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गीता कोड़ा की शिकायत को जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने किया खारिज, लक्ष्मण गिलुवा का नामांकन पत्र नहीं होगा रद्द - चाईबासा न्यूज

लक्ष्मण गिलुवा के नामांकन पत्र में हुई त्रुटियों जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त अरवा राजकमल ने खारिज कर दिया है.

नामांकन पत्र में हुई त्रुटियों को दिखाती गीता कोड़ा
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Published : Apr 25, 2019, 4:56 PM IST

चाईबासा: लोकसभा चुनाव को लेकर सिंहभूम लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुवा के नामांकन पत्र में हुई त्रुटियों को लेकर महागठबंधन की प्रत्याशी गीता कोड़ा की ओर से दर्ज शिकायत को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त अरवा राजकमल ने खारिज कर दिया है.

निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त अरवा राजकमल का बयान

उन्होंने कहा कि शिकायत के आलोक में जनरल ऑब्जर्वर उपस्थिति में सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है, जिसमें महागठबंधन के प्रत्याशी के द्वारा जो भी आपत्ति दर्ज की गई है, उसमें मूलतः तकनीकी कारणों के कारण कुछ खामियां देखने को मिली है. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के आलोक में यह स्पष्ट दर्शाया गया है कि प्रत्याशियों की ओर से नामांकन के कुछ कॉलम में गलत जानकारी देने के बावजूद प्रत्याशी के नामांकन को रद्द करने का प्रावधान नहीं है.

इस संबंध में गलत सूचना दिए जाने की जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन शपथ पत्र में जो भी जानकारियां दी गई है. उसमें जोड़ घटाव में उनका टोटल गलत किया गया है. इसी तरह के कई सारे त्रुटियां हुई हैं.

वहीं, भारत निर्वाचन आयोग के ओर से दी गई रिटर्निंग ऑफिसर हैंडबुक और सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पीयूसीएल एंड अदर सोर्सेज ऑफ इंडिया में भी इस मामले में 2003 में भी फैसला आया था.

उसके बाद 2013 में रिसरजेंट इंडिया बनाम चुनाव आयोग के फैसले में यह स्पष्ट किया गया कि सब शपथ पत्र में गलत जानकारी होने के बावजूद भी किसी भी प्रत्याशी की नामांकन को रद्द नहीं किया जा सकता है. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उसी समय स्वीकृति दी गई थी.

चाईबासा: लोकसभा चुनाव को लेकर सिंहभूम लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुवा के नामांकन पत्र में हुई त्रुटियों को लेकर महागठबंधन की प्रत्याशी गीता कोड़ा की ओर से दर्ज शिकायत को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त अरवा राजकमल ने खारिज कर दिया है.

निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त अरवा राजकमल का बयान

उन्होंने कहा कि शिकायत के आलोक में जनरल ऑब्जर्वर उपस्थिति में सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है, जिसमें महागठबंधन के प्रत्याशी के द्वारा जो भी आपत्ति दर्ज की गई है, उसमें मूलतः तकनीकी कारणों के कारण कुछ खामियां देखने को मिली है. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के आलोक में यह स्पष्ट दर्शाया गया है कि प्रत्याशियों की ओर से नामांकन के कुछ कॉलम में गलत जानकारी देने के बावजूद प्रत्याशी के नामांकन को रद्द करने का प्रावधान नहीं है.

इस संबंध में गलत सूचना दिए जाने की जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन शपथ पत्र में जो भी जानकारियां दी गई है. उसमें जोड़ घटाव में उनका टोटल गलत किया गया है. इसी तरह के कई सारे त्रुटियां हुई हैं.

वहीं, भारत निर्वाचन आयोग के ओर से दी गई रिटर्निंग ऑफिसर हैंडबुक और सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पीयूसीएल एंड अदर सोर्सेज ऑफ इंडिया में भी इस मामले में 2003 में भी फैसला आया था.

उसके बाद 2013 में रिसरजेंट इंडिया बनाम चुनाव आयोग के फैसले में यह स्पष्ट किया गया कि सब शपथ पत्र में गलत जानकारी होने के बावजूद भी किसी भी प्रत्याशी की नामांकन को रद्द नहीं किया जा सकता है. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उसी समय स्वीकृति दी गई थी.

Intro:चाईबासा। लोकसभा चुनाव को लेकर सिंहभूम लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुवा के नामांकन पत्र में हुई त्रुटियों को लेकर महागठबंधन के प्रत्याशी गीता कोड़ा के द्वारा दर्ज शिकायत को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त अरवा राजकमल ने खारिज कर दिया है। भारत निर्वाचन आयोग के रिटर्निंग ऑफिसर हैंडबुक के अनुसार शपथ पत्र में गलत एवं गलत सूचना देने बाद भी कुछ कारण से किसी अभ्यर्थी के नामांकन रद्द नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं।




Body:उन्होंने कहा कि शिकायत के आलोक में जनरल ऑब्जर्वर उपस्थिति में सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है। जिसमें महागठबंधन के प्रत्याशी के द्वारा जो भी आपत्ति दर्ज की गई है। उसमें मूलतः तकनीकी कारणों के कारण कुछ खामियां देखने को मिली है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के आलोक में यह स्पष्ट दर्शाया गया है की प्रत्याशियों द्वारा नामांकन के कुछ कॉलम में गलत जानकारी देने के बावजूद प्रत्याशी के नामांकन को रद्द करने का प्रावधान नहीं है।

बल्कि इस मामले में गलत सूचना दिए जाने की जानकारी इस संबंध में नहीं दी गई है लेकिन शपथ पत्र में जो भी जानकारियां दी गई है जैसे जोड़ घटाव में उनका टोटल गलत किया गया है इसी तरह के कई सारे त्रुटियां हुई हैं भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा दी गई रिटर्निंग ऑफिसर हैंडबुक एवं सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पीयूसीएल एंड अदर सोर्सेज ऑफ़ इंडिया कभी एक मामले में 2003 में भी फैसला आया था। उसके बाद 2013 में रिसरजेंट इंडिया बनाम चुनाव आयोग के फैसले में यह स्पष्ट दिया गया है कि सब शपथ पत्र में गलत जानकारी होने के बावजूद भी किसी भी प्रत्याशी की नामांकन को रद्द नहीं किया जा सकता है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उसी समय स्वीकृति दी गई थी।


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