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राज्यपाल ने मटकहातु की महिलाओं की तारीफ में पढ़े कसीदे, कहा-आत्मविश्वास से लबरेज हैं आधी आबादी

झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन पश्चिमी सिंहभूम जिले के सदर प्रखंड स्थित मटकहातु के ग्रामीणों से मिले. उनसे बात की. उनकी परेशानियां सुनी.

Jharkhand Governor CP Radhakrishnan
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन मटकमहातु गांव पहुंचे
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Published : Jun 19, 2023, 7:41 AM IST

चाईबासा: राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पश्चिमी सिंहभूम जिला के अपने दौरे पर सदर प्रखंड के मटकमहातु गांव पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के साथ संवाद किया. इस दौरान उन्होंने गांववालों को कहा कि यहां की महिलाएं आत्मविश्वास से लबरेज हैं. वे घर की चहारदीवारी से बाहर निकल स्वावलंबी बनने की दिशा में अग्रसर हैं.

ये भी पढ़ें: चाकुलिया में राज्यपाल का ग्रामीणों के साथ संवाद, पर्यावरण दिवस समापन समारोह में भी हुए शामिल

राज्यपाल ने कहा कि महिलाएं अपना व्यवसाय कर रही हैं. उन्हें पैसों के लेनदेन से भय नहीं लगता है. वे अपने निर्णय स्वयं ले रही हैं. अपना और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर रही हैं. राज्यपाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा और दूध देने के संबंध में उपायुक्त से चर्चा की है. इससे बच्चों में प्रोटीन की मात्रा बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि सरकार की अन्य योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को गाय एवं मुर्गियां दी जाती हैं. गौपालक आंगनबाड़ी को दूध आपूर्ति कर सकते हैं एवं मुर्गीपालक अंडा. इससे उनकी आय में वृद्धि होगी ही एवं आंगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों का भी विकास होगा.

राज्यपाल ने बताया कि जापान में विशेष प्रकृति के एक आम की कीमत 40000 रुपये एवं भारत में 1000 होता है. कहा कि यदि हम झारखंड में भी इस तरह का आम उगा सके तो यहां विकास की नई गाथा लिखी जा सकती है. उन्होंने कहा कि वे बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में भाग लेंगे और वहां इसकी संभावना तलाशेंगे.

राज्यपाल ने वहां उपस्थित जनसमूह को कहा कि अपनी जमीन से होने वाली आय एवं बैंक अकाउंट का उपयोग बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में अवश्य करें. उन्हें ड्रॉप आउट नहीं होने दें. सरकार भी इसके लिए प्रयत्नशील है. उन्होंने कहा कि चाईबासा जिला झारखंड का एकमात्र ऐसा जिला है जहां के सभी प्रखडों में एकलव्य स्कूल खोले जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अथक परिश्रम से आज भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का देश बन गया है. जैसे-जैसे हमारी अर्थव्यववस्था बढ़ेगी, वैसे-वैसे निश्चित रूप से लोगों का जीवनस्तर भी बढ़ेगा. उक्त अवसर पर राज्यपाल ने लाभुकों के मध्य परिसंपत्तियों का वितरण भी किया है.

पंचायत के मुखिया द्वारा केज कल्चर से मछ्ली पालन योजना के बारे में बताया गया. कहा कि 52 परिवार मछ्ली पालन से जुड़कर आत्मनिर्भर हो रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि एक सशक्त एवं कर्मयोगी मुखिया के होने से गांव की बहुत सारी समस्याओं का समाधान वहीं हो जाता है. प्रशासन के अधिकारियों को भी योजनाओं को लागू करने में सहूलियत होती है. उन्होंने कहा कि बंद पड़े खदानों को तालाब में परिणत कर मछ्लीपालन की यहां व्यापक संभावनाएं हैं. कहा कि इसके लिए वे माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरूगन को यहां आने के लिए आमंत्रित करेंगे ताकि नई योजनाएं बनाई जा सके और उसका वित्त पोषण भी किया जा सके.

राज्यपाल ने अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय, चाईबासा का भ्रमण किया. वहां उन्होंने विद्यालय के विभिन्न कक्षाओं में जाकर बच्चों से संवाद कर उन्हें प्रदत्त सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की. राज्यपाल महोदय ने बच्चों से वीआर लैब से प्राप्त होने वाली शिक्षा के संबंध में भी पूछा. उन्होंने बालिकाओं का मनोबल बढ़ाया. जीवन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने बच्चों को संदेश दिया कि इरादा पक्का हो तो कुछ भी असंभव नहीं है.

चाईबासा: राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पश्चिमी सिंहभूम जिला के अपने दौरे पर सदर प्रखंड के मटकमहातु गांव पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के साथ संवाद किया. इस दौरान उन्होंने गांववालों को कहा कि यहां की महिलाएं आत्मविश्वास से लबरेज हैं. वे घर की चहारदीवारी से बाहर निकल स्वावलंबी बनने की दिशा में अग्रसर हैं.

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राज्यपाल ने कहा कि महिलाएं अपना व्यवसाय कर रही हैं. उन्हें पैसों के लेनदेन से भय नहीं लगता है. वे अपने निर्णय स्वयं ले रही हैं. अपना और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर रही हैं. राज्यपाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा और दूध देने के संबंध में उपायुक्त से चर्चा की है. इससे बच्चों में प्रोटीन की मात्रा बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि सरकार की अन्य योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को गाय एवं मुर्गियां दी जाती हैं. गौपालक आंगनबाड़ी को दूध आपूर्ति कर सकते हैं एवं मुर्गीपालक अंडा. इससे उनकी आय में वृद्धि होगी ही एवं आंगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों का भी विकास होगा.

राज्यपाल ने बताया कि जापान में विशेष प्रकृति के एक आम की कीमत 40000 रुपये एवं भारत में 1000 होता है. कहा कि यदि हम झारखंड में भी इस तरह का आम उगा सके तो यहां विकास की नई गाथा लिखी जा सकती है. उन्होंने कहा कि वे बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में भाग लेंगे और वहां इसकी संभावना तलाशेंगे.

राज्यपाल ने वहां उपस्थित जनसमूह को कहा कि अपनी जमीन से होने वाली आय एवं बैंक अकाउंट का उपयोग बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में अवश्य करें. उन्हें ड्रॉप आउट नहीं होने दें. सरकार भी इसके लिए प्रयत्नशील है. उन्होंने कहा कि चाईबासा जिला झारखंड का एकमात्र ऐसा जिला है जहां के सभी प्रखडों में एकलव्य स्कूल खोले जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अथक परिश्रम से आज भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का देश बन गया है. जैसे-जैसे हमारी अर्थव्यववस्था बढ़ेगी, वैसे-वैसे निश्चित रूप से लोगों का जीवनस्तर भी बढ़ेगा. उक्त अवसर पर राज्यपाल ने लाभुकों के मध्य परिसंपत्तियों का वितरण भी किया है.

पंचायत के मुखिया द्वारा केज कल्चर से मछ्ली पालन योजना के बारे में बताया गया. कहा कि 52 परिवार मछ्ली पालन से जुड़कर आत्मनिर्भर हो रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि एक सशक्त एवं कर्मयोगी मुखिया के होने से गांव की बहुत सारी समस्याओं का समाधान वहीं हो जाता है. प्रशासन के अधिकारियों को भी योजनाओं को लागू करने में सहूलियत होती है. उन्होंने कहा कि बंद पड़े खदानों को तालाब में परिणत कर मछ्लीपालन की यहां व्यापक संभावनाएं हैं. कहा कि इसके लिए वे माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरूगन को यहां आने के लिए आमंत्रित करेंगे ताकि नई योजनाएं बनाई जा सके और उसका वित्त पोषण भी किया जा सके.

राज्यपाल ने अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय, चाईबासा का भ्रमण किया. वहां उन्होंने विद्यालय के विभिन्न कक्षाओं में जाकर बच्चों से संवाद कर उन्हें प्रदत्त सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की. राज्यपाल महोदय ने बच्चों से वीआर लैब से प्राप्त होने वाली शिक्षा के संबंध में भी पूछा. उन्होंने बालिकाओं का मनोबल बढ़ाया. जीवन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने बच्चों को संदेश दिया कि इरादा पक्का हो तो कुछ भी असंभव नहीं है.

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