकल्प है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति योजना का संचालन, सरकारी और निजी जमीनों पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम, फलदार वृक्ष, बांस का पौधारोपण, चेक डैम का निर्माण, सड़क, पीसीसी पथ का निर्माण, फेवर ब्लॉक का निर्माण, चबूतरे का निर्माण, आंगनवाड़ी केंद्र का निर्माण और पंचायत भवन का निर्माण किया जा सकता है.