चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के किरीबुरु स्थित जेनरल अस्पताल के पीछे वर्षों से बंद पड़े मुर्दाघर में अवैध तरीके से रह रहे अमीर हुसैन उर्फ काना और उसकी 4 साल की बेटी बिजली घर के अंदर जिंदा जल गए. सोमवार की रात घर में आग लगने से दोनों की मौत गई. कुछ लोगों का कहना है कि घर के अंदर रखे चूल्हे से समान और कपड़े में आग लग गई जिसमें जलकर दोनों की मौत हो गई. हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि आग कैसे लगी थी.
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जानकारी के अनुसार, सेल के द्वारा पुराना मुर्दाघर अस्पताल के पीछे सुनसान और एकांत स्थान पर बनाया गया था. यह मुर्दाघर पिछले काफी सालों से खाली था. इसे खाली देखकर अमीर हुसैन अपने परिवार के साथ इसमें अवैध तरीके से रहता था. सोमवार की रात जब यह घटना घटी तो इसकी जानकारी किसी को भी नहीं हो सकी क्योंकि वहां आसपास में कोई भी नहीं रहता है. कहा जा रहा है कि अमीर हुसैन घर के अंदर से ताला लगाकर अपनी 4 वर्षीय बेटी के साथ सोया था. इसी दौरान आग लगी और दोनों उस आग में जलकर मर गए.
मामले की जानकारी मिलने के बाद किरीबुरू थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस का भी कहना है कि अभी ये साफ नहीं हो पा रहा है कि घर के अंदर आग कैसे लगी, घटना स्थल को देखकर सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं कि आग या तो चूल्हे से लगी है या फिर शॉट सर्किट से. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
लोगों का कहना है कि मृतक अमीर हुसैन के 4 बच्चे हैं, वह मेघाहातुबुरू टाऊनशिप क्षेत्र से कबाड़ चुनता था और उसे बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था. वह इस घर में छोटी बहन के साथ रहता था. जबकि परिवार के अन्य सदस्य मंगलाहाट हाटिंग में रहते थे.