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केले की खेती ने किसानों को बनाया मालामाल, प्रदान संस्था की पहल से रुक रहा पलायन

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Published : Nov 6, 2020, 6:44 PM IST

पश्चिम सिंहभूम जिले के कई ग्रामीण व क्षेत्र के लोग रोजगार के अभाव में पलायन के लिए मजबूर होते हैं. इस समस्या के निदान के लिए अब प्रदान संस्था के सहयोग से जिले के बंदगांव क्षेत्र के कई गांवों के लोग केले की खेती से जुड़कर रोजगार कर रहे हैं.

banana farming in chaibasa
केले की खेती

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के बंदगांव क्षेत्र के कई गांवों के लोग रोजगार के अभाव में अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए दूसरे शहर या दूसरे राज्य में पलायन करने को मजबूर होते हैं. इस समस्या के निदान के लिए प्रदान संस्था की पहल और सहयोग से क्षेत्र के कई गांवों के ग्रामीण केले की खेती से जुड़कर रोजगार कर रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

उन्नत किस्म के केले की खेती शुरू
प्रदान संस्था की पहल पर बंदगांव प्रखंड के नकटी क्षेत्र के कंसरा, भरंडिया, सुमनसाई, तेंदा और इन्द्रूवां गांवों के ग्रामीणों ने वर्ष 2018 में उन्नत किस्म के केले की खेती शुरू की थी. संस्था की ओर से ग्रामीण किसानों की समिति बनाकर उन्हें खेती के लिए तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया गया. पांच गांवों के 51 ग्रामीण किसानों ने 30 एकड़ जमीन में केले की खेती शुरू की थी, जो अब फल देने लगे हैं. इससे इन किसानों की कमाई शुरू हो चुकी है.

इसे भी पढ़ें- सीबीआई और आम सहमति : सहकारी संघवाद पर हमला

नकटी क्षेत्र के इन किसानों के केले की खेती और उससे शुरू हुई कमाई को देखते हुए क्षेत्र के अन्य किसान भी इससे जुड़ने के लिए मन बना रहे हैं. रोजगार की खोज में लोगों का जो पलायन होता है, उसे भी रोकने में काफी सफलता मिल रही है.

आय बढ़ाने के उद्देश्य से केले की खेती
उपायुक्त ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ते हुए उनकी आय को बढ़ाने के उद्देश्य से केले की खेती करवाई जा रही है, जिसमें काफी अच्छा काम किया जा रहा है और ग्रामीणों का भी सहयोग प्राप्त हो रहा है.

कोल्हान आयुक्त की ओर से भी क्षेत्र के ग्रामीणों की इनकम को बढ़ाने के लिए कॉमर्शियल व्यापार जैसे शिमला मिर्च आदि खेती के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे किसानों की आय वृद्धि हो सके. इसके अलावा किसानों को खेती करने के लिए डीप बोरिंग से लेकर उत्पादों की बिक्री तक का सहयोग मिलेगा.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के बंदगांव क्षेत्र के कई गांवों के लोग रोजगार के अभाव में अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए दूसरे शहर या दूसरे राज्य में पलायन करने को मजबूर होते हैं. इस समस्या के निदान के लिए प्रदान संस्था की पहल और सहयोग से क्षेत्र के कई गांवों के ग्रामीण केले की खेती से जुड़कर रोजगार कर रहे हैं.

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उन्नत किस्म के केले की खेती शुरू
प्रदान संस्था की पहल पर बंदगांव प्रखंड के नकटी क्षेत्र के कंसरा, भरंडिया, सुमनसाई, तेंदा और इन्द्रूवां गांवों के ग्रामीणों ने वर्ष 2018 में उन्नत किस्म के केले की खेती शुरू की थी. संस्था की ओर से ग्रामीण किसानों की समिति बनाकर उन्हें खेती के लिए तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया गया. पांच गांवों के 51 ग्रामीण किसानों ने 30 एकड़ जमीन में केले की खेती शुरू की थी, जो अब फल देने लगे हैं. इससे इन किसानों की कमाई शुरू हो चुकी है.

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नकटी क्षेत्र के इन किसानों के केले की खेती और उससे शुरू हुई कमाई को देखते हुए क्षेत्र के अन्य किसान भी इससे जुड़ने के लिए मन बना रहे हैं. रोजगार की खोज में लोगों का जो पलायन होता है, उसे भी रोकने में काफी सफलता मिल रही है.

आय बढ़ाने के उद्देश्य से केले की खेती
उपायुक्त ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ते हुए उनकी आय को बढ़ाने के उद्देश्य से केले की खेती करवाई जा रही है, जिसमें काफी अच्छा काम किया जा रहा है और ग्रामीणों का भी सहयोग प्राप्त हो रहा है.

कोल्हान आयुक्त की ओर से भी क्षेत्र के ग्रामीणों की इनकम को बढ़ाने के लिए कॉमर्शियल व्यापार जैसे शिमला मिर्च आदि खेती के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे किसानों की आय वृद्धि हो सके. इसके अलावा किसानों को खेती करने के लिए डीप बोरिंग से लेकर उत्पादों की बिक्री तक का सहयोग मिलेगा.

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