चाईबासा: जिला के जगन्नाथपुर प्रखंड के ओडिशा बॉर्डर स्थित रामतीर्थ में मकर संक्रांति पर प्रति वर्ष लगने वाला ऐतिहासिक मेला दो साल बाद लगा. कोरोना महामारी के कारण पिछले 2 साल यह मेला नहीं लगा था. इस बार रामतीर्थ के वैतरणी नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाए. वहीं, मेले में श्रद्धालुओं ने जमकर खरीदारी की. मकर संक्रांति के अवसर पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और सांसद गीता कोड़ा भी रामतीर्थ मंदिर पहुंचे. जहां दोनों ने पूजा अर्चना की और ईश्वर से क्षेत्र के लोगों की खुशहाली के लिए कामना की.
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बता दें कि इस क्षेत्र में दो दिन मकर संक्रांति मनाया जा रहा है. हालांकि, 14 जनवरी को मकर संक्रांति वर्षों से लोग मनाते आ रहे हैं, लेकिन कुछ पंचांग के अनुसार 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति का दिन तय कर दिया गया है. इसलिए दो दिन मकर संक्रांति मनाई जा रही है. रामतीर्थ वैतरणी नदी में अहले सुबह लोगों ने नदी में डुबकी लगाकर भगवान सूर्य को नमन किया. पूजा-अर्चना कर दान करते हुए वे पुण्य के भागी भी बने.
वैतरणी नदी पर सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ी. मंदिर में पुजारियों की ओर से नियमित पूजा और कीर्तन किया जा रहा है. क्षेत्र के ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने भी मेला का भरपूर आनंद उठाया. ऐतिहासिक मेले में हर साल की तरह छोटे-बड़े झूले के अलावा मीना बाजार, कृषि के लोहे सामग्री के दुकान, बर्तन दुकान सहित विभिन्न प्रकार की मिठाई और अन्य खाने-पीने की चीजें मिल रही हैं. मालूम हो कि हर साल इस मेले में सैकड़ों दुकानें लगती आई हैं. क्षेत्र के लोग मेले के लिए एक महीने पहले से तैयारी करते हैं. रामतीर्थ स्थल पर जगन्नाथपुर अनुमंडल प्रशासन की ओर से दंडाधिकारी की भी नियुक्ति की गई.