पश्चिमी सिंहभूम: जिले में चाईबासा के सुदूर गुदड़ी प्रखंड के लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तरसना पड़ता है. यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल ऐसा है कि मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद यहां डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी अपनी ड्यूटी नहीं निभाते हैं. यहां की हालत ऐसी हो गई है कि प्रखंड के बीडीओ को क्षेत्र के घायलों का प्राथमिक इलाज करना पड़ रहा है.
गुदड़ी प्रखंड मुख्यालय के पास राजगांव के पास एक युवक कई घंटे से घायल अवस्था में पड़ा हुआ था. जानकारी मिलने पर गुदड़ी के बीडीओ सुनील वर्मा उसे प्रखंड कार्यालय भवन में संचालित स्वास्थ्य केंद्र ले आए, लेकिन यहां ताला लटका हुआ था. यहां ड्यूटी पर प्रतिनियुक्त स्वास्थ्यकर्मी नदारद थे. बीडीओ ने किसी तरह स्वास्थ्य केंद्र का कमरा खुलवाया. यहां बीडीओ साहब को ही डॉक्टर बनना पड़ा और उन्होंने अपने कर्मियों के साथ मिलकर घायल युवक का प्राथमिक इलाज किया. इसके बाद बीडीओ घायल युवक को अपने साथ लेकर सोनुआ अस्पताल पहुंचे. उन्होंने घायल युवक का इलाज करवाया. मौके पर उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. पराव मांझी से गुदड़ी में प्रतिनियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों के ड्यूटी से नदारद होने के बारे में जवाब-तलब किया. साथ ही बीडीओ ने दोनों स्वास्थ्यकर्मियों को शोकॉज करने का निर्देश दिया.
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विधायक प्रतिनिधि दीपक प्रधान ने बताया कि गुदड़ी क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ देने के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और लोगों की मांग पर करीब दो वर्ष पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश पर जिले के सिविल सर्जन की ओर से यहां रोस्टर के आधार पर डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को गुदड़ी प्रखण्ड मुख्यालय में ड्यूटी के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद यहां डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी नहीं निभाते. पिछले वर्ष जिला प्रशासन की ओर से गुदड़ी प्रखंड मुख्यालय में स्वास्थ्य केंद्र भी शुरू किया गया, लेकिन अब भी यहां से स्वास्थ्यकर्मी नदारद रहते हैं. इससे क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है.