चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला समाहरणालय में जिला उपायुक्त आरवा राजकमल की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग और समाज कल्याण विभाग के संयुक्त समीक्षा बैठक हुई. इसमें दोनों विभागों के पदाधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए जिले में संचालित स्वास्थ्य और कुपोषण कार्यक्रम का लाभ लाभुकों को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिया गया.
संस्थागत प्रसव केंद्र खोलने की योजना
जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि नियमित कार्यों से संबंधित प्रतिवेदन के साथ-साथ संस्थागत प्रसव केंद्र में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की गई, जिला प्रशासन मूल रूप से संस्थागत प्रसव केंद्र के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रही है, ताकि जन्म के समय से ही नवजात को पौष्टिक आहार से संबंधित जानकारी उनके अभिभावकों को उपलब्ध कराया जा सके. उन्होंने बतायाा कि सरकार ने संस्थागत प्रसव केंद्र जो पहले जिले में 13 थे वह अब 40 की संख्या में हैं और जिला प्रशासन का पूरे जिले में 60 संस्थागत प्रसव केंद्र खोलने की योजना है.
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सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित लोगों का स्वास्थ्य जांच करने का निर्देश
जिला उपायुक्त ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर संचालित स्वास्थ्य योजनाएं और कुष्ठ निवारण मलेरिया उन्मूलन आदि योजनाओं की प्रगति प्रतिवेदन की भी समीक्षा की गई है. उन्होंने बताया कि बैठक में रोरो माइंस क्षेत्र में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित लोगों को इलाज के संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर भी डॉक्टरों की टीम से चर्चा की गई, स्वास्थ्य विभाग ने एक अन्य कैंप लगाकर सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित लोगों का फिर से स्वास्थ्य जांच कराने का आदेश दिया है.
डीएमएफटी फंड से लाए गए वर्तमान में 17 विशेषज्ञ डॉक्टर
अरवा राजकमल ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड से सदर अस्पताल में अभी वर्तमान में 17 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है, जिसमें विशेषकर हड्डी रोग विशेषज्ञ शामिल हैं, जिले में हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं रहने के कारण दिव्यांग जनों को प्रमाण पत्र लेने में परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि जिले में शिविर लगाकर दिव्यांगजनों का प्रमाण पत्र बनाने का कार्य किया जाएगा, जिससे पेंशन से वंचित दिव्यांग जनों को पेंशन की राशि मुहैया करवाई जा सकेगी.
नवजात शिशु मृत्यु दर और माता मृत्यु दर में लाएं कमी
उपायुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के साथ समाज कल्याण विभाग की समीक्षा के क्रम में दोनों विभागों को आपसी संबंध स्थापित करते हुए नवजात शिशु मृत्यु दर और माता मृत्यु दर में कमी लाने का कार्य संपादित किया जाना है. बैठक में सभी बाल विकास पदाधिकारी और महिला पर्यवेक्षक को कुपोषण से संबंधित प्रतिमा 5 बच्चे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी को बच्चों के जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों की जानकारी तत्काल रुप से बाल विकास पदाधिकारी को उपलब्ध करवाने को कहा. उन्होंने कम वजन वाले बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए उनके अभिभावकों को जानकारी देने का निर्देश दिया.